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UP Tourism: टिकट लेकर देख सकेंगे यूपी का नया विधान भवन, छात्रों को देने होंगे इतने रुपए

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UP Vidhan Bhavan: राजधानी लखनऊ में आने वाले समय में विधान भवन की तस्वीर बदली हुई होगी. दरअसल उत्तर प्रदेश को जल्द ही नए विधानसभा की सौगात मिलेगी.इसके लिए विधान सभा का गाइडेड टूर शुरू करने की तैयारी है. इसके तहत लोग टिकट लेकर विधान भवन की खूबियों का दीदार कर सकेंगे.

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UP Vidhan Bhavan: यूपी की राजधानी लखनऊ में आने वाले समय में विधान भवन की तस्वीर बदली हुई होगी. इसके लिए विधान सभा का गाइडेड टूर शुरू करने की तैयारी है. इसके तहत लोग टिकट लेकर विधान भवन की खूबियों का दीदार कर सकेंगे. विधान भवन का गाइडेड टूर 15 अगस्त के आसपास शुरू हो सकता है. एक कार्यदिवस में चार गाइडेड टूर अलग-अलग बैच में संचालित होंगे.

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छात्र-छात्राओं को लेना होगा 25 रुपये का टिकट

विधायी डिजिटल वीथिका (Legislative Digital Gallery) के भ्रमण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जाएगी जो विधान सभा की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगी. विधायी डिजिटल वीथिका (Legislative Digital Gallery) का भ्रमण सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे तक किया जा सकेगा. दस व्यक्तियों का समूह बनाकर निर्धारित समयसारिणी के अनुसार डिजिटल वीथिका का भ्रमण कराया जाएगा. भ्रमण के लिए सामान्य नागरिकों को सौ रुपये का टिकट लेना होगा. शैक्षिक टूर के तहत विद्यार्थियों से टिकट के लिए 50 रुपये तथा स्कूल के छात्र-छात्राओं से 25 रुपये लिए जाएंगे. डिजिटल वीथिका (Digital Gallery) का भ्रमण 25-30 मिनट का होगा.

विधान भवन की अहम बातें

विधान भवन यूरोपियन और अवधी शैली का मिश्रण है. यह भवन अर्दचक्राकार में मुख्य रूप से दो मंजिलों में मीरजापुर चुनार के भूरे रंग के बलुआ पत्थरों के ब्लाक से निर्मित है. अर्धचक्र के बीच में गौथिक शैली का गुंबद है, जिसके शीर्ष पर आकर्षक छतरी है. इस गुमंद के चारों ओर सजावट के तौर पर रोमन शैली में बड़े आकार की पत्थर की मूर्तियां बनी हुई है. भवन के बाहरी भाग के पोर्टिको के ऊपर संगमरमर से प्रदेश का राज्य चिन्ह अंकित है.

भवन के अंदर अनेक हाल और दीर्घाएं हैं. यह सभी जयपुर और आगरा से लाए गए पत्थरों से बनायी गयी हैं. ऊपर मंजिल पर जाने के लिए मुख्य द्वार पर दाहिने और बाएं सुंदर शैली में संगमरमर निर्मित गोलाकार सीढ़ियां बनी हैं. इन सीढ़ियों की दीवारों पर विशिष्ट प्रकार की पेन्टिंग बाद में करायी गयी है. गुबंद के नीचे अष्टकोणीय चेंबर अर्थात मुख्य हाल बना है. इसकी वास्तुकला अत्यंत आकर्षक है. इसे पच्चीकारी शैली में बनाया गया है. हॉल की गुंबदीय आकार की छत में जालियां तथा नृत्य करते हुए आठ मोरों की सुंदर आकृतियां बनी हैं. इसी चेंबर में विधानभवन की बैठकें होती हैं. सदस्यों के लिए चेम्बर के दोनों तरफ एक-एक बड़ी लॉबी है.

विधान परिषद की बैठकों और कार्यालयों कक्षों के लिए अलग चेंबर का प्रस्ताव जुलाई 1935 में हुआ. इसके निर्माण का काम मेसर्स फोर्ड एंड मैकडॉनाल्ड को सौंपा गया. मुख्य वास्तविद एएम मार्टीमर की देखरेख में इसके निर्माण का काम 1937 में पूरा हुआ. इसमें फिलहाल 100 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है.

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उत्तर प्रदेश विधान भवन का इतिहास

लखनऊ को 1922 में इलाहाबाद की जगह राजधानी का दर्जा दे दिया गया. जब अंग्रेजों ने लखनऊ को राजधानी बनाने का फैसला किया तब इस इमारत की जरूरत महसूस हुई. तत्कालीन यूपी के गर्वनर स्पेंसर हारकोर्ट बटलर ने विधान भवन की नींव रखी थी. इस पूरी इमारत को बनाने में 21 लाख रुपये की लागत आई थी.

15 दिसंबर 1922 को इस भव्य इमारत का निर्माण शुरू किया गया था और सात साल में बनकर तैयार हो गई थी. 21 फरवरी 1928 में यह इमारत पूरी तरह बनकर तैयार हुई थी. पहले यह भवन काउंसिल हाउस के नाम से जाना जाता था लेकिन 1937 में जाकर इसका नाम तब्दील किया गया. इसका निर्माण कलकत्ता की मेसर्स मार्टिन एंड कंपनी द्वारा किया गया. मुख्य आर्किटेक्ट सर स्विनोन जैकब और हीरा सिंह थे.

अनूठी है झारखंड विधानसभा की बिल्डिंग भी

झारखंड विधानसभा तीन मंजिला इमारत है, जिसका निर्माण 465 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है. झारखंड विधानसभा का नया भवन देश का सबसे भव्‍य और तमाम अत्‍याधुनिक स‍ुविधाओं से लैस कहा जा रहा है. अलग राज्‍य बनने के करीब 19 साल बाद किराये के विधानसभा भवन से झारखंड को मुक्ति मिली थी. यहां झारखंड की संस्‍कृति की सतरंगी झलक भी देखी जा सकती है.

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