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झारखंड : चेशायर होम रोड खरीद बिक्री मामले में बड़ा खुलासा, 2.52 एकड़ पर कई लोगों का कब्जा

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चेशायर होम रोड की जमीन द्वारिका महतो के पांच बेटों जगदीप महतो, चंदर महतो, भोला महतो, अशेश्वर महतो व विशेश्वर महतो के नाम पर ली गयी. इसमें से 2.52 एकड़ जमीन पर वर्तमान में कई लोगों का दखल कब्जा है

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चेशायर रोड होम की एक एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री का मामला फिलहाल सुर्खियों में है. इसको लेकर नये-नये खुलासे हो रहे हैं. रांची पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि चेशायर रोड होम की जिस एक एकड़ जमीन की बात की जा रही है, वह 3.52 एकड़ जमीन का एक भाग है. 1933 में 3.52 एकड़ जमीन गंगाधर राय के नाम पर दर्ज थी.

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यह जमीन द्वारिका महतो के पांच बेटों जगदीप महतो, चंदर महतो, भोला महतो, अशेश्वर महतो व विशेश्वर महतो के नाम पर ली गयी. इसमें से 2.52 एकड़ जमीन पर वर्तमान में कई लोगों का दखल कब्जा है. जबकि, एक एकड़ खाली जमीन का दो फर्जी डीड बनाया गया. एक डीड जगदीश राय के नाम पर बनाया गया. उनके मरने के बाद इसके मालिक पुत्र राजेश राय हो गये. राजेश राय से डोरंडा थाना क्षेत्र के मनिटोला का इम्तियाज अंसारी व हजारीबाग के मेरू के भरत प्रसाद ने 50-50 डिसमिल का पावर ऑफ अटॉर्नी लिया.

इसके बाद इस जमीन की बिक्री पुनीत भार्गव के नाम 1,78,55,800 रुपये में दिखायी गयी. डीड में चेक से पैसा दिये जाने का उल्लेख है. लेकिन, जांच में पता चला कि सिर्फ डीड में चेक के जरिये 1.78 करोड़ का भुगतान राजेश राय को दिखाया गया, लेकिन पेमेंट महज 25 लाख ही किया गया. इसके बाद पुनीत भार्गव के नाम पर जमीन लिये जाने का म्यूटेशन बड़गाईं अंचल द्वारा किया गया. इसमें अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद की भूमिका सामने आ चुकी है.

म्यूटेशन के बाद पुनीत भार्गव ने इस आधार पर विष्णु अग्रवाल को 1.88 करोड़ में एक एकड़ जमीन बेच दी. इस खरीद-बिक्री में एक दूसरा फर्जी डीड भी था. यह डीड कालीचरण सिंह के नाम पर बनाया गया था. इनके मरने के बाद इनके पुत्र लखन सिंह को जमीन का हकदार बताया गया. लेकिन, इस डीड का म्यूटेशन बड़गाईं अंचल ने नहीं किया. इस एक एकड़ जमीन की खरीद फरोख्त में शामिल लोगों ने लखन सिंह को कनफर्मिंग गवाह बना लिया. मामले में सदर थाना में जमीन खरीद-फरोख्त फर्जीवाड़ा का एक केस व दूसरा बड़गाईं अंचल के राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के घर में जमीन से जुड़े मिले सरकारी दस्तावेज की बरामदगी का केस दर्ज कराया गया था.

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