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बिहार में डॉक्टर- शिक्षक ही नहीं बल्कि मंत्री व अफसरों में भी है हड़कंप, जानिए इन दिनों क्यों हैं सब अलर्ट…

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बिहार में इन दिनों अफसर से लेकर मंत्री तक अलर्ट मोड पर हैं. प्रदेश में शिक्षकों के बीच हड़कंप मचा हुआ है. पीएमसीएच के डॉक्टरों की बात करें तो वो भी इन दिनों इसी दौर से गुजर रहे हैं. जानिए क्या है वो बड़ी वजह जिसके कारण सब अलर्ट हैं..

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बिहार में इन दिनों सरकारी अफसरों से लेकर मंत्री तक के बीच हड़कंप मचा हुआ है. वही हालत सरकारी शिक्षकों और स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की है. पहले आराम से सभी अपने कार्यालय पहुंचते थे. लेकिन अब उनकी ये लापरवाही भारी पड़ने लगी है. दरअसल इसके पीछे की वजह ही कुछ ऐसी है. पिछले कुछ दिनों की गतिविधियों को देखा जाए तो पटना समेत सूबे के जिलों में ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है. इन दिनों सरकारी कर्मी अलर्ट मोड पर दिख रहे हैं. खुद मंत्री व सचिवालय के अफसर भी घड़ी देखकर समय पर अपने दफ्तर पहुंचने की जद्दोजहद में दिखते हैं.

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इन दिनों क्यों मचा है हड़कंप..

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कुछ दिनों के अंदर कई बार सचिवालय का निरीक्षण करने पहुंच गए. अचानक मुख्यमंत्री को सामने देखकर अफसरों व कर्मियों के बीच हड़कंप मचा रहा. जो दफ्तर में मौजूद नहीं थे वो अपने सहकर्मियों से फोन पर जानकारी लेते दिखे. सीएम नीतीश कुमार पिछले दिनों मंत्रियों के कार्यालय में भी पहुंच गए. जब दफ्तर में उन्होंने मंत्री व अफसरों को मौजूद नहीं पाया तो नाराजगी भी जाहिर की. सबको बुलाकर आगाह भी किया. यही नहीं, शिक्षा मंत्री के ड्राइवर तक को नोटिस भेज दिया गया. जबकि पटना समेत सूबे के जिलों में इन दिनों शिक्षकों के बीच अलग ही हड़कंप दिखता है. वो अपर मुख्य सचिव के के पाठक को लेकर अलर्ट दिखते हैं. कोई नहीं जानता कब के के पाठक कहां पहुंच जाएं. इन दिनों अपर मुख्य सचिव इसी तरह निरीक्षण करने अचानक पहुंच रहे हैं. अगर गैरहाजिर कोई मिले, तो वहीं एक्शन ले लिया जाता है. वो निलंबित करने तक का फरमान जारी कर बैठते हैं.

मंत्री भी सही समय पर पहुंच रहे, फाइल निपटाते देखे गए..

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हिदायत के बाद बुधवार सुबह करीब 9:30 बजे तक सचिवालय के सभी कार्यालयों में अधिकतर मंत्री, अधिकारी और कर्मी पहुंच गये थे. किसी कारणवश पटना से बाहर रहने वाले मंत्री, अधिकारी और कर्मी ही अनुपस्थित थे. इसके साथ ही सचिवालय के सभी कार्यालयों में कामकाज भी व्यवस्थित और अनुशासनपूर्वक होता रहा. पुराना सचिवालय में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और पिछड़ा- अतिपिछड़ा मंत्री अनीता देवी आदि अपने कार्यालय में फाइल निपटाते दिखे. हालांकि कर्मचारियों का कहना था कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस व्यवस्था लागू होने के कारण करीब सभी कर्मचारी अपने निर्धारित समय पर ही आते हैं. 9:30 बजे के बाद आने से अटेंडेंस में निशान लग जाता है.

मंत्री भी नजर आये दफ्तर में, अधिकारी व कर्मचारी भी थे मौजूद :

विकास भवन के अधिकतर अधिकारी और मंत्री समय पर पहुंचे. उदाहरण के लिए शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर मंगलवार को सही टाइम 09:30 बजे से पहले 09:18 बजे ही कार्यालय पहुंचे और कामकाज निबटाया. हालांकि वे मंगलवार को ड्राइवर की लापरवाही से कुछ देरी से ऑफिस पहुंचे थे.

शिक्षा विभाग के अफसर समय से पहले पहुंचे दफ्तर

शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव और दूसरे निदेशक सभी समय पर ऑफिस पहुंचे. उद्योग विभाग के अफसर भी समय पर पहुंचे. वहीं, शिक्षा विभाग के अफसर समय से पहले पहुंचे, लेकिन कर्मचारी दस बजे तक आते रहे. जानकारी हो कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अभी अवकाश पर चल रहे हैं. वह 29 सितंबर को पटना पहुंचेंगे.

विश्वेश्वरैया भवन, सिंचाई व अरण्य भवन में भी कामकाज सामान

विश्वेश्वरैया भवन, सिंचाई भवन और अरण्य भवन के कार्यालयों में भी अधिकतर मंत्री, अधिकारी और कर्मचारी सुबह करीब 9:30 बजे तक पहुंच गये थे. वहां भी सामान्य रूप से कामकाज होता दिखा. विश्वेश्वरैया भवन में भवन निर्माण, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, लघु जल संसाधन, पीएचइडी, परिवहन विभाग के कार्यालय हैं. वहीं, सिंचाई भवन में जल संसाधन और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के कार्यालय हैं. जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा सारण और सीवान दौरे के वजह से कार्यालय में नहीं थे. गौरतलब है कि, मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास भवन और विश्वेश्वरैया भवन स्थित विभिन्न विभागों के कार्यालयों का औचक निरीक्षण कर मंत्रियों और अधिकारियों को सकते में डाल दिया था. अधिकतर मंत्री और अधिकारी समय पर ऑफिस में नहीं मिले थे. लिहाजा उन्होंने मंत्रियों और अधिकारियों को समय पर ऑफिस आने की चेतावनी दी थी.

PMCH में डॉक्टरों के बीच हड़कंप..

इधर, पटना के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में धावा दल के औचक निरीक्षण के दौरान 35 डॉक्टर गायब मिले. इनमें दो एचओडी, तीन एसोसिएट प्रोफेसर, चार असिस्टेंट प्रोफेसर के साथ ही सीनियर रेजीडेंट और जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर शामिल हैं. गायब डॉक्टरों को मौके पर फोन भी किया गया, तो कई डॉक्टर तरह-तरह का बहाना बना रहे थे. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि बुधवार को निरीक्षण के दौरान गायब मिले 35 डॉक्टरों की रिपोर्टस्वास्थ्य विभाग को भेज दी गयी है. उनको शोकॉज दिया गया है. इनसे दो दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है. सही जवाब नहीं मिला, तो उचित कार्रवाई होगी. अधीक्षक अपने धावा दल की टीम के साथ सुबह 8:45 बजे पर ही पहुंच गये थे. लेकिन, दर्जनों ऐसे डॉक्टर थे, जो ओपीडी में 10 बजे तक भी नहीं पहुंचे थे. 9 बजे से ओपीडी में इलाज शुरू हो जाता है. जो डॉक्टर गायब थे, उनमें कोई 10 तो कोई 10:30 बजे के बाद अस्पताल पहुंचा. धावा दल की टीम ने शिशु रोग विभाग, स्त्री एवं प्रसूति रोग, रेडियोलॉजी, हड्डी, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, नेत्र रोग, सर्जरी, हृदय रोग, इमरजेंसी, राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक, सर्जिकल व न्यूरो इमरजेंसी वार्डों का निरीक्षण किया.

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