21.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 12:11 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Explainer : अब पांच देशों का समूह नहीं रहेगा ब्रिक्स, होगा विस्तार, बंद कमरे में इन नेताओं ने की बातचीत

Advertisement

गोल्डमैल सॉक्स के अर्थशास्त्री जिम ओ निल ने वर्ष 2001 में शक्तिशाली देशों के सहयोग से विकासशील देशों के आर्थिक उत्थान के लिए योजना बनाई. बरसों के शोध के बाद जिम ओ निल ने राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, शांति, सुरक्षा, विकास और न्यायसंगत एवं निष्पक्ष सहयोग के लिए पांच देशों के एक समूह बनाने पर जोर दिया

Audio Book

ऑडियो सुनें

नई दिल्ली/जोहानिसबर्ग : दुनिया के विकसित देशों के सहयोग से विकासशील देशों के आर्थिक, सामाजिक उत्थान के लिए पांच देशों के समूह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) का अब विस्तार होगा. इसके लिए बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर पांच देशों के प्रमुखों ने बंद कमरे में बातचीत की. जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स के तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन बुधवार देर रात नए सदस्यों को स्वीकार करने पर निर्णय होने की उम्मीद है. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि इसमें शायद देरी होगी और इसकी घोषणा आज गुरुवार को की जा सकती है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने सैंडटन वित्तीय जिले में एक सम्मेलन केंद्र में मुलाकात की. ब्रिक्स में शामिल होने के लिए 20 से अधिक देशों ने आवेदन किया है. इस समूह का गठन 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने किया था और 2010 में दक्षिण अफ्रीका को इसमें शामिल किया गया था.

- Advertisement -

ब्रिक्स में शामिल होना चाहते हैं ये देश

सऊदी अरब ब्रिक्स की सदस्यता चाहने वाले देशों में से एक है, जिससे उसके चीन और रूस के थोड़ा करीब जाने की संभावना बढ़ गई है. अधिकारियों के अनुसार, आवेदन करने वाले अन्य देशों में अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. भले ही ब्रिक्स नेता विस्तार पर आम सहमति पर पहुंच जाएं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इस सप्ताह की बैठक में किसी नए सदस्य की घोषणा की जाएगी या नहीं. पांचों सदस्यों को पहले उन मानदंडों को तय करना होगा, जिन्हें नए देशों को आर्थिक ब्लॉक में शामिल होने के लिए पूरा करना होगा. ब्रिक्स सर्वसम्मति पर आधारित है और निर्णय केवल तभी किए जा सकते हैं, जब सभी पांचों सदस्य सहमत हों.

अशांत समय में ब्रिक्स को मजबूत करने की जरूरत

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका के सिरिल रामफोसा ने कहा कि सभी पांच नेताओं ने इस समूह के विस्तार के सिद्धांत का समर्थन किया. रामफोसा ने कहा कि हम ब्रिक्स परिवार के विस्तार के अहम पड़ाव पर खड़े हैं, क्योंकि यह विस्तार ही है, जिसके माध्यम से हम इस अशांत समय में ब्रिक्स को अधिक मजबूत बनाने में सक्षम होंगे.

जिनपिंग ने राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने का किया आह्वान

वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को ब्रिक्स समूह के विस्तार में तेजी लाने के अलावा पांच सदस्य देशों के बीच राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग बढ़ाकर जोखिमों से संयुक्त रूप से निपटने के प्रयासों का आह्वान किया. हालांकि, मंगलवार को शी जिनपिंग ब्रिक्स व्यापार मंच में शामिल नहीं हुए थे, जिससे उनकी अनुपस्थिति को लेकर अटकलें लगने लगी थीं. हालांकि, बुधवार को उन्होंने यहां शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और सदस्य देशों के बीच अधिक राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग की वकालत की.

भारत ने आम सहमति से विस्तार का किया समर्थन

उधर, भारत ने भी ब्रिक्स के विस्तार का समर्थन किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स के विस्तार का भारत पूरा समर्थन करता है और आम सहमति से इस दिशा में आगे बढ़ने का स्वागत करता है. उन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण सहित कई क्षेत्रों में समूह के सदस्य देशों के बीच सहयोग का दायरा और बढ़ाने के लिए पांच सुझाव भी दिए. जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) की शिखर बैठक के दौरान मोदी ने समूह से ध्रुवीकरण नहीं, बल्कि एकता का वैश्विक संदेश भेजने का आह्वान किया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार के लिए समयसीमा निर्धारित करने की अपील की.

कैसे बना ब्रिक्स

बताते चलें कि ब्रिक्स विश्व के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों का समूह है, जो वैश्विक आबादी के 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार के 16 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है. गोल्डमैल सॉक्स के एक अर्थशास्त्री थे जिम ओ निल. इस अर्थशास्त्री ने वर्ष 2001 में शक्तिशाली देशों के सहयोग से विकासशील देशों के आर्थिक उत्थान के लिए योजना बनाई. बरसों के शोध के बाद जिम ओ निल ने दुनिया में राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, शांति, सुरक्षा, विकास और न्यायसंगत एवं निष्पक्ष सहयोग के लिए पांच देशों के एक समूह बनाने पर जोर दिया, ताकि देशों की घरेलू और क्षेत्रीय चुनौतियों के लिये साझा नीतिगत सलाह तथा सर्वोत्तम कार्यों के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान किया जाए. ब्रिक्स के गठन की सबसे पहले वर्ष 2001 में शुरू की गई. गोल्डमैन सॉक्स के अर्थशास्त्री जिम ओ निल ने ब्राजील, रूस, भारत और चीन की अर्थव्यवस्थाओं के विकास की संभावनाओं पर एक रिपोर्ट में की थी. वर्ष 2006 में चार देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की आमसभा के अंत में विदेश मंत्रियों की वार्षिक बैठकों के साथ एक नियमित अनौपचारिक राजनयिक समन्वय शुरू किया. वर्ष 2006 में चार देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की सामान्य बहस के अंत में विदेश मंत्रियों की वार्षिक बैठकों के साथ एक नियमित अनौपचारिक राजनयिक समन्वय शुरू किया. इस सफल बातचीत से यह निर्णय हुआ कि इसे वार्षिक शिखर सम्मेलन के रूप में देश और सरकार के प्रमुखों के स्तर पर आयोजित किया जाना चाहिए.

2010 में ब्रिक्स में शामिल हुआ दक्षिण अफ्रीका

ब्रिक्स का पहला शिखर सम्मेलन वर्ष 2009 में रूस के येकतेरिनबर्ग में आयोजित किया गया और इसमें वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में सुधार जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई थी. दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका को ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया और इसे ब्रिक्स कहा जाने लगा. मार्च 2011 में दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार चीन के सान्या में तीसरे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया.

ब्रिक्स के विस्तार में कौन-कौन देश होंगे शामिल

बता दें कि जब ब्रिक्स के विस्तार की बात हो रही है, इसमें अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात शामिल होना चाहते हैं. इन देशों को ब्रिक्स में शामिल करने को लेकर जल्द ही फैसला हो सकता है. हालांकि, मीडिया में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि ब्रिक्स में नए देशों को शामिल किए जाने को लेकर फैसला करने में शायद देरी हो सकती है. इसकी घोषणा गुरुवार को किए जाने की संभावना अधिक है.

Also Read: क्या ब्रिक्स को आखिरी सहारे के रूप में देख रहा कंगाल पाकिस्तान, रिपोर्ट से खुलासा, शामिल होने की कर रहा कवायद

विस्तार को लेकर इन नेताओं ने की बातचीत

ब्रिक्स के विस्तार को लेकर ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं ने बुधवार को ब्रिक्स समूह के संभावित विस्तार पर बंद कमरे में चर्चा की. इसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने सैंडटन वित्तीय जिले में एक सम्मेलन केंद्र में मुलाकात की. यूक्रेन में युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के चलते वह ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन के लिए जोहानिसबर्ग नहीं गए. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सम्मेलन में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका के रामफोसा ने कहा कि सभी पांच नेताओं ने इस समूह के विस्तार के सिद्धांत का समर्थन किया. रामफोसा ने कहा कि हम ब्रिक्स परिवार के विस्तार के अहम पड़ाव पर खड़े हैं, क्योंकि यह विस्तार ही है, जिसके माध्यम से हम इस अशांत समय में ब्रिक्स को अधिक मजबूत बनाने में सक्षम होंगे.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें