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Millets: मक्का, बाजरा के बाद अब ज्वार भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी यूपी सरकार

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यूपी सरकार मिलेट्स (श्री अन्न) को बढ़ावा देने के लिये कई योजनाएं चला रही है. इसमें मोटे अनाज को एमएसपी पर खरीदा जा रहा है. साथ ही इसका इस्तेमाल खाने में बढ़ाने के लिये इसे मिड डे मील में भी शामिल किया गया है. अब मक्का, बाजरा, ज्वार जैसे मोटे अनाजकी फसल कम खर्च में तैयार हो जाती है.

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लखनऊ: यूपी सरकार ने खरीफ के इसी सीजन से धान के साथ ही ज्वार को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय लिया है. सरकार पहले से ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मक्का और बाजरा खरीद रही है. इससे पहले सरकार ने मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिये मिड डे मील (मध्याह्न भोजन) में बच्चों को एक दिन बाजरे की खिचड़ी देने का निर्णय लिया था.

यूपी सरकार लोगों को मिलेट्स का मुरीद बना रही है. एक दिन बाजरे की खिचड़ी मिड डे मील में देने के फैसले से किसानों को भी फायदा होगा. उत्तर प्रदेश में मिड डे मील पाने वालों बच्चों की संख्या लाखों में होने के कारण बाजरा उत्पादक किसानों को इससे फायदा होगा. क्योंकि मिड डे मील में बाजरे के शामिल होने के बाद इसकी मांग भी बढ़ जाएगी. इस बढ़ी मांग के अनुसार सरकार को इसकी और खरीद करनी पड़ेगी. इससे ओपन मार्केट में भी बाजरे के बेहतर दाम मिलेंगे.

बाजरे के दाम बेहतर होंगे तो किसान इसके उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित होंगे. भविष्य में यही स्थिति ज्वार की भी हो सकती है. क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) के मद्देनजर जिस तरह गेहूं और धान जैसी परंपरागत और एकल खेती को खतरा बताया जा रहा है. ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों में कम पानी, खाद, कीटों और रोगों के प्रति प्रतिरोधी ये अनाज कृषि विविधिकरण के अनुकूल है. पोषण के लिहाज से परंपरागत फसलों से उम्दा होना इनके लिए सोने पर सुहागा है.

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