28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

ऑनलाइन खेलों पर सरकार सख्त

Advertisement

सरकार द्वारा इन खेलों पर उच्चतम दर से जीएसटी लगाना इस बात का संकेत है कि सरकार एप के जरिये चलने वाले जुए अथवा तथाकथित कौशल आधारित खेलों में पैसा डुबोते नासमझ अथवा जानकारी के अभाव से ग्रस्त युवाओं की बदहाली के प्रति जागरूक है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद स्पष्ट कर दिया कि ऑनलाइन गेम्स पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय एक अक्तूबर से प्रभाव में आ जायेगा. काउंसिल ने अपनी पिछली बैठक में यह निर्णय लिया था, जिसे लेकर गेम निर्माता कंपनियों को आपत्ति है. उनका कहना है कि ऑनलाइन गेमों पर जीएसटी लगने से उन्हें नुकसान होगा. उनका पहला तर्क यह है कि पूर्ण जमा राशि पर जीएसटी लगाने का प्रस्ताव इस ‘उद्योग’ के विकास पथ को उलट देगा.

- Advertisement -

वर्तमान कंपनियों को तो नुकसान होगा ही, साथ ही छोटी कंपनियों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ जायेगा. उनका दूसरा तर्क यह है कि इससे नये घरेलू और विदेशी निवेशक हतोत्साहित होंगे. उनका यह भी कहना है कि इससे केवल गेमिंग उद्योग ही नहीं, पूरा स्टार्टअप इकोसिस्टम प्रभावित होगा. हालांकि सरकार की ओर से जीएसटी लगाने के निर्णय के बारे में कोई तर्क नहीं दिया गया है, लेकिन यह सच है कि देश के विभिन्न हलकों में इन ऑनलाइन गेमों में युवकों की बढ़ती लत और उसके कारण आ रही विसंगतियों और संकटों के कारण, भारी चिंता जरूर व्याप्त थी, जिसके बारे में सरकार भी अनभिज्ञ नहीं थी.

गौरतलब है कि इन ऑनलाइन गेमों को कुल चार करोड़ लोग और नियमित रूप से एक करोड़ लोग खेलते हैं. सरकार का कहना है कि अभी तक इन खेलों पर मात्र दो से तीन प्रतिशत का ही जीएसटी लगता है, जो आम आदमी द्वारा खाने-पीने की वस्तुओं पर पांच प्रतिशत जीएसटी से भी कम है. सरकार को 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने से 20000 हजार करोड़ की आमदनी होने का अनुमान है.

पिछले कुछ सालों में कई प्रकार के ऑनलाइन गेम्स का प्रादुर्भाव हुआ है. कई बड़ी कंपनियों द्वारा चलाये जा रहे एप का विज्ञापन तो खेल और मनोरंजन क्षेत्र की बड़ी हस्तियां तक कर रही हैं. इन्हीं विज्ञापनों में एक त्वरित चेतावनी भी होती है, ‘इन गेम्स को सावधानी से खेलें, इनकी लत लग सकती है’. लेकिन हमारे युवा इन गेम्स के चंगुल में फंसते जा रहे हैं. पिछले कुछ समय से देश में इंटरनेट और मोबाइल के विस्तार के कारण इस रियल मनी गेमिंग ‘उद्योग’ का काफी विस्तार हुआ है और इनका व्यापार बढ़ता ही जा रहा है.

शेयर ट्रेडिंग संबंधित खेल, क्रिप्टो आधारित गेम्स, रमी, लूडो, आभासी खेलों (फैंटेसी स्पोर्ट) समेत कई ऑनलाइन और एप आधारित खेलों को ‘रियल मनी गेम्स’ कहा जाता है, क्योंकि ये पैसे या इनाम के लिए खेले जाते हैं. कहा जाता है कि इन खेलों में से कुछ कौशल आधारित हैं और कुछ संयोग आधारित (यानी जुआ) हैं. इन सभी ऑनलाइन खेलों का तेजी से विस्तार हुआ है और इन्हें बढ़ावा देने वाली कंपनियां भारी मुनाफा कमा रही हैं.

लेकिन, चिंता का विषय यह है कि इन खेलों के कारण हमारे युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है. इन एप की लत के कारण युवा भारी कर्ज उठाने लगते हैं और उन्हें न चुकाने पर उनके परिवार बर्बाद हो जाते हैं. आज बड़ी-बड़ी क्रिकेट हस्तियों द्वारा विज्ञापनों के कारण ड्रीम-11 सरीखे एप पूरे देश में प्रसिद्ध हो गये हैं. लूडो जैसे एप कलाकार कपिल शर्मा और मनोरंजन क्षेत्र की कई हस्तियां अनुमोदित कर रही हैं.

इन एप में फंसकर आत्महत्या करने वाले अधिकांश लोग युवा हैं, जिनमें विद्यार्थी, प्रवासी मजदूर और व्यापारी शामिल हैं. ड्रीम-11 के संदर्भ में अधिकांश न्यायालयों ने उसे यह कहकर उचित ठहराया है कि यह जुआ नहीं, बल्कि कौशल का खेल है. इसके बावजूद, छह राज्य सरकारों ने ऐसे आभासी क्रिकेट प्लेटफॉर्मों को प्रतिबंधित किया है अथवा अनुमति नहीं दी है. इसी प्रकार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाइएस जगन मोहन रेड्डी ने 132 एप को प्रतिबंधित करने हेतु निवेदन किया है.

चाहे यह मान भी लिया जाए कि आभासी क्रिकेट खेल में जीतने के लिए कुछ भी संयोग नहीं है, इसलिए यह जुआ नहीं. लेकिन कुछ मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि आभासी क्रिकेट जुआ ही है और इसके कारण जुए की लत का रोग लग सकता है. इस व्यवसाय से जुड़ी कंपनियां यह मानने के लिए तैयार नहीं हैं. उनका तर्क है कि दांव की राशि बहुत कम है. लेकिन, वास्तविकता इससे हटकर है.

अक्सर इन खेलों में हार कर लाखों रुपये के कर्ज के कारण आत्महत्या करने वालों की खबर आती है, जिससे कंपनियों के दावों पर विश्वास करना कठिन हो जाता है. बड़ी बात यह है कि इन खेलों के संबंध में कोई नियामक प्राधिकरण नहीं है और ना ही यह व्यवसाय स्व-नियामक यानी सेल्फ रेगुलेटेड ही है.

अभी न्यायालयों को यह तय करना बाकी है कि क्या तथाकथित कौशल आधारित गेम जुआ हैं, लेकिन यदि किसी भी खेल में संयोग का अंश भी रहता है तो वह जुआ ही होता है और देश के कानून के अनुसार यह वैधानिक नहीं हो सकता. यह भी देखने में आ रहा है कि कई एप कौशल आधारित खेलों की आड़ में विशुद्ध जुए के प्लेटफॉर्म चला रहे हैं. महत्वपूर्ण है कि इन एप में बड़ी मात्रा में विदेशी निवेशकों, खासतौर पर चीनी निवेशकों ने पैसा लगाया हुआ है, और उनका एकमात्र उद्देश्य लोगों को जुए की लत लगाना है.

इन एप की डिजाइन ही लत लगाने वाली है. कई तथाकथित कौशल आधारित गेम के सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ कर ग्राहकों को बेवकूफ बना उन्हें लूटा भी जा रहा है. भारतीय विधि आयोग की रिपोर्ट ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट तक ने टिप्पणी दी है कि इन कौशल आधारित गेम्स के नतीजों को मशीनी छेड़छाड़ से प्रभावित किया जा सकता है.

हमारे देश में जुआ, वेश्यावृत्ति, चोरी-डकैती जैसे कार्यकलाप वैधानिक रूप से प्रतिबंधित हैं. इसके अलावा, कुछ ऐसी वस्तुएं होती हैं जिनके उत्पादन और उपभोग को हतोत्साहित कर उन्हें न्यूनतम करना सरकार का सामाजिक दायित्व होता है. जैसे, तंबाकू उत्पादों, शराब इत्यादि पर अधिकतम टैक्स लगता रहा है.

ऑनलाइन रियल मनी आभासी खेल, चूंकि अभी तक ठीक प्रकार से परिभाषित नहीं हो पाये हैं कि ये जुआ हैं अथवा कौशल के खेल, लेकिन चूंकि इन खेलों में रुपया गंवाने की बड़ी संभावना है, इसलिए ऐसे खेलों को कम टैक्स लगा कर प्रोत्साहित किया जाना सामाजिक हित के खिलाफ है. जाहिर तौर पर सरकार द्वारा इन खेलों पर उच्चतम दर से जीएसटी लगाना इस बात का संकेत है कि सरकार एप के जरिये चलने वाले जुए अथवा तथाकथित कौशल आधारित खेलों में पैसा डुबोते नासमझ अथवा जानकारी के अभाव से ग्रस्त युवाओं की बदहाली के प्रति जागरूक है, और इसे रोकना चाहती है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें