27 C
Ranchi
Tuesday, April 22, 2025 | 07:27 am

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

भारतीय सेना आज मना रही है अपना 197वां गनर्स डे, जानिए इसका महत्व और इतिहास, लखनऊ करेगा वार्षिक परेड की मेजबानी

Advertisement

आर्टिलरी रेजिमेंट भारतीय सेना की दूसरी सबसे बड़ी शाखा है, इसका काम जमीन पर अभियानों के समय पर सेना को मारक क्षमता देना है. इसे दो हिस्सों में बांटा गया है. इस बीच भारतीय सेना की वार्षिक परेड अबकी बार लखनऊ में आयोजित की जाएगी. 15 जनवरी 2024 से इसकी शुरुआत होगी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Gunners Day: भारतीय सेना (Indian Army) की आर्टिलरी रेजिमेंट (Artillery Regiment) गुरुवार को अपना 197वां स्थापना दिवस मना रही है. 28 सितंबर 1827 को भारत की पहली आर्टिलरी यूनिट की स्थापना हुई थी. आर्टिलरी रेजिमेंट का भारतीय सेना का एक महत्वूपर्ण हिस्सा माना जाता है. सेना के विशेषज्ञों के मुताबिक 2.5 इंच आर्टिलरी गन से शुरुआत करने वाली इस रेजिमेंट के पास अब दुनिया के आधुनिकतम हथियार हैं. रेजिमेंट के स्थापना दिवस को गनर्स डे (GunnersDay) के तौर पर भी जाना जाता है.

आर्टिलरी रेजिमेंट के नाम आजादी से लेकर अब तक सैकड़ों सम्मान

आर्टिलरी रेजिमेंट के पास अब बैलिस्टिक मिसाइल, मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर्स, हाई मोबिलिटी गन्स, यूएवी और इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स डिवाइसेस का जखीरा है. रेजिमेंट के नाम आजादी से लेकर अब तक सैकड़ों सम्मान हैं. इनमें अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र वीर चक्र, शौर्य चक्र और सेना मेडल जैसे सम्मान हैं. पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल के युद्ध में बोफोर्स के दमखम ने निर्णायक भूमिका अदा की थी. इसकी बदौलत पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने में बड़ी मदद मिली थी. आर्टिलरी रेजिमेंट ने 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में कुल 2,50,000 गोले और रॉकेट दागे थे. इसके साथ ही 300 से अधिक तोपों, मोर्टार और रॉकेट लॉन्चरों ने रोज करीब 5,000 बम फायर किए थे. इसमें आर्टिलरी बैटरी से रोज एक मिनट में एक राउड फायर किया गया था.


जानें क्यों मनाया जाता है गनर्स डे?

आर्टिलरी रेजिमेंट भारतीय सेना की दूसरी सबसे बड़ी शाखा है, इसका काम जमीन पर अभियानों के समय पर सेना को मारक क्षमता देना है. इसे दो हिस्सों में बांटा गया है. पहले हिस्से में घातक हथियार जैसे कि मिसाइल, रॉकेट्स, मोर्टार, तोप, बंदूक आदि शामिल हैं. वहीं दूसरे में ड्रोन, रडार, सर्विलांस सिस्टम होता है. देखा जाए तो भारत में आर्टिलरी का पहला रिकॉर्ड 1368 में अदोनी की लड़ाई में दर्ज किया गया है. मोहम्मद शाह बहमनी के नेतृत्व में बहमनी राजाओं ने विजय-नगर के राजा के खिलाफ आर्टिलरी की एक ट्रेन का इस्तेमाल किया. 5 (बॉम्बे) माउंटेन बैटरी को 28 सितंबर 1827 को गोलांडाज बटालियन, बॉम्बे फुट आर्टिलरी की 8वीं कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था. वर्तमान में यह 57 फील्ड रेजिमेंट का हिस्सा है. इस प्रकार 28 सितंबर को ‘गनर्स डे’ के रूप में मनाया जाता है.

Also Read: Eid Milad-un-Nabi 2023: रोशनी से जगमगाया बरेली, कहा जाता है ‘ईदों की ईद’, जानें ईद मिलादुन्नबी की मान्यता
भारत में आर्टिलरी रेजिमेंट के विकास का सफर

1857 के बाद में अफगान युद्धों के दौरान बीहड़ उत्तर पश्चिम सीमांत में विकास के लिए अधिकांश आर्टिलरी इकाइयों को भंग कर दिया गया था. स्कूल ऑफ आर्टिलरी 1923 में काबुल में स्थापित किया गया था. माउंटेन आर्टिलरी ट्रेनिंग सेंटर देहरादून में लखनऊ और बाद में अंबाला में अस्तित्व में आया. फील्ड आर्टिलरी ट्रेनिग सेंटर मथुरा में स्थापित किया गया. देखा जाए तो 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में मुगल सम्राट बाबर ने पहली बार दिल्ली के अफगान राजा इब्राहिम लोधी को निर्णायक रूप से हराने के लिए उत्तर भारत में तोपखाने का इस्तेमाल किया था. दिल्ली में मुगल राजाओं, मैसूर में टीपू सुल्तान और हैदराबाद में निजाम के अधीन तोपखाने बड़े पैमाने पर फले-फूले. हालांकि, यह सिख थे, जिन्होंने महाराजा रणजीत सिंह के अधीन भारतीय इतिहास में तोपखाने का सबसे प्रभावी उपयोग किया, जिन्होंने इसे युद्ध दक्षता के उच्च स्तर तक पहुंचाया.

तीन भारतीय अधिकारियों को शुरू में किया गया कमीशन

आजादी से पहले भारतीय आर्टिलरी रेजिमेंट में फील्ड, मीडियम, एयर डिफेंस, काउंटर बॉम्बार्डमेंट, कोस्टल, एयर ऑब्जर्वेशन पोस्ट और सर्वे ब्रांच शामिल थे. इसके बाद जब 1947 में विभाजन हुआ तो रॉयल इंडियन आर्टिलरी को तोड़ दिया गया. भारत के हवाले साढ़े अठारह रेजिमेंट आवंटित किए गए जबकि बाकि के साढ़े नौ यूनिट पाकिस्तान के पास चली गई थीं. अहम बात है कि केवल तीन भारतीय अधिकारियों को शुरू में रॉयल मिलिट्री अकादमी, वूलविच से आर्टिलरी में कमीशन किया गया था. आर्टिलरी में शामिल होने वाले पहले भारतीय अधिकारी प्रेम सिंह ज्ञानी थे और उसके बाद पीपी कुमारमंगलम को आस्कल्हा के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्हें 15 जनवरी 1935 को बंगलोर में गठित ए फील्ड ब्रिगेड में तैनात किया गया था.

लखनऊ स्थित मध्य कमान करेगा 2024 में सेना की वार्षिक परेड की मेजबानी

इस बीच भारतीय सेना की वार्षिक परेड अबकी बार लखनऊ में आयोजित की जाएगी. 15 जनवरी 2024 से इसकी शुरुआत होगी. दरअसल परंपरागत रूप से भारतीय सेना दिवस परेड दिल्ली में होती रही थी. लेकिन, लंबे समय से चली आ रही इस प्रथा में इस साल जनवरी में पहला बदलाव हुआ और यह परेड कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में आयोजित की गई. वहीं अब लखनऊ स्थित मध्य कमान 2024 के जनवरी में इस वार्षिक परेड की मेजबानी करेगा. लखनऊ में परेड को भव्य बनाने के पहलुओं जैसे परेड मार्ग, भाग लेने वाली इकाइयों और किसी विशेष आकर्षण की कार्ययोजना पर अभी विचार किया जा रहा है.

पिछला कार्यक्रम दक्षिणी कमान क्षेत्र में आयोजित किया गया था और अगली परेड लखनऊ मध्य कमान की मेजबानी में होगा. इस कदम का उद्देश्य सेना का सार्वजनिक सेना बढ़ाना, राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना और देश भर के विविध दर्शकों के सामने भारतीय सेना की ताकत और अनुशासन को प्रदर्शित करना है. परेड का रोटेशन केवल शहरों को बदलने के बारे में नहीं है, बल्कि विभिन्न कमांडों पर ध्यान केंद्रित करने के बारे में है, जिनमें से प्रत्येक देश की रक्षा में एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह उन विशिष्ट सांस्कृतिक और क्षेत्रीय पृष्ठभूमियों को उजागर करने का भी मौका देता है जिनके खिलाफ भारतीय सेना काम करती है.

[quiz_generator]

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels