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बिहार: नवादा में जेल जाने के डर से शिक्षक ने उठाया खौफनाक कदम, फांसी लगाकर की आत्महत्या

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नवादा में जेल जाने के भय से विद्यालय के सहायक शिक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उसने भागलपुर के कहलगांव में अपने रिश्तेदार के यहां गले में फंदा लगाया. गांव में हुए एक हत्या के मामले में शिक्षक को आरोपित बनाया गया था. इसके बाद से वो फरार था.

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नवादा में जेल जाने के डर से एक सहायक शिक्षक ने गले में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली. शिक्षक पर अपने ही गांव के एक व्यक्ति की पीट -पीटकर हत्या करने का आरोप है. वहीं इया मामले में परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस के दबाव और जेल जाने के भय से शिक्षक ने अपनी जान ली है. मृत शिक्षक नरहट थाना क्षेत्र के खनवां गांव निवासी स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह के पुत्र राहुल कुमार थे.

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इस मामले में थी शिक्षक की तलाश

बताया जाता है कि गांव के ही मनोज सिंह उर्फ पप्पू सिंह की एक मई 2023 को कुछ लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी, जिसे मानसिक विक्षिप्त बताया जा रहा था. इसी मामले में राहुल कुमार को आरोपित बनाया गया था. तब से राहुल तनाव में चल रहे थे और पुलिस से छुपकर रह रहे थे. इस बीच राहुल भागकर भागलपुर के कहलगांव चले गए. जहां वो चैथरिया पीर के पास अपने साले गौतम किशोर सिंह के किराए के घर में रह रहे थे. जहां गुरुवार की रात जेल जाने के भय से गले में फंदे लगाकर उन्होंने मौत को गले लगा लिया.

भागलपुर में हुआ शव का पोस्टमार्टम

घटना की सूचना पर पुलिस ने भागलपुर में ही शव का पोस्टमार्टम कराया. इसके बाद शव को खनवां ले जाया गया, तो चारों ओर मातम पसरा था. राहुल की मौत के बाद परिजनों पर दुख का एक पहाड़ टूट पड़ा है. विधवा पत्नी का पूरा जीवन एक चुनौती बन गयी है. वह अपने पीछे एक मासूम पुत्र छेड़ गये है.

राहुल के साथ इन लोगों को भी बनाया गया है आरोपित

मनोज सिंह उर्फ पप्पू सिंह की हत्या के बाद पत्नी के आवेदन पर मृतक के चचेरे चाचा कृष्ण सिंह और इनकी पत्नी गायत्री देवी के अलावा प्रवीण कुमार उर्फ छोटे सिंह सुमन सिंह, राहुल कुमार, रंजन सिंह, राजेश सिंह सहित कुल सात लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. इसी मामले में पुलिस कार्रवाई करते हुए फरार अभियुक्त प्रवीण कुमार उर्फ छोटे सिंह को नरहट पुलिस ने झारखंड से गिरफ्तार किया था.

इन लोगों ने कर दिया था सरेंडर

पुलिस की दबिश से कृष्ण सिंह व सुमन सिंह ने व्यवहार न्यायालय में सरेंडर कर दिया है. इसके अलावा अन्य अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए इश्तेहार सहित 15 जुलाई को हत्या आरोपित राहुल के घर कुर्की-जब्ती की गयी थी, जो इस मामले में जेल में है. उन्हें अभी जमानत नहीं मिली है.

राहुल को सता रही थी नौकरी की चिंता

इस हत्याकांड मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद पुलिस के भय से राहुल भागे-भागे फिर रहे थे. उनको अपनी नौकरी की भी चिंता सता रही थी. राहुल कुमार के पिता वीरेंद्र सिंह की मृत्यु के बाद अनुकंपा पर उन्हें नौकरी मिली थी. वे सिरदला थाना क्षेत्र के उच्च विद्यालय लौंद में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत थे.

पुलिस जांच पर खड़े होने लगे सवाल

बताया जाता है कि मृतक की शादी जिले के हिसुआ थाना के तूंगी गांव में हुई थी. अब इस आत्म हत्या के बाद ग्रामीणों ने सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है कि पुलिस के कई आला अधिकारी तक परिजनों ने जांच के लिए गुहार लगायी थी, लेकिन पुलिस जांच के बजाये आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई कर रही थी. अगर पुलिस पहले हत्या की सही जांच करती तो कई आरोपित बरी भी हो सकते थे. साथ ही राहुल की जान भी नहीं जाती.

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वरीय अधिकारी से जांच के लिए परिजन लगाते रहे गुहार

गौरतलब है कि मृतक मनोज सिंह उर्फ पप्पू सिंह मुख्यतः मानसिक विक्षिप्त था. उनके उपद्रव से परिजनों के कहने पर ही पड़ोस के कुछ लोगों ने हाथ पैर बांध दिया था, लेकिन इसी दौरान देर रात यानी एक मई 2023 को उसकी मौत हो गयी थी. इस मौत के बाद मृतक की पत्नी के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी.

क्या बोले राहुल के परिजन

इस मामले में मृत राहुल कुमार के परिजन का कहना है कि अगर इस हत्याकांड की जांच पुलिस के किसी बड़े अधिकारी द्वारा की जाती, तो दूध का दूध निकलकर आ जाता. साथ ही पुलिस के डर से राहुल की जान भी नहीं जाती.

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