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एशियन ओपन में छायी पटना की तनीशी, फिगर स्केटिंग में किया कमाल, जानें क्या है ये गेम

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Bihar News: पटना की तनीशी ने एशियन ओपन में अपनी एक अलग जगह बनाई है. फिगर स्केटिंग में उसने कमाल कर दिया. पांच वर्ष की उम्र में उन्होंने पहला पदक जीता था. इसमें बाद अभी एशियन गेम्स में उसने अच्छा प्रदर्शन किया है.

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अविरल, पटना: राजधानी पटना की तनीशी कृष्णा ने एक ऐसे खेल में देश का मान बढ़ाया है, जिसे बिहार में काफी कम लोग ही जानते हैं. दरअसल, पटना के पोस्टल पार्क रोड नंबर दो (कैलाश भवन) की रहने वाली तनीशी ने हाल ही में थाइलैंड में हुए एशियन ओपन फिगर स्केटिंग ट्राफी में बेहतर प्रदर्शन किया है. इस चैंपियनशिप में भारत से तनीशी सहित छह खिलाड़ियों ने भाग लिया था. 10 वर्षीया तनीशी को फिगर स्केटिंग में विश्व की उभरती हुई प्रतिभा माना जा रहा है. उसके दादा स्व. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव, जो राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक रह चुके हैं, उन्होंने उसे आगे बढ़ाया. तनीशी के पिता कृष्ण कन्हैया मल्टीनेशनल कंपनी में अधिकारी हैं. वे बताते हैं कि तनीशी ने साढ़े चार साल की उम्र से ही स्केटिंग करना शुरू कर दिया था. इस वर्ष (2023) उसने दिल्ली में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता.

पांच वर्ष की उम्र में जीता पहला पदक

दस वर्षीया तनीशी को फिगर स्केटिंग में विश्व की उभरती हुई प्रतिभा माना जा रहा है. उसके दादा स्व. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव, जो राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक रह चुके हैं, ने उसे आगे बढ़ाया और उसकी हौसला अफजाई की. तनीशी के पिता कृष्ण कन्हैया मल्टीनेशनल कंपनी में अधिकारी हैं. वे बताते हैं कि तनीशी ने साढ़े चार साल की उम्र से ही स्केटिंग करना शुरू कर दिया था. इस वर्ष (2023) उसने दिल्ली में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता. इसी के आधार पर उसका चयन एशियन ओपन के लिए हुआ था. हालांकि भारत में फिगर स्केटिंग के गिने चुने ही खिलाड़ी हैं.

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पांच वर्ष की उम्र में जीता पहला पदक

तनीशी जब पांच साल की थी तो उसने ताइवान नेशनल चैंपियनशिप में पहला पदक जीता था. 2017 में हुए इस चैंपियनशिप में उसे गोल्ड मेडल मिला था. इसके बाद तनीशी ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. इसी प्रतियोगिता में उसने लगातार दो बार सिल्वर मेडल प्राप्त किया. 2018 में बैंकाक में हुए स्केट एशिया चैंपियनशिप में उसे ब्रांज मेडल से संतोष करना पड़ा. इसके अलावा भी इंटर स्टेट प्रतियोगिता में उसने कई पदक जीते हैं. कृष्ण कन्हैया बताते हैं कि स्केटिंग के साथ ही तनीशी को संगीत का भी शौक है. छह वर्ष की उम्र से ही वह पियानो अच्छा बजा लेती है. वह अंग्रेजी, हिंदी और चाइनीज भाषा के अलावा मगही भी फर्राटे से बोल लेती है. तीनीशी का अगला लक्ष्य जूनियर ग्रैंड पिक्स में जाना है.

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ताइवान में करती है प्रैक्टिस

उसके पिता श्री कृष्ण बताते हैं कि अगर सरकार ऐसे बच्चों पर फोकस करे तो प्रतिभाओं को निखरने का मौका मिलेगा. फिगर स्केटिंग के लिए अच्छा कोच, अच्छा आइस रिंक(जिसमें खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं) हो तो खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलती है. फिलहाल वे खुद अपने खर्चे पर तनीशी की प्रैक्टिस ताइवान के कॉमन आइस रिंक में ही करवाते हैं, जबकि दूसरे देशों के नेशनल खिलाड़ियों के लिए खास आइस रिंक होता है. भारत में एकमात्र आइस रिंच है, जो गुड़गांव में है. हालांकि वह प्राइवेट है. श्री कृष्ण बताते हैं कि आइस रिंच को मेंटेन करना काफी खर्चीला है.

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क्या है आइस फिगर स्केटिंग

आइस फिगर स्केटिंग मूव, जंप और और स्पीन का कंबिनेशन है. तीनीशी के पिता का दावा है कि तनीशी संभवत: बिहार की पहली लड़की है, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में पांच डबल जंप किया है.

“फिगर स्केटिंग” एक प्रकार की इस्टेटिकल और क्रिएटिव स्पोर्ट्स आइस स्केटिंग का हिस्सा है, जिसमें स्केटर विभिन्न आकृतियों, पैटर्न्स, और गतियों का उपयोग करके आकार, आकृति, और स्टाइल में आकर्षण पैदा करते हैं. यह विशेष तरीके से आकर्षण और समर्पण को मिलाकर प्रदर्शन की कला है, जो आइस स्केटिंग के माध्यम से किया जाता है. फिगर स्केटिंग आइस स्केटिंग के एक अंग के रूप में माना जाता है, और इसमें विभिन्न तरीकों से आकृतियां बनाने का काम शामिल होता है. यह आमतौर पर महिला स्केटर्स के द्वारा किया जाता है, लेकिन पुरुष स्केटर्स भी कई बार फिगर स्केटिंग के तत्वों का उपयोग करते हैं.

फिगर स्केटिंग के दौरान, स्केटर ग्रेसफुल और एलेगेंट पोजेशन्स में स्केटिंग करते हैं जो कि दर्शकों को आकर्षित करते हैं. इसमें आकृतियां बनाने, गतियों की समर्पण, बालेस और स्पिन्स के साथ काम करना शामिल हो सकता है. यह एक आदर्शित और अद्वितीय तरीके से स्केटर की आगामी प्रदर्शन में चुनौतीपूर्ण होता है जो उनके तकनीकी और कल्पनात्मक कौशल को प्रदर्शित करने का मौका देता है.

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