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कॉफी डे ग्लोबल का इंडसइंड बैंक से हुआ समझौता, कंपनी अब नहीं होगा दिवाला, जानें मालविका हेगड़े की पूरी कहानी

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Coffee Day Global vs IndusInd Bank: 11 अगस्त को एनसीएलएटी ने एक अंतरिम आदेश के जरिये राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के सीडीजीएल के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने के निर्देश पर रोक लगा दी थी.

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Coffee Day Global vs IndusInd Bank: कॉफी डे ग्लोबल लिमिटेड (CDGL) और उसके वित्तीय ऋणदाता इंडसइंड बैंक के बीच समझौता हो गया है. इस समझौता के बाद राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने कंपनी के खिलाफ दिवाला आदेश को रद्द कर दिया है. यह कंपनी कॉफी श्रृंखला कैफे कॉफी डे का परिचालन करती है. सीडीजीएल और इंडसइंड बैंक के वकील ने बुधवार को एनसीएलएटी की चेन्नई पीठ को समझौते के बारे में सूचित किया और दिवाला मुकदमे को वापस लेने की अनुमति मांगी. न्यायमूर्ति एम वेणुगोपाल और श्रीशा मेरला की दो सदस्यीय पीठ ने उनकी दलीलों को रिकॉर्ड पर लिया और सीडीजीएल को दिवालिया घोषित करने के आदेश को रद्द कर दिया. इससे पहले 11 अगस्त को एनसीएलएटी ने एक अंतरिम आदेश के जरिये राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के सीडीजीएल के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने के निर्देश पर रोक लगा दी थी.

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एनसीएलटी के आदेश को दी गयी थी चुनौती

एनसीएलटी के इस आदेश को सीडीजीएल के निदेशक और दिवंगत वी जी सिद्धार्थ की पत्नी मालविका हेगड़े ने अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष चुनौती दी थी. 20 जुलाई को एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ ने कंपनी के वित्तीय ऋणदाता इंडसइंड बैंक द्वारा 94 करोड़ रुपये के बकाया का दावा करने वाली याचिका पर यह आदेश पारित किया था. इसके अलावा एनसीएलटी ने कंपनी के निदेशक मंडल को निलंबित करते हुए शैलेन्द्र अजमेरा को अंतरिम समाधान पेशेवर भी नियुक्त किया था. सीडीजीएल ने फरवरी, 2019 में 115 करोड़ रुपये के अल्पकालिक ऋण का अनुरोध किया था. मूल कंपनी कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (सीडीईएल) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सीडीजीएल के पास 154 शहरों में 469 कैफे और 268 सीसीडी वैल्यू एक्सप्रेस कियोस्क हैं. इसकी 48,788 वेंडिंग मशीनें हैं, जो ब्रांड के तहत कॉरपोरेट स्थलों और होटलों में कॉफी वितरित करती हैं.

कैफे कॉफी डे चेन की शुरूआत कैसे हुई

कॉफी डे (Coffee Day) चेन की शुरुआत भारतीय व्यवसायी और उद्यमिता विजय सिद्धार्थ ने की थी. वे नम्मा बेंगलुरु (Bangalore) के निकट चिकमगलूर (Chikmagalur) जिले के अंबी (Chikmagalur) गांव में 1993 में ‘कॉफी डे’ चेन की स्थापना की थी. विजय सिद्धार्थ ने यह नामक चेन उनके चाय उद्योग से अलग होने के लिए चयन किया, जिसके तहत वे कॉफी उत्पादों के वितरण और बिक्री के साथ-साथ कॉफी प्लांटेशन भी करते थे. कॉफी डे ने विभिन्न शहरों में कॉफी शॉप चेन्स की स्थापना की और धीरे-धीरे भारत भर में अपनी पहचान बनाई. विजय सिद्धार्थ की मौत के बाद, उनके व्यवसायी उत्तराधिकारी रवि चांद्रन ने इस चेन का संचालन जारी रखा. कॉफी डे एक प्रमुख भारतीय कॉफी ब्रांड बन गया है और विभिन्न अन्य देशों में भी उपस्थित है.

साल 2002 तक कंपनी देने लगी मुनाफा

स्थापना के बाद, वर्ष 2002 तक कंपनी विजय सिद्धार्थ के नेतृत्व में मुनाफा कमाने लगी. इसके बाद, उन्होंने अन्य क्षेत्रों में भी अपने हाथ आजमाने शुरू किये. साल 2015 में वीजी सिद्धार्थ ने शेयर मार्केट में दस्तक देने की तैयारी. इसके साथ ही, उन्होंने रियल एस्टेट और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में भी हाथ आजमाया. मगर इन क्षेत्र में विजय का जादू नहीं चल सका. एक साथ इतने फ्रंट पर हाथ फैलाने से कंपनी को संभालना मुश्किल हो गया. नतीजा, संस्थान पर कर्ज का बोझ बढ़ता चला गया. इसके साथ ही, 2017 में कंपनी पर टैक्स चोरी का भी आरोप लग गया. आयकर विभाग ने 700 करोड़ की टैक्स चोरी का आरोप लगाया. 2019 तक कंपनी के उपर, 6550 करोड़ रुपये के कर्ज हो चुका था. वीजी सिद्धार्थ ने अपने 20 फीसदी तक शेयर बेचकर 3200 करोड़ का कर्ज चुकाया. मगर, वो इस बोझ को झेल नहीं पाये और उन्होंने नेत्रावदी नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली.

मालविका हेगड़े ने चुका दिया 95 प्रतिशत कर्ज

मालविका हेगड़े कर्नाटक के पूर्व सीएम एसएस कृष्णा की बेटी हैं. पति की मौत के बाद विजय की पत्नी मालविका हेगड़े के सामने दो सबसे बड़ी समस्या थी. एक परिवार को संभालने की और दूसरी कंपनी को संभालने की. मालविका हेगड़े ने सबसे पहले कंपनी के कर्मचारियों का भरोसा जीता. उन्होंने कंपनी को संभालने के लिए अमेरिकी कंपनी Blackstone और Shriram Credit company के साथ एग्रीमेंट भी किया. इसके बाद, आउटलेट्स को सुधारने का काम किया. उन्होंने दिनरात काम करके घाटे में चल रही कंपनी का 95 प्रतिशत कर्ज कम किया. दो सालों में उन्होंने कंपनी का कर्ज 465 करोड़ पर पहुंचा दिया. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कॉफी डे एंटरप्राइजेज ने 22.51 करोड़ का मुनाफा हासिल किया. जबकि, कंपनी का परिचालन आय 247.29 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.

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