20.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 10:16 pm
20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

श्री कृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह मामले में सर्वे की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, कहा-हाईकोर्ट जाएं

Advertisement

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद मामले से जुड़ी एक याचिका में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस याचिका में ईदगाह परिसर का ज्ञानवापी की तरह सांटिफिकिक सर्वे की मांग की गई थी. हालांकि, सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

मथुरा. सुप्रीम कोर्ट में मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद वाले मामले पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट ने वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि ये हाईकोर्ट का मामला है, वही चलाया जाए. कोर्ट ने कहा कि मुकदमों के ट्रांसफर के सभी सवालों पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है, हम अभी मामले में दखल नहीं देंगे.

डबल बेंच ने की इस मामले की सुनवाई

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में वकील सार्थक चतुर्वेदी हैं. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस शुधांशु धूलिया की बेंच सुनवाई की.

याचिका में कहा गया है कि मस्जिद ईदगाह का निर्माण कथित तौर पर हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने के बाद किया गया था. याचिकाकर्ता का तर्क है कि इस तरह के निर्माण को मस्जिद नहीं माना जा सकता. ट्रस्ट 1968 में हुए समझौते की वैधता के खिलाफ तर्क देते हुए इसे दिखावा और धोखाधड़ी बता रहा हैं.

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि प्रतिवादी, जिनमें शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति जैसी उल्लेखनीय संस्थाएं शामिल हैं. संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल रहे हैं. विशेष रूप से ऐसे तत्व जो हिंदुओं के लिए धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखते हैं.

ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पांडे का दावा है कि उत्तरदाताओं ने मंदिर के स्तंभों और प्रतीकों को नुकसान पहुंचाया है और जनरेटर का उपयोग किया है. जिससे दीवारों और स्तंभों को और अधिक नुकसान हुआ है. उन्होंने परिसर में होने वाली नमाज और अन्य गतिविधियों पर भी चिंता जताई है. याचिकाकर्ता ने संपत्ति पंजीकरण में विसंगतियों के बारे में भी चिंता जताई है. उनका तर्क है कि भूमि को आधिकारिक तौर पर ‘ईदगाह’ नाम के तहत पंजीकृत नहीं किया जा सकता है. यह बताते हुए कि इसका कर कटरा केशव देव, मथुरा के उपनाम के तहत एकत्र किया जा रहा है.

Also Read: मथुरा: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह का मामला, ज्ञानवापी की तरह सर्वे की मांग
ज्ञानवापी सर्वेक्षण की तरह हो शाही ईदगाह का भी सर्वेक्षण हो

सुप्रीम कोर्ट के वकील सार्थक चतुर्वेदी ने बताया कि याचिकाकर्ता विवादित भूमि की पहचान, स्थान और माप की स्थानीय जांच की मांग करता है. जिसमें दोनों पक्षों द्वारा किए गए दावों को प्रमाणित करने के लिए एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण की आवश्यकता है. याचिका कर्ता का अनुरोध है कि ज्ञानवापी सर्वेक्षण की तरह इस स्थल का भी सर्वेक्षण हो जिससे इस स्थल के ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व का पता लग जायेगा. याचिकाकर्ता की याचिका में न केवल उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने की अनुमति मांगी गई है, बल्कि SLP में अंतरिम एकपक्षीय रोक लगाने का भी अनुरोध किया गया है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें