13.6 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 04:30 am
13.6 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड : गुमला के टांगीनाथ धाम से चोरी हुआ त्रिशूल का टुकड़ा छत्तीसगढ़ में मिला, वापस लाने की गुहार

Advertisement

गुमला के टांगीनाथ धाम से चोरी हुआ त्रिशूल का एक टुकड़ा छत्तीसगढ़ के सन्ना क्षेत्र स्थित पहाड़ी के पास से मिला है. बताया गया कि त्रिशूल का एक भाग बेल पेड़ के नीचे गड़ा मिला. सन्ना क्षेत्र के लोग इसे वापस ले जाने से मना कर रहे हैं. इस कारण गुमला वासी जिला प्रशासन व सरकार से गुहार लगा रहे हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

गुमला, दुर्जय पासवान : गुमला जिले के डुमरी प्रखंड स्थित प्राचीन धार्मिक स्थल टांगीनाथ धाम से चोरी हुआ त्रिशूल का टुकड़ा छत्तीसगढ़ में एक पेड़ के नीचे गड़ा मिला है. छत्तीसगढ़ के सन्ना क्षेत्र के पहाड़ी इलाके में त्रिशूल एक बेल के पेड़ के नीचे मिट्टी में गड़ा हुआ था. त्रिशूल का आधा हिस्सा जमीन के ऊपर था. इस कारण लोगों की नजर त्रिशूल पर पड़ी. सन्ना क्षेत्र से मिला त्रिशूल टांगीनाथ धाम के प्राचीन त्रिशूल का एक अंग है.

- Advertisement -
Undefined
झारखंड : गुमला के टांगीनाथ धाम से चोरी हुआ त्रिशूल का टुकड़ा छत्तीसगढ़ में मिला, वापस लाने की गुहार 2

चोरी हुआ त्रिशुल छत्तीसगढ़ के सन्ना क्षेत्र के पहाड़ पर पाया गया

वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि पिछले साल बाबा टांगीनाथ धाम से चुराया गया त्रिशूल का टुकड़ा समिति के अथक प्रयास के बाद छत्तीसगढ़ के सन्ना क्षेत्र के पहाड़ पर पाया गया. त्रिशूल का टुकड़ा एक बेल पेड़ के नीचे मिट्टी में रखा गया है. वहां स्थानीयों से पता चला कि यह टांगीनाथ से ही लाया गया है और लाने वाले को बाबा द्वारा सजा दे दिया गया है. वह आदमी लकवा ग्रस्त होकर अपंग हो गया है.

Also Read: PHOTOS: गिरिडीह के डुमरी में केंद्र सरकार पर बरसे हेमंत सोरेन, बोले- डबल इंजन की सरकार ने राज्य को खोखला किया

त्रिशूल वापस लाने की गुहार

सन्ना क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हम यहां पूजा करते हैं. इसको नहीं ले जाने देंगे. जिसके बाद हमलोग वहां से निराश होकर लौट आये. हम लोग अब प्रशासन एवं सरकार से आग्रह करते हैं कि हमें बाबा टांगीनाथ धाम का इस त्रिशूल के टुकड़ा वापस दिया जाये, ताकि हमलोग निर्धारित स्थल टांगीनाथ धाम में दोबारा त्रिशूल को स्थापित कर सके. राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि त्रिशूल को वापस टांगीनाथ लाना है. इसके लिए सभी को मिलकर पहल करनी चाहिए.

पुरातात्विक व ऐतिहासिक धरोहर

टांगीनाथ धाम पुरातात्विक व ऐतिहासिक धरोहर है. यहां की कलाकृतियां व नक्कासी, देवकाल की कहानी बयां करती है. यह सातवीं व नौवीं शताब्दी का है. यहां यत्र-तत्र सैंकड़ों की संख्या में शिवलिंग हैं. यह मंदिर शाश्वत है. प्राचीन त्रिशूल आज भी साक्षात है. त्रिशूल जमीन के नीचे कितना गड़ा है. यह कोई नहीं जानता है. जमीन के ऊपर स्थित त्रिशूल के अग्र भाग में कभी जंग नहीं लगता है. इसी त्रिशूल के एक भाग को किसी ने चोरी कर लिया था जो छत्तीसगढ़ से मिला है.

Also Read: दिल्ली में आलाकमान के साथ बैठक कर रांची लौटे मंत्री आलमगीर आलम, बोले- सीट शेयरिंग को लेकर नहीं हुआ कोई फैसला

कलाकृतियां व नक्कासी देवकाल की कहानी बयां करती है

छत्तीसगढ़ राज्य से सटे डुमरी प्रखंड के मझगांव में टांगीनाथ धाम है. यहां कई पुरातात्विक व ऐतिहासिक धरोहर है. आज भी इन धरोहरों को देखा जा सकता है. यहां की कलाकृतियां व नक्कासी, देवकाल की कहानी बयां करती है. साथ ही कई ऐसे स्रोत हैं, जो वर्तमान पीढ़ी को सातवीं और नौवीं शताब्दी में ले जाता है. यह धार्मिक के अलावा पर्यटक स्थल के रूप में विश्व विख्यात है. धार्मिक कार्यक्रम हो या फिर नववर्ष की बेला. यहां लोग दूर-दूर से घूमने व धर्म कर्म में भाग लेने आते हैं. गुमला से 70 किमी दूर डुमरी प्रखंड के टांगीनाथ धाम में साक्षात भगवान शिव निवास करते हैं. सैलानियों को यहां धर्म कर्म के अलावा सुंदर व मनमोहक प्राकृतिक दृश्य देखने को मिलेगा.

फिर दोबारा खुदाई नहीं हुई

वर्ष 1989 में पुरातत्व विभाग ने टांगीनाथ धाम के रहस्य से पर्दा हटाने के लिए अध्ययन किया था. यहां जमीन की खुदाई की गयी थी. उस समय भारी मात्रा में सोना व चांदी के आभूषण सहित कई बहुमूल्य समान मिले थे. लेकिन कतिपय कारणों से खुदाई पर रोक लगा दिया गया. इसके बाद टांगीनाथ धाम के पुरातात्विक धरोहर को खंगालने के लिए किसी ने पहल नहीं की. ऐसे खुदाई में जो बहुमूल्य सामग्री मिले थे. उसे अभी भी डुमरी थाना के मालखाना में रखा गया है.

Also Read: झारखंड : साहिबगंज के भोगनाडीह से बाबूलाल मरांडी ने शुरू की संकल्प यात्रा, हेमंत सरकार पर जमकर साधा निशाना

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें