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Nipah Virus: निपाह वायरस से ही हुई थी दो लोगों की मौत, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने की पुष्टि

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि केरल के कोझिकोड में दो लोगों की मौत निपाह वायरस से ही हुई थी. दरअसल केरल सरकार ने दो लोगों की अप्राकृतिक मौत के बाद पांच नमूने जांच के लिए पुणे भेजी थी. ताकि पता लगाया जा सके कि ये नमूने निपाह वायरस से संक्रमित हैं या नहीं.

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Nipah Virus: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि केरल के कोझिकोड में दो लोगों की मौत निपाह वायरस से ही हुई थी. स्वास्थ्य मंत्री ने इसकी पुष्टि की है. वहीं, मौत की पुष्टि हो जाने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि स्थिति का जायजा लेने और निपाह वायरस प्रबंधन में राज्य सरकार की सहायता करने के लिए केंद्रीय टीम केरल भेजी गई है. बता दें, राज्य सरकार ने कोझिकोड जिले में दो लोगों की अप्राकृतिक मौत का पता चलने के बाद पांच नमूने जांच के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे थे. नमूने इसलिए भेजे गए थे ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये निपाह वायरस से संक्रमित थे या नहीं.

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निपाह से हुई थी दो लोगों की मौत
गौरतलब है कि केरल सरकार ने कोझिकोड जिले में दो लोगों की अप्राकृतिक मौत का पता चलने के बाद पांच नमूने जांच के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे हैं, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि ये नमूने निपाह वायरस से संक्रमित हैं या नहीं. केरल स्वास्थ्य विभाग ने दो लोगों की मौत के बाद बीते दिनों कोझिकोड में निपाह वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया था. बता दें, जांच के लिए जो नमूने विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए हैं, उनमें से एक नमूना मृतक का और चार उसके संबंधियों के हैं.

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने की स्थिति की समीक्षा
इधर, राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज प्रभावित जिले में जाकर स्थिति का जायजा लिया. इसके बाद उन्होंने वायरस के आकलन के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की भी अध्यक्षता की. उन्होंने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार बीमारी को लेकर सभी एहतियाती कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि पहली मौत एक निजी अस्पताल में हुई थी और मृतक के बच्चों, भाई और उसके रिश्तेदारों का बुखार से पीड़ित होने के कारण उपचार किया जा रहा है.

कैसे फैलता है निपाह वायरस?
निपाह एक खतरनाक वायरस है जो संक्रमित चमगादड़, संक्रमित सुअरों या अन्य एनआईवी (NiV) संक्रमित लोगों से सीधे संपर्क में आने से इंसानों में फैसला है. यह गंभीर इंफेक्शन की श्रेणी में आता है. यह इंफेक्शन फ्रूट बैट्स या flying foxes के माध्यम से भी फैलता है, जो हेंड्रा और निपाह वायरस के प्राकृतिक संग्रह के समुदाय हैं. ये वायरस चमगादड़ के मूत्र, मल, लार और प्रसव तरल पदार्थ में मौजूद होता है. जो इंसानों को प्रभावित करता है.

क्या है निपाह वायरस
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक निपाह वायरस के बारे में सबसे पहले 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगई निपाह से पता चला था. यहीं से इसका नाम निपाह वायरस पड़ा. उस समय कुछ सुअर के किसानों को दिमाग में बुखार हुआ था. इसलिए इस गंभीर बीमारी के वाहक सुअर को बताया गया. सिंगापुर में भी इसके बारे में 1999 में पता चला था. ये सबसे पहले सुअर, चमगादड़ या अन्य जीवों को प्रभावित करता है. इसके बाद संपर्क में आने वाले मनुष्यों को भी चपेट में ले लेता है.

निपाह वायरस संक्रमण के लक्षण
निपाह वायरस एक खतरनाक संक्रमण फैलने वाला वायरस है. वायरस की चपेट में आने पर और संक्रमित हो जाने पर शुरुआती दौर में सांस लेने में समस्या होती है. इसके बाद बुखार, सिरदर्द, मानसिक भ्रम, उल्टी और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. मनुष्यों  में निपाह वायरस, encephalitis से जुड़ा हुआ है, जिसके कारण दिमाग में सूजन होने लगती है. संक्रमण के लक्षणों को सामने आने में आमतौर पर पांच दिन से लेकर चौदह दिन लग सकते हैं. यह इतना खतरनाक है कि संक्रमण बढ़ जाने से मरीज के कोमा में भी जाने की संभावना बढ़ जाती है.

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क्या है बचाव का तरीका
निपाह वायरस संक्रमण से बचाव के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. इस रोग से ग्रसित लोगों का इलाज की एक समाधान है कि चमगादड़ से दूषित कच्चे फलों का उपयोग करने से बचना चाहिए. अच्छी तरह से पके हुए, साफ भोजन का उपयोग करना चाहिए. इस वायरस से बचने के लिए फलों, खासकर खजूर खाने से बचना चाहिए. पेड़ से गिरे फलों को खाने से बचें. सूअरों की देखभाल करने वाले लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए. इसके अलावा संक्रमित रोगी से दूरी बनाकर रखना बेहद जरूरी है. 

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