28.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 04:21 pm
28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

World Arthritis Day 2023 : जोड़ों के दर्द से चलना हुआ मुश्किल, ऐसे करें गठिया से बचाव

Advertisement

World Arthritis Day 2023 : आज विश्व गठिया दिवस है. अपने आसपास देखें, तो आपको कई लोग मिल सकते हैं, जो अपने घुटनों और अन्य जोड़ों के दर्द के साथ परेशान हैं. जोड़ों के दर्द ने उनके चलने-फिरने को कठिन कर दिया है. चिकित्सा शब्दों में, इसे गठिया रोग या आर्थराइटिस कहा जाता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

World Arthritis Day 2023 : गठिया एक सूजन संबंधी joint disorder है, जो जोड़ों के आसपास के ऊतकों और अन्य संयोजी ऊतकों (connective tissues) को प्रभावित करता है, जिससे जोड़ों में दर्द और कठोरता होती है. गठिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने, शीघ्र निदान को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य स्थिति के बेहतर प्रबंधन को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 12 अक्टूबर को विश्व गठिया दिवस मनाया जाता है. गठिया सभी उम्र और पृष्ठभूमि के लोगों को प्रभावित करती है. इसमें 100 से अधिक विभिन्न प्रकार शामिल हैं, जिनमें ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीइड गठिया सबसे आम है. जोड़ों में दर्द, सूजन, कठोरता और कम गतिशीलता की विशेषता वाला गठिया पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है. व्यक्तियों और समाज पर गठिया के दूरगामी प्रभाव को समझना महत्वपूर्ण है, क्योंकि दुनिया भर में लाखों लोग इसकी चुनौतियों से जूझ रहे हैं.इन बातों के संबंध में जागरूकता फैलाकर ही इसे फैलने से रोका जा सकता है.

विश्व गठिया दिवस का इतिहास :

विश्व गठिया दिवस (डब्ल्यूएडी) की स्थापना आर्थराइटिस एंड रूमेटिज्म इंटरनेशनल (एआरआई) द्वारा की गई थी और पहला आयोजन 12 अक्टूबर 1996 को मनाया गया था.

Undefined
World arthritis day 2023 : जोड़ों के दर्द से चलना हुआ मुश्किल, ऐसे करें गठिया से बचाव 4

विश्व गठिया दिवस 2023 थीम

इस वर्ष विश्व गठिया दिवस की थीम है “जीवन के सभी चरणों में आरएमडी के साथ रहना”. यह याद दिलाने के लिए एक वैश्विक आह्वान है कि रूमेटिक और मस्कुलोस्केलेटल रोग (आरएमडी) एक आजीवन यात्रा है जो रोगी के जीवन और उनकी देखभाल करने वालों को प्रभावित करती है, जिससे जीवन स्तर कम हो जाता है

वर्ष दर वर्ष, विश्व गठिया दिवस के विषय

विश्व गठिया दिवस 2022 थीम: यह आपके हाथ में है, कार्रवाई करें

विश्व गठिया दिवस 2021 थीम: देर न करें, आज ही जुड़ें: टाइम2वर्क

विश्व गठिया दिवस 2020 थीम: Time2Work

विश्व गठिया दिवस 2019 थीम: काम करने का समय, देर न करें, आज ही जुड़ें

विश्व गठिया दिवस 2018 थीम: यह आपके हाथ में है, कार्रवाई करें.

Undefined
World arthritis day 2023 : जोड़ों के दर्द से चलना हुआ मुश्किल, ऐसे करें गठिया से बचाव 5
कितने प्रकार का होता है गठिया
Undefined
World arthritis day 2023 : जोड़ों के दर्द से चलना हुआ मुश्किल, ऐसे करें गठिया से बचाव 6

शरीर के जोड़ों के हिसाब से गठिया कई प्रकार के होते हैं. ऑस्टियो आर्थराइटिस उम्र बढ़ने के साथ विकसित होती है. इस प्रकार के गठिया के मरीज भारत में सबसे ज्यादा पाये जाते हैं, जिसमें घुटने और हिप के आर्थराइटिस आते हैं. कुछ मरीजों में रूमेटॉयड आर्थराइटिस आनुवंशिक होती है. यानी अगर किसी के पेरेंट्स को आर्थराइटिस है, तो बच्चों में भी उसके जीन आ सकते हैं. ऐसे बच्चों को कम उम्र में या युवावस्था में आर्थराइटिस के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. मरीज के हाथ-पैर की उंगलियां, बड़े जोड़ खराब हो जाते हैं. उनमें अकड़न आ जाती है और उंगलियां टेड़ी हो जाती हैं. कमर की हड्डी में भी एंकाइलोजिकल स्पोंडेलाइटिस होता है, जिसमें कमर जाम हो जाती है.

कम उम्र या युवावस्था में भी होती है आर्थराइटिस

हड्डी के जोड़ के अंदर टीबी या बचपन में पैप्टिक बैक्टीरियल इंफेक्शन होने पर कार्टिलेज प्रभावित होती है. यह इंफेक्शन कार्टिलेज को धीरे-धीरे खत्म करता जाता है, जिससे गठिया होता है. मेटाबॉलिक गाउट आर्थराइटिस में रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से जोड़ों के अंदर यूरिक एसिड के क्रिस्टल बढ़ जाते हैं और कार्टिलेज को क्षति पहुंचाते हैं. जब जोड़ के अंदर किसी भी कारण से फ्रैक्चर हो जाये, तो कुछ समय बाद ट्रॉमेटिक आर्थराइटिस हो जाती है. यह आर्थराइटिस कम उम्र या युवावस्था में भी हो जाती है.

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में गठिया रोग के मामले अधिक देखने को मिलते हैं. इसकी मुख्य वजह है कि प्राकृतिक रूप से महिलाओं की हड्डियां पुरुषों के मुकाबले छोटी, पतली व मुलायम होती हैं, जिससे गठिया की गिरफ्त में वे जल्दी आ जाती हैं. मेनोपॉज की स्टेज पर पहुंची महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हॉर्मोन तेजी से कम होने लगता है. इससे हड्डियों का क्षरण होने लगता है, जिससे उनमें सूजन व दर्द रहता है और गठिया की समस्या उभर जाती है.

गठिया होने के क्या हैं कारण
  • गतिहीन जीवनशैली या नियमित व्यायाम न करना.

  • वजन बहुत ज्यादा होने पर घुटनों, हिप बोन और स्पाइन पर अधिक दबाव

  • अकड़ कर ज्यादा बैठना.

  • खेलते समय या दुर्घटना के दौरान लगी चोट.

  • जॉगिंग या सीढ़ियां चढ़ने-उतरने पर जोड़ों पर दबाव .

  • खान-पान की गलत आदत

  • शरीर में विटामिन डी की कमी या सन एक्सपोजर न होना

  • प्रदूषण वाली जगह पर रहना

  • तंबाकू, धूम्रपान और शराब का सेवन.

  • आनुवंशिक होने से बच्चों में गठिया का जीन होना.

Also Read: Health Care : कहीं मिलावटी घी तो नहीं खा रहा आपका परिवार ? घर पर आसान तरीके से चेक करें शुद्धता

गठिया के कारण जोड़ों के दर्द को प्रबंधित करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियाँ, जामुन, अदरक, नट्स, फलियाँ और फाइबर जैसे भरपूर मात्रा में सूजन-रोधी भोजन के साथ एक संतुलित आहार शामिल करें. विटामिन डी और कैल्शियम के सेवन को प्राथमिकता दें. अपना आदर्श वजन बनाए रखें क्योंकि शरीर का अतिरिक्त वजन उठाने से हमारे जोड़ों, विशेषकर वजन सहने वाले जोड़ों पर तनाव पड़ता है. कम प्रभाव वाले व्यायामों के बाद नियमित शारीरिक गतिविधि का अभ्यास करें, जिससे जोड़ों पर कम तनाव पड़ेगा. कुछ कम प्रभाव वाले व्यायाम जिनका अभ्यास दैनिक आधार पर किया जा सकता है, वे हैं तैराकी, पैदल चलना और साइकिल चलाना. अपनी मांसपेशियों को आराम देने में मदद के लिए योग और ध्यान में संलग्न रहें. धूम्रपान बंद करें.

क्या है उपचार

मरीज की स्थिति के हिसाब से डॉक्टर मॉडरेशन में दवाई देते हैं, ताकि गठिया नियंत्रित रहे. गठिया के माइल्ड और मॉडरेट स्टेज के मरीज नॉन-ऑपरेटिंग ट्रीटमेंट से लंबे समय तक खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं. सीवियर आर्थराइटिस में जोड़ों में मौजूद कार्टिलेज पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती है. ऐसे

इन लक्षणों की अनदेखी न करें

गठिया की शुरुआत में इन लक्षणों की अनदेखी न करें जैसे कि जोड़ों में दर्द, जकड़न या सूजन आना. धीरे-धीरे जोड़ में टेड़ापन आना, जिसकी वजह से प्रभावित व्यक्ति को रोजमर्रा के कार्य करने में दिक्कत आ सकती है, जैसे- सीढ़ियां चढ़ने के बजाय उतरने में दर्द या तकलीफ होना, इंडियन टॉयलेट में न बैठ पाना.

Also Read: World Sight Day 2023 : जानिए खास दिन का क्या है महत्व, कैसे करें आंखों की देखभाल

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें