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बिहार: राष्ट्रीय सिख सभा के संयोजक ने जाति सर्वे से सबक लेने की दी सलाह, सिखों की आबादी को लेकर कही ये बात..

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Bihar News: राष्ट्रीय सिख सभा के राष्ट्रीय संयोजक कुलविंदर सिंह ने बिहार में हुए जाति सर्वे से सबक लेने की सलाह दी है. साथ ही उन्होंने सीखों की आबादी को लेकर भी जानकारी दी है.

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Bihar News: राष्ट्रीय सिख सभा के राष्ट्रीय संयोजक कुलविंदर सिंह ने तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधक कमेटी के निवर्तमान अध्यक्ष सरदार जगजोत सिंह सोही, पूर्व महासचिव महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन, वर्तमान सदस्य राजा सिंह एवं सरदार गुरविंदर सिंह से बिहार के हालिया जातिगत सर्वे से सबक लेने की सलाह दी है. कुलविंदर सिंह के अनुसार जिन्हें सतगुरु महाराज ने गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली तख्त श्री हरमंदिर साहिब जी पटना साहिब के प्रबंधन की जिम्मेवारी दी है, उन्हें पंथिक तौर पर महान बनने की जरूरत है. उन्हें अपना हृदय विशाल करने की जरूरत है. पंथ की चढ़दी कला एवं कौम की एकता के लिए अपनी भागीदारी, जिम्मेदारी, उत्तरदायित्व निर्वहन करने की जरूरत है. बिहार में मात्र 14753 सिख हैं और उससे नवंबर 2000 में अलग हुए झारखंड अर्थात दक्षिण बिहार निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम चार अथवा पांच लाख सिख आबादी है.

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कुलविंदर सिंह ने सिखों की आबादी को लेकर कही ये बात..

राष्ट्रीय सिख सभा के राष्ट्रीय संयोजक कुलविंदर सिंह ने आगे सिखों की आबादी को लेकर कहा कि इस बड़ी आबादी को उनके धार्मिक अधिकार से वंचित करने का प्रयास कहीं से भी संवैधानिक तौर पर और नैतिक तौर पर उचित नहीं ठहराया जा सकता है. सरदार जगजीत सिंह सोही, सरदार महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन, सरदार राजा सिंह, सरदार गुरविंदर सिंह खुद की महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए दक्षिण बिहार निर्वाचन क्षेत्र के वर्तमान स्वरूप को खत्म करने के लिए हर जोड़-तोड़ और गैर कानूनी उपाय कर रहे हैं.

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‘पुरानी व्यवस्था के अनुसार करें चुनाव की शुरुआत’

यदि बिहार की सिख संगत को भागीदारी देना चाहते हैं तो ईमानदारी से दिल पर हाथ रखकर बोले कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, चीफ खालसा दीवान, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, उत्तर प्रदेश सिख प्रतिनिधि बोर्ड, कोलकाता ऐतिहासिक बड़ा बाजार गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रतिनिधि को मनोनीत करने की व्यवस्था के खिलाफ क्यों नहीं हाई कोर्ट जाते हैं. फिर इतनी ही नैतिकता है तो कस्टोडियन सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश पटना द्वारा मनोनीत किए जाने वाले तीन सिख प्रतिनिधि की व्यवस्था का विरोध क्यों नहीं करते हैं. कुलविंदर सिंह ने प्रबंधन कमेटी को चेताया है कि वह दिल बड़ा करें और पुरानी व्यवस्था के अनुसार जल्द से जल्द चुनाव कराने की शुरुआत करें. उनकी तिकड़म बाजी काम नहीं आएगी और कानूनी तथा संवैधानिक तौर पर उनकी झोली में हार ही आएगी.

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श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब सिखों की आस्था का केंद्र

बता दें कि सिख पंथ के दसवें व अंतिम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह का जन्म पौष सुदी सप्तमी यानी 22 दिसंबर 1666 को पटना साहिब में हुआ था. इनका जन्म स्थान सालिस राय जौहरी का आवास हुआ करता था. इसी जन्मस्थान पर महाराजा रणजीत सिंह ने तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब का निर्माण कराया था. यह सिखों की आस्था का केंद्र है. दशमेश गुरु ने बचपन के सात वर्ष पटना साहिब में ही गुजारे. विश्व में सिखों के पांच प्रमुख तख्तों में तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब का दूसरा स्थान है. यहां सिख पंथ के पंथ गुरु नानक देव, नवें गुरु तेग बहादुर तथा गुरु गोविंद सिंह के चरण पड़े हैं. वह यहां पहुंचे थे. यहां देश- विदेश से हजारों संगत दशमेश गुरु की जन्मस्थली के दर्शन को पहुंचते है.

बताया जाता है कि दशमेश गुरु श्री गोविंद सिंह ने कंगन घाट पर खेल-खेल में एक कंगन गंगा में फेंक दिए थे. गुरु महाराज के साथ रहे बच्चे जब कंगन निकालने गंगा में घुसे तो असंख्य कंगन देखकर आश्चर्यकित रह गए, जब मांझी गंगा से कंगन निकालने लगा तो गुरु जी बोले कि गंगा हमारी तिजोरी है और तुम हमारा कंगन पहचान कर निकाल लो. उसी समय लोगों ने उन्हें ईश्वर का स्वरूप मान लिया था. विश्व के कोने-कोने से सिख संगत यहां मत्था टेकने आते हैं.यहां लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है. यहां राष्ट्रीय सिख सभा के राष्ट्रीय संयोजक कुलविंदर सिंह पहुंचे. इन्होंने श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधक कमेटी के निवर्तमान अध्यक्ष सरदार जगजोत सिंह सोही, पूर्व महासचिव महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन, वर्तमान सदस्य राजा सिंह एवं सरदार गुरविंदर सिंह से बिहार की जाति सर्वे पर अपनी राय रखी. साथ ही सीखों की आबादी को लेकर भी जानकारी दी.

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