![Zero Shadow Day: आज ठीक 12 बज कर इतने मिनट पर इस जगह नहीं दिखेगी किसी की परछाईं, देखें फोटो 1 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2023-08/ed4553c4-d8cb-4289-a667-5cc51e624188/image__46_.jpg)
बेंगलुरू आज 2023 में दूसरी बार शून्य छाया दिवस नामक खगोलीय घटना को देखने के लिए तैयार हो रहा है. दोपहर 12:24 बजे सूर्य ठीक ऊपर की ओर स्थित होगा तो शहर को एक दिव्य क्षणभंगुर क्षण का अनुभव होगा. इस दौरान खड़ी वस्तुएं जैसे डंडे, लाठियां और यहां तक कि लोगों की छाया भी जमीन पर नहीं पड़ेगी. जब सूर्य अपने चरम पर पहुंचता है, तब तक आप अपनी परछाई नहीं देख पाएंगे जब तक कि आप न कूदें.
![Zero Shadow Day: आज ठीक 12 बज कर इतने मिनट पर इस जगह नहीं दिखेगी किसी की परछाईं, देखें फोटो 2 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2023-08/bdc9780d-cde9-4bfd-b601-7677a00c47d7/image__45_.jpg)
शून्य छाया दिवस मूलतः तब होता है जब बिना छाया वाले दिनों में सूर्य सीधे सिर के ऊपर होता है. यह वस्तुतः हमारी छाया को समाप्त कर देता है. हालांकि, सामान्य दिनों में सूर्य हमेशा छाया डालता है, यहां तक कि दोपहर के समय भी जब वह अत्यधिक चमकीला होता है. सूर्य सीधे सिर के ऊपर होता है और स्थानीय सौर दोपहर के दौरान इसकी छाया नहीं पड़ती है, यह खगोलीय घटना पृथ्वी पर विशिष्ट क्षेत्रों में घटित होती है.
![Zero Shadow Day: आज ठीक 12 बज कर इतने मिनट पर इस जगह नहीं दिखेगी किसी की परछाईं, देखें फोटो 3 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2023-08/a8b7cda7-3090-4ed3-b36d-066f4e793054/image__49_.jpg)
यह आमतौर पर कर्क और मकर रेखा के बीच के क्षेत्रों में होता है और विषुव के समय के आसपास होता है, जो वर्ष में दो बार होता है जब सूर्य सीधे भूमध्य रेखा के ऊपर होता है. +23.5 और -23.5 डिग्री अक्षांश के बीच के क्षेत्रों में वर्ष में दो बार होने वाली एक अनोखी खगोलीय घटना को शून्य छाया दिवस कहा जाता है. जब ऐसा होता है, तो सूर्य आकाश में अपने उच्चतम बिंदु पर होता है, इसलिए लोगों या अन्य चीज़ों द्वारा कोई छाया नहीं बनती है.
![Zero Shadow Day: आज ठीक 12 बज कर इतने मिनट पर इस जगह नहीं दिखेगी किसी की परछाईं, देखें फोटो 4 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2023-08/6333a3f9-a246-4460-b83c-73b5dedea7f9/image__48_.jpg)
पृथ्वी का झुकाव लगभग 23.5 डिग्री है. इस झुकाव के कारण, बेंगलुरु एकमात्र ऐसा स्थान है जहां साल में दो बार सूर्य की अनोखी छाया का जादू अनुभव होगा. शून्य छाया दिवस एक ही दिन में अलग-अलग समय पर अन्य शहरों में होता है जो एक ही अक्षांश पर स्थित हैं, जैसे चेन्नई और मैंगलोर.
![Zero Shadow Day: आज ठीक 12 बज कर इतने मिनट पर इस जगह नहीं दिखेगी किसी की परछाईं, देखें फोटो 5 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2023-08/fcd5148d-7fe2-48f5-8d3e-8cf1a702fbc6/image__47_.jpg)
एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के अनुसार, सूर्य कभी भी बिल्कुल ऊपर नहीं होता है. इसके बजाय, या तो उत्तर या दक्षिण में, यह लगातार आकाश में कुछ हद तक निचली स्थिति रखता है. अगला शून्य छाया दिवस 25 अप्रैल, 2024 को बेंगलुरु में होगा.