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इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया प्रज्ञान रोवर के पास हैं ये दो उपकरण, जिनके जरिये वो धरती तक भेजेगा चंद्रमा के राज

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इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि इसरो ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को इसलिए चुनाव है क्योंकि यहां सूरज की रौशनी कम पड़ती है, जिसकी वजह से यहां वैज्ञानिक सामग्रियां ज्यादा हो सकती हैं. वैज्ञानिकों की रुचि यहां ज्यादा पानी को लेकर भी है.

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चंद्रयान 3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद इसरो चीफ सोमनाथ ने विस्तार से इस मिशन के बारे में बात की. उन्होंने रोवर प्रज्ञान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रज्ञान रोवर के पास दो उपकरण हैं जो चंद्रमा पर मौलिक संरचना के निष्कर्षों के साथ-साथ रासायनिक संरचनाओं की जानकारी भी देगा. प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर चक्कर लगाएगा और हमें चंद्रमा के बारे में जानकारी देगा. रोवर प्रज्ञान के जरिये हमें भविष्य के अन्वेषणों के लिए भी सूचना मिलेगी.

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दक्षिणी ध्रुव में पानी की उम्मीद

इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि इसरो ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को इसलिए चुनाव है क्योंकि यहां सूरज की रौशनी कम पड़ती है, जिसकी वजह से यहां वैज्ञानिक सामग्रियां ज्यादा हो सकती हैं. वैज्ञानिकों की रुचि यहां ज्यादा पानी को लेकर भी है, साथ ही इंसान यहां उपनिवेश बनाकर रहना भी चाहता है इसलिए हमने दक्षिणी ध्रुव को चुना है.


खुशी बयां करना मुश्किल

चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा, यह वर्णन करना बहुत मुश्किल है कि मन में क्या चल रहा था. हां यह कह सकता हूं कि बहुत खुशी है. यह खुशी चंद्रयान की सफलता को लेकर है. मैं उन सबका धन्यवाद कहना चाहता हूं कि जिन्होंने इस मिशन में योगदान दिया. सबकी अपनी भूमिका थी, जो बहुत महत्वपूर्ण थी.

आदित्य मिशन सितंबर में हो सकता है लाॅन्च

एस सोमनाथ ने बताया कि सूर्य के राज जानने के लिए जो मिशन शुरू हो रहा है उसका नाम ‘आदित्य मिशन’ और यह सितंबर में लॉन्च के लिए तैयार हो जाएगा. गगनयान पर अभी भी काम चल रहा है. हम क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए संभवतः सितंबर या अक्टूबर के अंत तक तैयार हो जाएंगे. इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से जुड़े सूत्रों ने बताया कि रोवर ‘प्रज्ञान’ लैंडर ‘विक्रम’ से बाहर निकल आया है और यह अब यह चंद्रमा की सतह पर घूमेगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘विक्रम’ लैंडर से रोवर ‘प्रज्ञान’ के सफलता पूर्वक बाहर आने पर इसरो की टीम को बधाई भी दी.

चंद्रयान की सफलता पर पूरे देश में खुशी

गौरतलब है कि चंद्रयान 3 ने बुधवार शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर सफलता पूर्वक लैंडिंग की थी. चंद्रयान की सफलता को पूरे देश ने लाइव देखा और प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह भारत के शंखनाद का क्षण है. भारत की इस सफलता पर संपूर्ण विश्व की नजर थी. चंद्रम के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश बन गया है, जबकि चंद्रमा पर लैंडिंग में सफलता पाने वाला भारत चौथा देश है. इससे पहले अमेरिका, रुस और चीन इसमें सफल हो चुके हैं.

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