28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

भागलपुर के मुन्ना पांडे को नहीं लगेगी फांसी, पटना हाईकोर्ट ने 5 साल बाद अपना फैसला पलटा, बताया बेकसूर..

Advertisement

बिहार के भागलपुर जिले के सबौर प्रखंड में 11 साल की एक बच्ची के दुष्कर्म और हत्या मामले में बड़ी सुनवाई की गयी और फांसी की सजा पाए आरोपित मुन्ना पांडे को बेकसूर बताकर रिहा कर दिया गया. मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया. जानिए..

Audio Book

ऑडियो सुनें

Bihar News: पटना हाईकोर्ट ने भागलपुर के मुन्ना पांडे की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है. कथित तौर पर 11 साल की एक बच्ची के दुष्कर्म और हत्या के आरोप में मुन्ना पांडे को फांसी की सजा दी गयी थी. भागलपुर के सबौर का यह मामला था जिसमें सबौर पुलिस के द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. भागलपुर की अदालत में इस मामले की पहली सुनवाई की गयी और आरोपित मुन्ना पांडे को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुना दी गयी थी. उसके बाद इस फैसले को पटना हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया था. लेकिन मुन्ना पांडे की फांसी की सजा को बरकरार रखा गया. मामला यहां से आगे सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद पटना हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए मुन्ना पांडे को बेकसूर बताया और उसे रिहा किया गया.

- Advertisement -

पटना हाईकोर्ट ने कहा- झूठा फंसाया गया..

पटना हाइकोर्ट ने भागलपुर के सबौर की 11 वर्षीया बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में निचली अदालत से मौत की सजा पाये अभियुक्त मुन्ना पांडेय को बरी कर दिया. गुरुवार को न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने मुन्ना पांडेय को इस आधार पर बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष ने उचित संदेह से परे अपना मामला साबित नहीं किया और यह केस रिकॉर्ड से स्पष्ट था कि मुन्ना पांडे को इस मामले में झूठा फंसाया गया.

Also Read: बिहार: बेतिया में किडनैपरों ने आशीष को मार डाला, अगवा किए गए छात्र को नहीं बचा सकी पुलिस, मिली लाश..
सबौर में दुष्कर्म व हत्या का मामला, फांसी की मिली थी सजा 

बता दें कि इस संबंध में याचिकाकर्ता के खिलाफ 2015 में सबौर थाना में मामला दर्ज़ किया गया था. दो फरवरी, 2017 को भागलपुर के अपर सत्र न्यायाधीश, की अदालत ने मुन्ना पांडेय को दोषी करार देते हुए मृत्यु दंड (फांसी) की सजा सुनाई थी. 10 अप्रैल, 2018 को पटना उच्च न्यायालय ने जिला सत्र न्यायालय के निर्णय को सही पाया और मृत्यु दंड को बरकरार रखा था. उसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और अदालत के फैसले पर कई सवाल सर्वोच्च न्यायालय ने खड़े किए. उसके बाद पटना हाईकोर्ट को इस मामले से संबंधित सभी प्रासंगिक जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रतिप्रेषित किया.

राहत मिलने में सुप्रीम कोर्ट की रही अहम भूमिका..

सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को फिर से इस मामले में फैसला सुनाने का निर्देश दिया था. जिसके बाद पटना हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हुई और मुन्ना पांडे को इस आधार पर बरी कर दिया गया कि अभियोजन पक्ष अपना मामला साबित नहीं कर सका. वहीं अपीलकर्ता के वकील का कहना है कि पुलिस की जांच में कई खामियां थीं.

बांका में मासूम के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में सजा का ऐलान

इधर, बांका जिला के चांदन थाना के एक सनसनी खेज मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. महज आठ साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उनकी हत्या कर देने के मामले में कोर्ट ने गुरुवार को कांड के चार आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. यह सजा एडीजे 6 मुकेश कुमार की अदालत ने विचारण के बाद सुनायी है. साथ ही कोर्ट ने चारों आरोपितों पर 10-10 हजार का अर्थदंड भी लगाया है, अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर आरोपितों को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. कोर्ट परिसर से मिली जानकारी के अनुसार, सजा पाने वालों में सुइया निवासी सागर सोनी उर्फ पेंटर, चांदन बाजार निवासी डोमन पासवान उर्फ विकास कुमार, अजय वर्णवाल एवं श्रीधर वर्णवाल उर्फ छोटू का नाम शामिल है. कोर्ट ने यह सजा स्पीडी ट्रायल चलाकर धारा 302, 364, 376 डीवी, 201 आइपीसी, 120 बी एवं 4 पोक्सो एक्ट के तहत सुनायी है. वहीं कोर्ट ने अलग से जिला सेवा विधिक प्राधिकार को एक आदेश जारी कर पीड़ित परिजन को 15 लाख का मुआवजा देने की बात कहीं है. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में कुल 23 गवाह पेश किये गये.

क्या था मामला..

घटना 19 मार्च 2022 की है. बच्ची के चाचा के लिखित आवेदन पर चांदन थाना में 20 मार्च 2022 को घटना की प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इसमें उक्त आरोपितों पर बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या कर देने का आरोप लगाया गया था. प्राथमिकी में घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि घटना के दिन घर के पास खेल रही उनकी भतीजी दोपहर में अचानक गायब हो गयी. खोजबीन के क्रम में पता चला कि एक टोटो पर बच्ची बैठा हुआ देखा गया. पता करने पर टोटो मालिक सुइया निवासी सागर सोनी की पहचान की गयी. पूछताछ में चालक डोमन पासवान ने टोटो पर बच्ची बैठने की बात बतायी थी. चालक के उपर संदेह होने के बाद उसके बताये गये रास्ते पर बच्ची की खोजबीन शुरु की गयी. इसी दौरान रात के करीब 11 बजे बच्ची का शव चांदन रेलवे स्टेशन के समीप नाली बने सुरंग में बालू से ढका हुआ पुलिस को बरामद हुआ था. बच्ची खून से लथपथ थी. आशंका जतायी गयी कि बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने के बाद उनकी आंख को फोड़ दिया था और साक्ष्य को छिपाने के लिए हत्या कर दी गयी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें