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झारखंड: चीनी घोटाले के बाद अब अनाज घोटाले की पुष्टि, चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

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डीलरों की शिकायत के बाद प्रभात खबर ने गुमला गोदाम से अनाज घोटाले की खबर प्रकाशित की थी. खबर प्रकाशित होने के बाद मामले में जांच शुरू हुई थी. इसके बाद जांच में घोटाला सामने आया है.

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गुमला, दुर्जय पासवान: गुमला प्रखंड में हुए अनाज घोटाले मामले में सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज हो गयी है. प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सुधीर कंडीर ने चार लोगों के विरूद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है. जिसमें आरडीएस एंड संस प्राइवेट लिमिटेड के एजीएम नीरज कुमार पांडेय, आनंद तिवारी, तत्कालीन सेवानिवृत एजीएम जे हुसैन व जनसेवक गुमला सह वर्तमान एजीएम एस राम को अभियुक्त बनाया गया है. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि गुमला प्रखंड के सरकारी गोदाम में अवैध रूप से आनंद तिवारी कार्यरत है. अखबार में खबर छपने के बाद मामले की जांच का आदेश उपायुक्त द्वारा दिया गया था. इसके लिए एक जांच कमेटी का गठन किया गया था. जांच कमेटी में एसडीओ गुमला रवि जैन की अध्यक्षता में जिला सहकारिता पदाधिकारी गुमला व सीओ गुमला सदस्य थे. जांच कमेटी द्वारा झारखंड राज्य खाद्य निगम गुमला के जांचोपरांत अपनी जांच प्रतिवेदन उपायुक्त को समर्पित किया गया. जांच प्रतिवेदन में दर्शायी गयी अनियमितताओं के आलोक में डीसी द्वारा गुमला जिला आपूर्ति पदाधिकारी को संबंधित कर्मियों, व्यक्तियों व अज्ञात पर केस दर्ज करने का आदेश दिया गया. जिसके बाद डीएसओ द्वारा प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को केस दर्ज कराने का आदेश दिया गया. इसके बाद गुमला थाने में केस दर्ज किया गया.

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जांच में प्रशासन ने पकड़ा घोटाला

दर्ज केस में जांच कमेटी द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन में वर्ष 2014 के नवंबर माह से वर्ष 2020 तक खाद्यान्न के स्टॉक व वितरण में भारी अनियमितता पायी. लापरवाही भी बरती गयी है. आरडीएस एंड सोनी प्राइवेट लिमिटेड के एजीएम नीरज कुमार पांडेय व अधिकृत आनंद तिवारी द्वारा प्रभार के दौरान 92.400 क्विंटल चावल कम मिला है. सितंबर 2022 में आवंटन से 1182.95 क्विंटल चावल व 1469.33 क्विंटल गेंहू कम प्राप्ति के बावजूद विभाग व जिला प्रशासन को सूचित किये बिना और विभाग से आदेश प्राप्त किये बिना डीलरों को निर्गत करना भारी अनियमितता व लापरवाही को दर्शाता है. इसके लिए एजीएम नीरज कुमार पांडेय, आनंद तिवारी, सेवानिवृत्त एजीएम व वर्तमान एजीएम की संलिप्ता का उल्लेख किया गया है जो उपरोक्त अनियमितता एवं लापरवाही के जिम्मेवार हैं. उन्होंने उपरोक्त पर कार्रवाई की मांग की.

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प्रभात खबर ने मामला उजागर किया

डीलरों की शिकायत के बाद प्रभात खबर ने गुमला गोदाम से अनाज घोटाले की खबर प्रकाशित की थी. खबर प्रकाशित होने के बाद मामले में जांच शुरू हुई थी. इसके बाद जांच में घोटाला सामने आया है. अनाज घोटाला मामले में प्रभात खबर ने कई किस्तों में खबर प्रकाशित की.

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गुमला में चीनी घोटाला भी हुआ है

गुमला में चीनी घोटाला भी हुआ है. गोदाम के कुछ लोगों ने अपने नाम से चीनी का उठाव कर लिया, परंतु लाभुकों के बीच चीनी का वितरण नहीं किया गया है. हालांकि कुछ डीलरों ने नियम के तहत चीनी खरीदकर वितरण किया, परंतु कई लोगों ने चीनी का घोटाला कर लिया.

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हर अधिकारी अब डीलर की करेंगे जांच : डीसी

गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा है कि अनाज घोटाले मामले में केस दर्ज हो गया है. यह एक क्रिमनल मामला था. अनाज वितरण में जहां गड़बड़ी है. उसे सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है. जिले के सभी 12 प्रखंडों के लिए एक-एक वरीय अधिकारी को जिम्मेवारी दी गयी है. ये अधिकारी प्रत्येक सप्ताह दो राशन दुकान की जांच करेंगे. साथ ही राशन वितरण की हकीकत को जानेंगे. ताकि, अगर कहीं राशन वितरण में गड़बड़ी हो रही है तो उसमें सुधार किया जा सके. डीसी ने माना है कि गुमला जिले में कुछ डीलर ऐसे हैं जो गलत काम कर रहे हैं. परंतु, उनको सुधारने के लिए अब लगातार जांच होगी. शिकायत के बाद सही पाये जाने पर कार्रवाई की जायेगी.

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जांच में ये दो गड़बड़ी मिली है

: कंपनी के एजीएम नीरज कुमार पांडेय व अधिकृत आनंद तिवारी द्वारा प्रभार के दौरान 92.400 क्विंटल चावल कम मिला है.

: सितंबर 2022 में आवंटन से 1182.95 क्विंटल चावल व 1469.33 क्विंटल गेहूं बिना अनुमति के बांट दिया गया है.

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