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MP Election 2023: बीजेपी के खिलाफ कैसे उम्मीदवार को मैदान में उतारेगी कांग्रेस? इस दिन आ सकती है सूची

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MP Election 2023 : चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद कमलनाथ ने कहा था कि आज मतदान की तारीखों का ऐलान हो गया जिसका सभी को कई सालों से इंतजार था. जानें अब उम्मीदवारों की सूची को लेकर कमलनाथ ने क्या कहा है.

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MP Election 2023 : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद बीजेपी और कांग्रेस अब कुछ ज्यादा ही सक्रीय नजर आ रही है. जहां एक ओर बीजेपी ने अपनी चौथी लिस्ट जारी कर दी है. वहीं लोगों को अब कांग्रेस की लिस्ट का इंतजार है. इस बीच मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ का बयान सामने आया है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा पितृपक्ष की अवधि के बाद करेगी. आपको बता दें कि पितृपक्ष के दौरान हिंदू अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं. इस वर्ष यह 29 सितंबर को शुरू हुआ और 14 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा. इसका अर्थ ये हुआ कि 15 अक्टूबर को कांग्रेस अपनी सूची जारी कर सकती है. उल्लेखनीय है कि बीजेपी पहले ही प्रदेश के 230 विधानसभा क्षेत्रों में से 136 के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. कमलनाथ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस की सूची ‘श्राद्ध’ (पितृपक्ष के लिए एक और शब्द) के बाद जारी की जाएगी. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता ने बीजेपी सरकार को हटाने का फैसला कर लिया है. मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होगा जबकि मतगणना तीन दिसंबर को होगी.

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बीजेपी में मच गयी है खलबली

इससे पहले मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि विधानसभा चुनावों की तारीख़ की घोषणा होते ही बीजेपी में खलबली मच गयी है. ‘पन्ना प्रमुखों’ को अपनी चुनावी रणनीति का आधार माननेवाली बीजेपी में इस बार ‘पन्ना प्रमुखों’ के बीच अजब बेचैनी है. जिस प्रकार प्रदेश में प्रत्याशी ऊपर से थोपे जा रहे हैं, उससे बूथ स्तर पर पन्ना प्रमुखों में ये चर्चा है कि जब बीजेपी के बड़े-बड़े नामची नेताओं की नहीं चल रही है तो फिर पार्टी में हमारे भविष्य का क्या होगा. जिस बीजेपी के लिए हमने मेहनत की वो जब उच्च स्तर पर बैठे नेताओं को सिर्फ़ आदेशों का पालन करनेवाले मोहरे बनाकर चल रही है तो फिर हमारी सलाह या राजनीतिक हैसियत का तो कोई सवाल ही नहीं उठता. इसी कारण बूथ स्तर पर बीजेपी में निराशा और हताशा का माहौल है. सब धीरे-धीरे पार्टी से बाहर जाने का बहाना ढूंढ रहे हैं. सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करनेवाली भाजपा, सबसे बड़े आंतरिक पलायन का कीर्तिमान बनाने जा रही है. इस हिसाब से तो चुनाव की तारीख़ आने तक बीजेपी अपने कार्यालय तक ही सिमटकर रह जाएगी.

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कमलनाथ ने लिखा कि कहने को विधानसभा के चुनाव का परिणाम भले 3 दिसंबर को आयेगा लेकिन भाजपाइयों को तो पहले से ही मालूम है कि उनकी हार पक्की है. इसीलिए सुनने में आया है कि कल से ही बीजेपी के मंत्रियों और विधायकों के सरकारी आवासों की दीवारों से तस्वीरें उतरना शुरू हो गयी हैं और उन्होंने निकासी के लिए पहले से ही प्रबंध करने शुरू कर दिये हैं और सामान बटोरने का ये काम बड़े ध्यान से करवा रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं उनके कारनामों की कोई फाइल पीछे न छूट जाए. जनता बीजेपी से कह रही है आप परेशान न हों, हम ही आपका बोरिया-बिस्तर बांध देंगे.

2018 के विधानसभा चुनाव का परिणाम

गौर हो कि मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. कांग्रेस ने 114 सीटें हासिल की और सपा, बसपा और स्वतंत्र विधायकों के समर्थन से कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई. हालांकि, मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में उनके समर्थक विधायकों के कांग्रेस से विद्रोह के कारण कमलनाथ सरकार गिर गई.

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चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद कमलनाथ ने कहा था कि आज मतदान की तारीखों का ऐलान हो गया जिसका सभी को कई सालों से इंतजार था. यह लोकतंत्र का अपहरण करने वालों को सबक सिखाने और प्रदेश में सच्चाई की सरकार स्थापित करने का दिन होगा. कांग्रेस नेता 2018 में सत्ता में आने के 15 महीने बाद मार्च 2020 में उनके नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के पतन का परोक्ष तौर पर जिक्र कर रहे थे, जब पार्टी के कई विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में पार्टी छोड़ दी थी. सिंधिया के साथ उनके समर्थक विधायक बीजेपी में शामिल हो गए और वह स्वयं केंद्रीय मंत्री बन गए. इधर, मध्यप्रदेश के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संकेत दे चुके हैं कि स्वाभाविक रूप से कमलनाथ ही मुख्यमंत्री पद के लिये पार्टी का चेहरा होंगे.

भाषा इनपुट के साथ

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