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झारखंड के मठों और मंदिरों की समितियों के गठन के विरोध में उतरे लोग, निकाला आक्रोश मार्च

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इंडिया गठबंधन के नेताओं के द्वारा लगातार सनातन पर हमला किया जा रहा है. जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इन नेताओं के द्वारा सनातन को मिटाने की बात कही जा रही है

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मंदिरों के राजनीतिकरण के विरोध में पहाड़ी मंदिर से शुक्रवार को आक्रोश मार्च निकाला गया. मार्च में शामिल भक्त हाथों में मशाल लिये चल रहे थे और माथे पर त्रिपुंड लगाये हुए थे. कई भक्त हाथों में स्लोगन लिखी तख्ती लेकर चल रहे थे. जिसमें लिखा हुआ था न्यास बोर्ड मंदिरों का संरक्षण करे, राजनीतिकरण नहीं. इसके अलावा फांसी टुंगरी की पवित्र आत्माएं देख रही हैं राजनीति का खेल आदि श्लोगन लेकर लोग चल रहे थे.

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आक्रोश मार्च रातू रोड से महावीर चौक, गांधी चौक, शहीद चौक होते हुए अलबर्ट एक्का चौक तक गया, जहां सभा की गयी. यहां भोले बाबा व हनुमान जी की आरती के साथ इसका समापन किया गया. मार्च में आनंद गाड़ोदिया, सुनील माथुर, प्रेम चौधरी, अजय गोयनका, मुकेश अग्रवाल, मुकेश लोहिया, कुणाल आजमानी, मुनचुन राय, स्वामी दिव्यानंद सहित काफी संख्या में भक्त शामिल थे. उन्होंने कहा कि सरकार पहले सदस्यता अभियान चलाये फिर चुनाव करा कर मंदिरों के पदाधिकारियों का चयन करे.

तानाशाही व्यवस्था कभी भी फायदेमंद नहीं हो सकती है. कहा कि राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड में साधु-संतों, धार्मिक व्यक्तियों, धर्म ग्रंथों व संस्कृत के ज्ञाता, शिक्षाविद, सेवानिवृत्त न्यायाधीश सहित समाज के सम्मानित व्यक्तियों को स्थान मिलना चाहिए. लोगों ने कहा कि सरकार इस पूरे मामले में संज्ञान ले और इस पर फिर से विचार करे.

धार्मिक न्यास बोर्ड का कदम सनातनी भावनाओं से खिलवाड़ : संजय सेठ

इंडिया गठबंधन के नेताओं के द्वारा लगातार सनातन पर हमला किया जा रहा है. जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इन नेताओं के द्वारा सनातन को मिटाने की बात कही जा रही है. उक्त बातें सांसद संजय सेठ ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में कही. उन्होंने कहा कि राज्य की इंडिया गठबंधन वाली सरकार के द्वारा कुछ दिन पहले राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन किया गया. विभिन्न पदों पर नियुक्तियां की गयी.

धार्मिक न्यास बोर्ड ने जिस तरह के कदम उठाने शुरू किये गये, वह सनातनी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाला है. जिस तरह से रांची पहाड़ी मंदिर में समिति का गठन किया गया, मेन रोड में संकट मोचन मंदिर में समिति का गठन किया गया, यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है. पहाड़ी मंदिर में पूर्व से ही एक समिति काम कर रही है, जिसके अध्यक्ष डीसी हैं, सचिव एसडीओ हैं. जबकि मेन रोड का संकट मोचन मंदिर महंत परंपरा से संचालित होता है. इस धार्मिक न्यास बोर्ड ने राजनीतिक आड़ में भारतीय संविधान का भी मजाक उड़ाया है और हमारी महंत परंपरा को भी चुनौती दी है. मंदिर राजनीति का अखाड़ा नहीं है.

चुनाव नजदीक है, तो सनातनियों का ठेकेदार बन रही भाजपा : न्यास बोर्ड

राज्य हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य राकेश सिन्हा ने सांसद संजय सेठ के बयान की निंदा की है. उन्होंने कहा कि सांसद अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. भाजपा धर्म के नाम पर समाज में फिर से नफरत घोलने का काम कर रही है. धर्म को बेच कर सत्ता हासिल करनेवाली भाजपा को धर्म और सनातन इसलिए याद आ रही है कि लोकसभा का चुनाव नजदीक है. भाजपा सनातनियों का स्वघोषित ठेकेदार बन गयी है.

हिंदुओं को हमेशा राजनीति का मोहरा बनाया है. श्री सिन्हा ने कहा कि लोग देश की गिरती अर्थव्यवस्था, देश की बेटियों का सम्मान, जवानों की शहादत पर प्रश्न कर रहे हैं और पूरी भाजपा के पास इसका जवाब नहीं है. न्यास बोर्ड के सदस्य ने कहा कि रघुवर दास जी को न्यास बोर्ड के गठन की याद नहीं आयी. सांसद को इतना ज्ञान होना चाहिए किसी भी मंदिर का अध्यक्ष या सचिव प्रशासनिक अधिकारी तब होते हैं, जब बोर्ड का गठन नहीं हो पाया हो. डीसी और एसडीओ को अध्यक्ष और सचिव का दायित्व बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने ही दिया था और बोर्ड ने ही व्यवस्था में बदलाव कर दिया. इसमें इतना विचलित नहीं होना चाहिए.

मंदिरों का कल्याण होगा : जयशंकर पाठक

रांची. मंदिरों में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष जयशंकर पाठक ने बातचीत के क्रम में कहा कि न्यास बोर्ड अपने नियम के दायरे में रह कर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि सभी संस्थाअों को सरकार द्वारा तय नियमों के दायरे में आना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो लोग मंदिर का विकास अौर वहां की व्यवस्था को दुरुस्त नहीं देखना चाहते हैं, वे ही इसका विरोध कर रहे है. भाजपा इस पर राजनीति कर रही है, उन्हें इससे बचना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पहाड़ी मंदिर सहित अन्य जगहों पर दो से तीन महीनों में काफी परिवर्तन देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि बोर्ड के अधीन आने के बाद सब कुछ में परिवर्तन देखने को मिलेगा.

मंदिरों का कल्याण होगा : जयशंकर पाठक

मंदिरों में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष जयशंकर पाठक ने बातचीत के क्रम में कहा कि न्यास बोर्ड अपने नियम के दायरे में रह कर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि सभी संस्थाअों को सरकार द्वारा तय नियमों के दायरे में आना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो लोग मंदिर का विकास अौर वहां की व्यवस्था को दुरुस्त नहीं देखना चाहते हैं, वे ही इसका विरोध कर रहे है. भाजपा इस पर राजनीति कर रही है, उन्हें इससे बचना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पहाड़ी मंदिर सहित अन्य जगहों पर दो से तीन महीनों में काफी परिवर्तन देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि बोर्ड के अधीन आने के बाद सब कुछ में परिवर्तन देखने को मिलेगा.

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