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अनुब्रत मंडल के बेटी सुकन्या मंडल को दिल्ली के तिहाड़ जेल में ही गुजारनी होगी यह साल, 10 जनवरी काे होगी सुनवाई

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अनुब्रत मंडल ने भी इसी कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी. उनकी जमानत अर्जी पर 27 सितंबर को सुनवाई होगी. अनुब्रत और सुकन्या मंडल फिलहाल गौ तस्करी मामले में तिहाड़ जेल में कैद हैं.

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कोलकाता , विकास कुमार गुप्ता : पश्चिम बंगाल में मवेशी तस्करी मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हाथों गिरफ्तार अनुब्रत पुत्री सुकन्या मंडल को यह वर्ष दिल्ली के तिहाड़ जेल में ही गुजारना होगा. सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुकन्या मंडल की जमानत अर्जी पर सुनवाई आगामी वर्ष 10 जनवरी तक टल गई है. सुकन्या मंडल ने दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई अगले वर्ष 10 जनवरी तक टाल दी है. ऐसी स्थिति में सुकन्या को अगले चार महीने तक हाई कोर्ट से जमानत नहीं मिलेगी. इधर, अनुब्रत मंडल ने भी इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर 27 सितंबर को सुनवाई होगी. कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि सुकन्या किसी भी समय सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती हैं.

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सुकन्या जमानत मिली तो जांच होगी प्रभावित

इधर, ईडी शुरु से ही सुकन्या मंडल के जमानत देने का विरोध किया है. ईडी ने अनुब्रत के अकाउंटेंट मनीष कोठारी के बयान के आधार पर कोर्ट को इससे अवगत कराया कि सुकन्या ही यह तय करती थी कि मवेशी तस्करी से कमाए गए करोड़ों रुपये कालेधन को कहा और कैसे निवेश किया जाये, यह सुकन्या तय करती थी. वही अहम फैसले लेती थी. इसलिए उन्हें रुपये की कोई दिक्कत नहीं है. यह सब महज अदालत को दिखावा मात्र है. जांच एजेंसी ने कोर्ट को यह भी बताया कि काले धन को सफेद करने के लिए सुकन्या जिम्मेदार थी. वह काफी प्रभावशाली है. इसलिए अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है, तो जांच प्रभावित हो सकती है.

इसी मामले में अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर 27 सितंबर को होगी सुनवाई

इसका विकल्प उनके पास हमेशा खुला हुआ है.बताया जा रहा है कि सुकन्या मंडल को ईडी ने मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार किया था. तब से लेकर मौजूदा समय तक उन्हें दिल्ली के तिहाड़ जेल में रखा गया था. हाल ही में सुकन्या मंडल के साथ वकील को लेकर एक समस्या खड़ी हो गई है. इससे पहले उनके वकील ने सुनवाई से पहले ही मामले से अपना नाम वापस ले लिया था. परिणामस्वरूप, चाहे दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट हो या दिल्ली उच्च न्यायालय, अब जब भी सुकन्या मंडल का मामला किसी भी अदालत में आता है तो उनकी तरफ से मामले की पैरवी करने के लिए वकीलों की कमी देखी जा रही है. वह चाहें तो दिल्ली स्पेशल कोर्ट या फिर राउज एवेन्यू में वकील न मिलने की बात का जिक्र कर सकती हैं, लेकिन उनकी तरफ से वकील की आवश्यकता की बात अबतक अदालत में नहीं बतायी गयी है. नतीजतन अबतक के अदालत के निर्देश के मुताबिक सुकन्या मंडल को इस वर्ष तक तिहाड़ जेल में ही रहना पड़ेगा.

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मवेशी तस्करी मामले में अनुब्रत मंडल की 11 करोड़ की संपत्ति जब्त

मवेशी तस्करी मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर पश्चिम बंगाल में करोड़ों की पशु तस्करी के मामले में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल और उनके परिवार के सदस्यों की 11 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त कर ली है. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि सोमवार को केंद्रीय एजेंसियों ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में संपत्ति जब्त करने से जुड़ा अपना विवरण को जमा कर दिया है. इस दौरान ईडी और सीबीआई ने यह भी बताया है कि कैसे बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के रूप में अनुब्रत मंडल ने अपनी शक्ति और प्रभाव का इस्तेमाल करके लोगों से बाजार मूल्य से काफी कम दरों पर संपत्तियां खरीदीं थी और इस तरह से प्रोपर्टी का साम्राज्य खड़ा कर लिया था.

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जब्त संपत्तियों में राइस मिल, लक्जरी कारें एवं कुछ बीघा जमीन जब्त

जब्त की गयी संपत्तियों में राइस मिलों के अलावा राष्ट्रीय राजमार्गों से सटे प्रमुख क्षेत्रों में कई बीघा जमीन, आवासीय फ्लैट और कुछ लक्जरी गाड़ियां शामिल थीं. सूत्रों का कहना है कि जब्त की गयी संपत्ति का अगर वास्तविक बाजार मूल्य आंका जाये तो यह राशि लगभग 20 करोड़ रुपये होगी. दोनों एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि कैसे पशु-तस्करी घोटाले की आय या तो राइस मिलों जैसे कानूनी व्यवसायों में निवेश के माध्यम से या शेल कंपनियों के माध्यम से की गई थी.

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