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झारखंड में हाथी के बाद अब बंदर और बंदरियों का आतंक, फसलों को कर रहे बर्बाद, किसान परेशान

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झारखंड में अभी हाथियों का आंतक थमा नहीं है कि इलाके में बंदर और बंदरियों का आंतक देखने को मिल रहा है. बंदर खेतों में लगे फसल को बर्बाद कर रहे हैं. जिससे किसान काफी चिंतित हैं.

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खूंटी, दुर्जय पासवान : खूंटी जिले के एक दर्जन ऐसे गांव है, जहां 500 से अधिक बंदर और बंदरियों का आतंक है. आतंक ऐसा है कि किसान खेतीबारी नहीं कर पा रहे हैं. अगर कोई किसान खेतों में फसल लगा भी रहा है तो उस फसल को बचाने के लिए किसानों को दिनभर खेतों की रखवाली करनी पड़ती है. मामला, खूंटी जिला के मुरहू प्रखंड के एक दर्जन गांवों का है. मुरहू प्रखंड अंतर्गत लीलीकोटो, कुम्कुसर, डंहगा, कारकाटा, बैठेलेम्बा, फड़िंगा, उड़रांग, कुम्हारडीह, सुड़ीग, कुमनुंग सहित एक दर्जन गांव है. इन गांवों में 300 से अधिक परिवार रहते हैं. 500 एकड़ से अधिक खेत है. जहां किसान खेती करते हैं. जिसमें सिर्फ लीलीकोटो गांव में 65 परिवार है. सबसे ज्यादा प्रभावित लीलीकोटा गांव है. जहां दिनभर बंदर व बंदरियों के झुंड को देखा जा सकता है. लीलीकोटा में 150 एकड़ खेत है. ये सभी खेत जंगल से सटा हुआ है. इस कारण जंगल से निकलकर सभी बंदर खेत में आ जाते हैं और फसल को खाने के साथ बर्बाद भी कर देते हैं.

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इस क्षेत्र के किसान परेशान

इधर, मिशन बदलाव खूंटी की सदस्य सोनामति कुमारी ने कहा कि इस क्षेत्र के किसान परेशान हैं. अगर वन विभाग व प्रशासन इन किसानों की मदद नहीं करेंगे तो खेतीबारी बंद कर किसानों को पलायन करने के लिए मजबूत होना पड़ेगा. उन्होंने प्रशासन से मांग किया है कि इन बंदरों को भगाने के लिए स्थायी व्यवस्था किया जाये. जिससे किसान सालोंभर खेतीबारी कर सके. इस क्षेत्र में 500 से अधिक बंदर व बंदरियां हैं.

बंदरों को भगाने का हर उपाय फेल

बंदरों को भगाने के लिए किसानों ने अपने स्तर से हर उपाय किया, लेकिन बंदर जंगल से निकल खेतों में पहुंच जाते हैं और फसलों को बर्बाद कर देते हैं. सोनामति कुमारी ने कहा है कि बंदरों के आतंक से किसान हलकान और परेशान हैं. बंदर की इतनी बड़ी झुंड है कि किसान के खेत में जाकर बंदर फसल को बर्बाद कर रहे हैं. चाहे धान की फसल हो या गेहूं हो, मक्का हो या मूंग हो, सभी फसल को बंदर बर्बाद कर रहे हैं.

ग्रामीणों की मार्मिक पुकार, हमारी मदद करें

लीलीकोटो गांव के किसान राजेश सिंह, रामेश्वर सिंह, रोश हेरेंज, ज्योति भेंगरा ने कहा कि हमारा पूरा गांव बंदरों के आतंक से परेशान है. गांव के सभी किसानों का खेत जंगल से सटा हुआ है. जब भी फसल लगाते हैं. बंदर उसे नष्ट कर देते हैं. खाने के बाद नष्ट भी करते हैं. जंगली बंदर से हम कैसे बचे. इसका उपाय प्रशासन बताये. राजेश सिंह ने कहा कि एक एकड़ में मैं बोदी व अन्य फसल लगाया था. परंतु, पूरा फसल नष्ट हो गया. खूंटी प्रशासन से अपील है. हमारी मदद करें.

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