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बिहटा एयरपोर्ट: जमीन के चक्कर में 800 से बढ़कर 1400 करोड़ हुई लागत, जानिए प्रोजेक्ट में कहां फंसा है पेंच?

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पटना के बिहटा में बन रहे नए एयरपोर्ट की लागत 800 से बढ़कर 1400 करोड़ हो गयी. इस प्रोजेक्ट में जमीन को लेकर भी पेंच फंसा हुआ है. विशंभरपुर गांव में यह जमीन अधिगृहीत करनी है. रनवे के लिए अतिरिक्त जमीन की जरूरत है लेकिन यहां सरकार को मशक्कत करनी पड़ रही है.

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अनुपम कुमार, पटना

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बिहटा एयरपोर्ट पर सिविल एनक्लेव के निर्माण का एस्टीमेट बीते पांच वर्षों में 800 करोड़ से बढ़कर 1400 करोड़ रुपये हो गया है. 2018 में बिहटा एयरफोर्स स्टेशन से व्यावसायिक उड़ान को भी शुरू करने का निर्णय लिया गया. तब यहां लगभग 800 करोड़ रुपये खर्च कर 25 लाख सालाना यात्री क्षमता वाले सिविल एनक्लेव के निर्माण का निर्णय लिया गया.

कहां फंसा मामला?

इस नये सिविल एनक्लेव का निर्माण 2019 दिसंबर में होना था और इसे दिसंबर 2022 तक पूरा होना था. लेकिन आठ एकड़ अतिरिक्त जमीन की मांग पर मामला फंसने की वजह से यह प्रोजेक्ट लगातार देर होता चला गया और अब बीते माह जब नागरिक उड्डयन मंत्रालय और राज्य सरकार में आठ एकड़ अतिरिक्त जमीन देने पर सहमति बनी, तो बिहटा एयरपोर्ट के निर्माण का पुनरीक्षित एस्टीमेट 800 करोड़ से बढ़कर 1400 करोड़ पहुंच गया, जिसे बीते पखवारे प्रशासनिक स्वीकृति मिली है.

कम पड़ गयी जमीन..

एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने बिहटा एयरपोर्ट पर सिविल एनक्लेव के निर्माण के लिए आरंभ में 108 एकड़ जमीन की जरूरत बतायी गयी थी. इसे राज्य सरकार ने अधिगृहीत कर वर्ष 2019 में ही दे दिया था. लेकिन उसके बाद जब डीपीआर तैयार होने लगी, तो 108 एकड़ जमीन कम पड़ी और वाहनों की पार्किंग के निर्माण के लिए आठ एकड़ और जमीन की जरूरत महसूस हुई.

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चहारदीवारी का निर्माण भी रुका रहा

दिये गये प्लॉट के दक्षिणी सिरे पर विशंभरपुर गांव में यह जमीन अधिगृहीत करनी है. लेकिन आरंभ में राज्य सरकार से इस पर सहमति नहीं बन पा रही थी. इसके कारण एक वर्ष तक मिली 108 एकड़ जमीन पर चहारदीवारी का निर्माण भी रुका रहा. बाद में बनी भी, तो उसके दक्षिणी सिरे को छोड़ दिया गया, ताकि नयी भूमि के टुकड़े को भी शामिल करते हुए बाउंड्री बन सके. लेकिन बीते वर्ष भी जब आठ एकड़ अतिरिक्त जमीन पर सहमति नहीं बनी, तो इस वर्ष की शुरुआत में इस बचे हिस्से में चहारदीवारी का निर्माण शुरू हो गया, जो वर्तमान में पूरा हो चुका है. सात करोड़ रुपये खर्च कर चार किमी लंबाई की आठ फुट ऊंची चहारदीवारी बनायी गयी है.

जमीन मिलने के बाद अब निकलेगा टेंडर

राज्य सरकार के साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय की आठ एकड़ अतिरिक्त जमीन देने पर सहमति बन चुकी है, तो जल्द ही अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होगी. इसके मिलने के बाद सिविल एनक्लेव के निर्माण का टेंडर निकलेगा. उसके पूरा होने के बाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके पूरा होने में में तीन वर्ष लगेंगे.

रनवे के लिए 191 एकड़ जमीन चाहिए

बिहटा एयरपोर्ट का वर्तमान रनवे लगभग 2500 मीटर लंबाई का है. इसे एक हजार मीटर और बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए शरफुद्दीनपुर की ओर 191 एकड़ जमीन की जरूरत है, लेकिन वहां रनवे विस्तार के मार्ग में एक कब्रिस्तान और बस्ती आने से ऐसा संभव नहीं दिखता. राज्य सरकार ने सहमति भी नहीं दी है.

हवाई यात्रियों की सुविधा में होगी वृद्धि

बिहटा एयरपोर्ट पर सिविल एनक्लेव के निर्माण से हवाई यात्रियों की सुविधा में काफी वृद्धि होगी. पटना के एयर ट्रैफिक वृद्धि की रफ्तार कोरोना काल को छोड़कर बीते कई वर्षों से 25-30 फीसदी सालाना है और वर्तमान में यह 40 लाख के पार पहुंच गयी है. इसके कारण 85 लाख यात्रियों की क्षमता का निर्माणाधीन पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल का निर्माण पूरा होने के पांच- छह वर्षों के भीतर ओवरलोडेड हो जायेगा. ऐसे में बिहटा में 25 लाख सालाना यात्री क्षमता वाले एयरपोर्ट का निर्माण निश्चय ही लोगों को लंबे समय तक राहत देगी और आने-जाने के लिए उन्हें अधिक फ्लाइटें मिलेंगी.

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