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बिहार में कोचिंग संस्थानों पर चला केके पाठक का डंडा, नहीं पढ़ाएंगे सरकारी शिक्षक, जानिए क्यों लिया एक्शन?

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बिहार में चल रहे हजारों कोचिंग संस्थानों को लेकर केके पाठक ने नया फरमान जारी किया है. जिसके तहत अब स्कूल के टाइम में कोचिंग का संचालन नहीं होगा. उन्होंने सभी डीएम को साथ अगस्त तक अभियान चलाकर सूची बनाने का निर्देश दिया है.

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बिहार में स्कूलों के चलने के समय में अब कोचिंग संस्थान नहीं चलेंगे. सरकारी स्कूल के शिक्षक निजी कोचिंग का न तो संचालन करेंगे और न ही निजी कोचिंग में पढ़ायेंगे. वहीं कोचिंग संस्थानों का संचालन स्कूल अवधि में नहीं किया जा सकेगा. इसको लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा कि स्कूल अवधि में कोचिंग चलने से बच्चों की उपस्थिति कम रहती है. ऐसे में सुबह 9 बजे से चार बजे तक कोचिंग संस्थानों के संचालन पर रोक रहेगी. जिसके बाद लगभग सभी जिलों के डीएम ने कार्रवाई शुरू कर दी है.

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हजारों कोचिंग संस्थानों पर पड़ेगा असर

के के पाठक के इस निर्देश का असर राज्य में संचालित हजारों कोचिंग संस्थानों पर पड़ेगा. स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने को लेकर शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है. विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने डीएम को जिले में कोचिंग संस्थानों की गतिविधियों पर नियंत्रण रखने को कहा है.

केके पाठक ने क्यों लिया एक्शन

केके पाठक ने सभी डीएम को लिखे अपने पत्र में इस आदेश के पीछे की भी वजह बताई है. उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि कोचिंग संस्थानों की कक्षाओं का समय वही होता है, जो सरकारी विद्यालयों का है. विद्यालय सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक चलते हैं. इस अवधि में कोचिंग संस्थान भी चलते रहते हैं. नौवीं से बारहवीं तक के छात्रों के विशेष रूप से कोचिंग संस्थानों में जाने के कारण विद्यालयों में इनकी उपस्थिति कम रहती है. कोचिंग संस्थानों में सरकारी शिक्षक भी विद्यालय के समय में ही जाकर पढ़ाते हैं. कुछ कोचिंग संस्थानों का संचालन सरकारी विद्यालयों के शिक्षक प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से करते हैं.

डीएम को कार्रवाई करने के लिए किया प्राधिकृत

पाठक ने वर्ष 2020 की अधिनियम का हवाला देते हुए कोचिंग संस्थानों के गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए डीएम को प्राधिकृत किया गया है. उन्होंने कहा है कि इस संबंध में एक नियमावली विभाग द्वारा शीघ्र लायी जायेगी, जिसमें कोचिंग संस्थानों के विरुद्ध कार्रवाई करने एवं उन्हें दंडित करने के लिए अथवा उनका निबंधन रद्द करने के लिए प्राधिकृत किया जायेगा. इसे लेकर तीन चरणों में कार्रवाई करने को कहा है.

कोचिंग संचालकों के साथ 16 अगस्त तक होगी बैठक

प्रथम चरण में एक से सात अगस्त तक जिले के सभी कोचिंग संस्थानों की सूची तैयार की जायेगी. दूसरे चरण में आठ से 16 अगस्त तक इन कोचिंग संस्थानों के संचालकों के साथ बैठक होगी. अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि बैठक में विद्यालय अवधि में कोचिंग संस्थानों को नहीं चलाने को कहा जायेगा. टीचिंग फैकल्टी में किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं रखना है, जो किसी सरकारी अथवा गैर सरकारी विद्यालय के अध्यापक अथवा कर्मी हैं. कोचिंग संस्थानों के संचालन मंडल में किसी सरकारी कर्मी अथवा पदाधिकारी को भी नहीं रखना है.

विद्यालय अवधि में कोचिंग संचालन पर 31 तक दी जायेगी चेतावनी

तृतीय चरण 16 से 31 अगस्त तक होगा. इसमें डीएम अपने अधीनस्थ अधिकारियों को प्रतिनियुक्त करते हुए कोचिंग संस्थानों का सघन निरीक्षण करायेंगे. यदि वह सुबह नौ से शाम चार बजे तक कोचिंग संचालित पाया गया तो लिखित चेतावनी दी जायेगी. 31 अगस्त के बाद यदि कोचिंग संस्थान निर्देश का अनुपालन करता नहीं पाया गया तो नियमानुसार कार्रवाई के लिए विभाग शीघ्र विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा.

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एसडीओ, बीडीओ व बीइओ को कोचिंग संस्थानों की जांच की मिली जिम्मेदारी

कोचिंग संस्थानों में स्कूल की अवधि में सरकारी शिक्षकों के पढ़ाये जाने की जांच सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी करेंगे. अधिकारियों के द्वारा देखा जायेगा कि स्कूल अवधि में सरकारी स्कूल के बच्चे कोचिंग संस्थान में पढ़ाई तो नहीं कर रहे हैं. इस बाबत डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को काेचिंग में जा कर जांच करने का निर्देश दिया है.

कोचिंग में पढ़ाने पर शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

डीएम ने कहा कि कोचिंग संस्थानों में सरकारी शिक्षकों के पढ़ाये जाने व सरकारी स्कूलों के बच्चे के पढ़ने की जांच होगी. स्कूल अवधि में कोई भी सरकारी शिक्षक को काचिंग संस्थानों में नहीं पढ़ाना है. साथ ही यह भी देखना है कि सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चे स्कूल छोड़ कर कोचिंग में तो नहीं पढ़ रहे हैं. ऐसे बच्चों को पुन: स्कूल पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि सरकारी शिक्षकों के द्वारा नियम का उल्लंघन कर स्कूल अवधि में कोचिंग संस्थान में पढ़ाये जाने पर कार्रवाई होगी.

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कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत मिलेगा केके पाठक से

शिक्षा विभाग के आदेश के बाद कोचिंग संचालकों का अलग-अलग रूख है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कोचिंग संचालकों को लेकर डीएम को कोचिंग संस्थानों की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा है. साथ ही एक महीने बाद सख्त कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है. पाठक ने कहा है कि स्कूल के समय कोचिंग का संचालन नहीं होगा. इस आदेश पर कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत के अध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह ने कहा है कि यह बेहतर फैसला है. यह पहले का भी आदेश है. इसका पालन भी किया जायेगा. लेकिन कई बातें हैं, जिस पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का ध्यान नहीं गया है. इस बात को लेकर कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत केके पाठक से मुलाकात करेगा और अपनी बातों को रखेगा.

इवनिंग शिफ्ट वाले बच्चों को तो कोचिंग में सुबह के समय पढ़ाया जा सकता

सुधीर कुमार सिंह ने कहा है कि कई स्कूल दो शिफ्ट में चलते हैं. मॉर्निंग व इवनिंग. इवनिंग वाले बच्चों को तो कोचिंग में सुबह के समय पढ़ाया जा सकता है. इसके बाद बीपीएससी, यूपीएससी, एसएससी, बैंक आदि अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले कई छात्रों का ग्रेजुएशन पूरा हुआ रहता है. उनको कॉलेज जाने से कोई मतलब नहीं है. इसके अलावा स्कूल में बच्चे नहीं आ रहे हैं, तो इसका कारण कोचिंग नहीं है. कोचिंग के क्लास में भी बच्चे नहीं आ रहे हैं. काफी संख्या में बच्चे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हो गये हैं. इन बातों को समझना होगा.

क्वालिटी एजुकेशन की मॉनिटरिंग भी की जायेगी

सुधीर कुमार सिंह ने कहा है कि कोचिंग एसोसिएशन शिक्षा विभाग को मदद करने के लिए तैयार है. क्वालिटी एजुकेशन, टीचरों के लिए ट्रेनिंग के साथ एसेस्मेंट तक करने के लिए तैयार है. क्वालिटी एजुकेशन की मॉनिटरिंग भी की जायेगी. कई मुद्दों पर केके पाठक से मुलाकात की जायेगी और उन्हें सभी पहलुओं से अवगत कराया जायेगा.

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