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Harihardham Temple Tour: रिकार्ड शादियों के लिए प्रसिद्ध है गिरीडीह का हरिहरधाम मंदिर, जानें कैसे पहुंचे यहां

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Harihardham Temple Tour: बाबाधाम देवघर देवभूमि के बाद बगोदर-हजारीबाग रोड पर स्थित देवस्थल में हरिहरधाम मंदिर (Harihardham Temple) दूसरे स्थान पर आता है. यह केवल झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे भारत में विख्यात है.

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Harihardham Temple Tour: सावन के महीने में देशभर के शिवालयों में भीड़ देखी जा सकती है. झारखंड राज्य का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल देवघर में है. देवघर को भगवान शिव की नगरी कहा जाता है. यहां बैद्यनाथ धाम मंदिर स्थित है. यहां सावन भर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा सकती है. बाबाधाम देवघर देवभूमि के बाद बगोदर-हजारीबाग रोड पर स्थित देवस्थल में हरिहरधाम मंदिर (Harihardham Temple) दूसरे स्थान पर आता है. यह केवल झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे भारत में विख्यात है.

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दूसरे राज्यों से आते हैं श्रद्धालु

हरिहरधाम (Harihardham Temple) में ना केवल झारखंड से बल्कि देश के अलग अलग राज्य जैसे बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र आदि से भक्त आते हैं. हरिहरधाम मंदिर के संस्थापक कोलकाता निवासी अमरनाथ मुखोपाध्याय ने मंदिर का नक्शा दिया था. मंदिर के बाहरी हिस्से में शिवलिंग की ऊंचाई 65 फीट है. ऊंचाई के साथ यह मंदिर शिवलिंग के आकार का है. मंदिर के अंदर भगवान शंकर का शिवलिंग विराजमान है. मंदिर का अंदरूनी भाग बेहद मनमोहक है. वहीं, शिवलिंग के सामने नंदी विराजमान है.

65 फीट ऊंचाई पर स्थित है हरिहरधाम शिवलिंग

हरिहरधाम (Harihardham Temple) पर स्थित शिवलिंग की ऊंचाई 65 फीट है. यह शिवलिंग एक मंदिर है. जबकि इसके अंदर छोटा सा एक और शिवलिंग स्थापित है, जिसकी पूजा की जाती है. कहा जाता है कि जिनकी शादी नहीं हो रही है वो यहां एक बार आये तो ये बात बन जाती है.

रिकार्ड शादियों के लिए जाना जाता है हरिहर धाम मंदिर

हरिहर धाम के बारे में बताया जाता है कि यह दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां होने वाली शादियां हर दूसरे साल अपना ही रिकॉर्ड तोड़ देती है. अर्थात इस मंदिर में होने वाली शादियों का आंकड़ा अपने पिछले वर्ष से हर साल ज्यादा होता है.

महाशिवरात्रि पर भी होता है विशेष आयोजन

मंदिर परिसर में मां पार्वती, भगवान गणेश, हनुमान, राधा कृष्ण समेत अन्य देवी-देवताओं की भव्य मूर्तियां विराजमान हैं. यहां महाशिवरात्रि को पूजा अर्चना के लिए सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुषों की भीड़ जुटती है. हरिहरधाम मंदिर पूजा अर्चना के साथ वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए भी देशभर में प्रसिद्ध है. स्थानीय लोग बताते हैं कि हरिहरधाम की प्रसिद्धि अब शादी-ब्याह के निपटारे को लेकर लगातार बढ़ रहा है. यहां पर देश-विदेश से भक्त श्रावण मास की पूर्णिमा को इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं. इसके अलावा पर्यटक यहां पर सालों भर आते रहते हैं.

शिवलिंग बनने में लगे 30 साल

इस शिवलिंग की ऊंचाई 65 फीट है. यह मंदिर 25 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और एक नदी से घिरा हुआ है. विशाल शिवलिंग का निर्माण पूरा होने में लगभग 30 वर्ष लगे, कहा जाता है कि इससे मंदिर को बनने में 30 साल से अधिक का समय लगा, वह हिंदुओं के लिए विवाह का एक लोकप्रिय स्थान है.

श्रावण पूर्णिमा को होता है विशेष आयोजन

भगवान शिव की पूजा करने के लिए श्रावण पूर्णिमा के दिन यहां अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है. श्रावण पूर्णिमा पवित्र श्रावण महीने की पूर्णिमा की रात को कहते है. यह त्योहारों और पवित्र अनुष्ठानों का महीना है. पवित्र श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के नाम से प्रसिद्ध नाग की पूजा का अनुष्ठान मनाया जाता है. अपने धार्मिक महत्व के कारण हरिहर धाम हिंदू धर्म के लोगों के लिए विवाह के लिए भी एक लोकप्रिय स्थान है. वास्तुकला की भव्यता के अलावा, यह मंदिर हिंदुओं द्वारा सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिरों में से एक है.

हरिहर धाम कैसे पहुंचे

झारखंड की सड़कें अच्छी तरह से विकसित हैं और कई शहरों से बेहतर तरीके से जुड़ी हुई हैं. कोई भी व्यक्ति अपने निजी वाहन से भी वहां पहुंच सकता है क्योंकि यह प्रमुख शहरों से बेहतर जुड़ा हुआ है.

  • रेलवे द्वारा:- निकटतम रेलवे स्टेशन हज़ारीबाग़ रोड है, यह मंदिर से केवल 13 किलोमीटर दूर है.

  • हवाई मार्ग से:- निकटतम हवाई अड्डा बिरसा मुंडा हवाई अड्डा जो झारखंड की राजधानी रांची में स्थित है. यह उससे लगभग 120 किलोमीटर ही दूर है.

  • बस द्वारा:- कई निजी बसें सस्ते किराए में किसी भी समय हज़ारीबाग से विष्णुगढ़ रोड के माध्यम से चल रही हैं. यह सड़क प्रमुख सड़क लाइनों से अच्छी तरह जुड़ी हुई है.

हरिहरधाम के आस पास इन टूरिस्ट स्पॉर्ट को कर सकते हैं एक्सप्लोर

  • बाबा बैद्यनाथ मंदिर

  • बासुकीनाथ मंदिर

  • त्रिकुटा पर्वत

  • रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ

  • नौलखा मंदिर

  • देवघर

  • बज्जू मंदिर

  • नंदन पहाड़

  • मयूराक्षी नदी

  • माँ शीतला मंदिर

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