18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

पटना में हजारों आशा कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, जानें किन 9 मांगों को लेकर उतरीं सड़क पर

Advertisement

हजारों की संख्या में आंदोलित आशाकर्मियों-फैसिलिटेटरों का गुरुवार को पटना में जुटान हुआ. अपनी 9 सूत्रीय मांग को लेकर कार्यकर्ताओं ने गर्दानीबाग में जम कर प्रदर्शन किया. इस दौरान कई राजनीतिक दलों के नेता भी मौजूद रहें.

Audio Book

ऑडियो सुनें

राजधानी पटना के गर्दनीबाग में गुरुवार को 9 सूत्रीय मांगों को लेकर हजारों की संख्या में आंदोलित आशा कार्यकर्ता व फैसिलिटेटर सड़कों पर उतरीं. इस दौरान धरना स्थल पर हजारों की संख्या में पहुंची आशा कर्मियों ने आशा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की. इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों से आशा वर्कर्स पटना पहुंची थी. इस प्रदर्शन में आशा कार्यकर्ताओं के साथ भाकपा- माले के विधायक भी शामिल थे.

- Advertisement -

दो राउंड की वार्ता असफल

आशा कार्यकर्ताओं की नेता शशि यादव ने कहा कि दो राउंड की वार्ता असफल हो चुकी है, लेकिन इससे हम निराश नहीं होने वाले हैं. जब तक हमारी मांगें मानी नहीं जायेगी. हड़ताल जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि यह ताज्जुब वाली बात है कि बिहार की महागठबंधन सरकार आशाकर्मियों को न्यूनतम मानदेय भी नहीं देना चाहती जबकि वह महागठबंधन के घोषणापत्र में शामिल था.

सरकार ने न्यूनतम रिटायरमेंट बेनिफिट देने से मना कर दिया

शशि यादव ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को सरकार ने न्यूनतम रिटायरमेंट बेनिफिट देने से मना कर दिया है जबकि कई राज्यों में सम्मानजनक मासिक मानदेय के साथ 1 लाख रुपये का रिटायरमेंट पैकेज और पेंशन दिया जाता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान आदि राज्यों में आशा-आशा फैसिलिटेटरों को मिलने वाली सुविधाएं ही बिहार में लागू कर दें.

तेजस्वी यादव के पटना पहुंचते ही वार्ता अविलंब शुरू होगी

विश्वनाथ सिंह ने कहा कि तमाम तरह के परेशानियों को झेलते हुए आशाएं शांतिपूर्ण तरीके से हड़ताल पर हैं. परिवार के साथ कई दिनों तक सत्याग्रह कर रही हैं. वहीं, विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि मुख्यमंत्री से पुनः वार्ता कराने पर चर्चा हुई है. तेजस्वी यादव के पटना पहुंचते ही वार्ता अविलंब शुरू होगी और आशाओं के पक्ष में फैसला आयेगा. वाम दल के सभी विधायक मजबूती से हर प्लेटफॉर्म पर आशाओं के लिए न्यूनतम मानदेय की मांग उठायेंगे. हमारी प्राथमिकता जनता के सवाल हैं.

आशाओं की मेहनत से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में हुआ सुधार

सीपीएम के अजय कुमार ने कहा कि आशाओं की मेहनत से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार हुआ है लेकिन बिहार सरकार अन्य राज्यों में मिल रही सुविधाएं भी नहीं दे रही है. हम विधानसभा से लेकर सड़क तक आपके आंदोलन के साथ हैं.

प्रदर्शन में यह भी हुए शामिल

प्रदर्शन में भाकपा- माले विधायक महबूब आलम, उपनेता सत्येदव राम, गोपाल रविदास, रामबलि सिंह यादव, अमरजीत कुशवाहा और सीपीएम के अजय कुमार व सत्येन्द्र यादव शामिल हुए. साथ ही मौके पर ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, सरोज चौबे, बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की नेता शशि यादव, मालती देवी, सुनीता भारती, चंद्रकला, सावित्री देवी, तरन्नुम फैजी, जूही आलम, बिहार रज्ञज्य आशा सह आशा फैसिलिटेटर संघ के विश्वनाथ सिंह, मो. लुकमान, मीरा सिन्हा, सुबेश सिंह, ऐक्टू के राज्य सचिव रणविजय कुमार, प्रेमचंद सिन्हा सहित कई अन्य कर्मी भी मौजूद थे.

क्या बोलीं आशा कार्यकर्ता

वहीं प्रदर्शन कर रही एक कार्यकर्ता ने कहा कि हम दिन और रात देखे बिना 24 घंटे काम करते हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारियों को जैसी सुविधा मिलती है वो हमें नहीं दी जाती है. हमें भी सभी सुवधाओं का लाभ मिलना चाहिए. हमारे लिए भी रहने की व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने कहा की हम 30 दिन काम करते हैं और सरकार हमें एक दिन में 300 रुपये देती है. वहीं एक मजदूर को भी एक दिन काम करने के लिए 500 रुपये दिए जाते हैं.

आशा की मांगें

  1. आशा कार्यकर्त्ता-आशा फैसिलिटेटरों को राज्य निधि से देय 1000 रुपये मासिक संबंधी सरकारी संकल्प में अंकित पारितोषिक शब्द को बदलकर नियत मासिक मानदेय किया जाय और इसे बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया जाये.

  2. सरकारी संकल्प के अनुरूप इस मद का वित्तीय वर्ष 19-20 (अप्रैल 19 से नवंबर 20 तक) का मासिक 1000 रुपया का बकाया राशि का जल्द से जल्द भुगतान किया जाये.

  3. अश्विन पोर्टल से भुगतान शुरू होने के पूर्व का सभी बकाया राशि का भुगतान किया जाये.

  4. आशा कार्यकर्त्ताओं- आशा फैसिलिटेटरों को देय प्रोत्साहन-मासिक पारितोषिक राशि का अद्यतन भुगतान सहित इसमें एकरूपता -पारदर्शिता लाई जाये. साथ ही कमिशनखोरी में सख्ती से रोक लगायी जाए.

  5. आशाओं को दी जाने वाली साड़ी के साथ ब्लाउज, पेटीकोट तथा ऊनी कोट की व्यवस्था की जाए. साथ ही फैसिलिटेटर के लिए भी पोशाक का निर्धारण और उसकी राशि भुगतान की जाए.

  6. आशा कार्यकर्ता व आशा फैसिलिटेटरों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए

  7. कोरोना की वजह से मृत आशाओं व फैसिलिटेटर को राज्य योजना का 4 लाख और केंद्रीय बीमा योजना का 50 लाख का भुगतान किया जाए

  8. आशा कार्यकर्ता-आशा फैसिलिटेटर को भी सामाजिक सुरक्षा योजना, पेंशन योजना का लाभ दिया जाए

  9. जनवरी 2019 के समझौते के अनुरूप मुकदमों की वापसी सहित अन्य अ-कार्यान्वित बिन्दुओं को शीघ्र लागू किया जाए

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें