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फेम-2 नियम उल्लंघन : हीरो इलेक्ट्रिक समेत सात टू व्हीलर कंपनियों पर कार्रवाई, लौटाने होंगे 469 करोड़ रुपये

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सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के त्वरित अनुप्रयोग एवं विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2019 से फेम-2 योजना चलाई हुई है. इसके लिए 10,000 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि आवंटित की गई है. इस योजना के तहत प्रोत्साहन राशि का दावा करने वाली सात कंपनियां निर्धारित प्रावधानों के उल्लंघन की दोषी पाई गई हैं.

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नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने फेम-2 स्कीम के तहत नियमों का अनुपालन न करने के बावजूद प्रोत्साहन राशि का दावा करने के लिए हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा समेत सात इलेक्ट्रिक टू व्हीलर बनाने वाली कंपनियों से 469 करोड़ रुपये लौटाने का निर्देश दिया है. सरकार के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि यह रकम न लौटाने की स्थिति में इन सभी कंपनियों को फेम-2 स्कीम से सात से 10 दिन में हटा दिया जाएगा. इसके अलावा, उन्हें इस प्रोत्साहन योजना में हिस्सा लेने की भी मंजूरी नहीं दी जाएगी. सरकार ने घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और बिक्री के लिए फेम-2 स्कीम की शुरुआत की है.

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2019 से चल रही फेम- स्कीम

सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के त्वरित अनुप्रयोग एवं विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2019 से फेम-2 योजना चलाई हुई है. इसके लिए 10,000 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि आवंटित की गई है. अधिकारी के मुताबिक, इस योजना के तहत प्रोत्साहन राशि का दावा करने वाली सात कंपनियां निर्धारित प्रावधानों के उल्लंघन की दोषी पाई गई हैं.

छह कंपनियां पाई गईं दोषी

भारी उद्योग मंत्रालय की जांच में पता चला है कि इन कंपनियों ने निर्धारित मानकों का उल्लंघन करते हुए प्रोत्साहन राशि ली है. दोषी पाई गई कंपनियों के नाम हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक, एम्पीयर ईवी, रिवोल्ट मोटर्स, बेनलिंग इंडिया, एमो मोबिलिटी और लोहिया ऑटो हैं.

छह कंपनियां आरोपमुक्त

अधिकारी ने कहा कि हमारी जांच में छह कंपनियां आरोपमुक्त हो गईं, लेकिन सात कंपनियां मानकों के उल्लंघन की दोषी पाई गई हैं. हम उनसे 469 करोड़ रुपये मांग रहे हैं. उन्हें यह राशि सरकार को लौटानी होगी. सरकार को घरेलू स्तर पर निर्मित उपकरणों के बजाय आयातित उपकरण अपने ईवी उत्पादों में लगाने की शिकायत मिली थी. इस शिकायत के आधार पर जांच की गई थी. अधिकारी ने बताया कि सात में से दो कंपनियों ने प्रोत्साहन राशि ब्याज के साथ लौटाने पर हामी भरी है.

कंपनी के नियम अनुपालन में कोई खामी : हीरो इलेक्ट्रिक

हालांकि, हीरो इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने इस बारे में संपर्क किए जाने पर कहा कि ये नोटिस जिस अवधि के लिए दिया गया है, उस समय कंपनी ने अनुपालन में कोई खामी नहीं बरती थी. इस वजह से यह नोटिस कंपनी के लिए प्रासंगिक नहीं है. वहीं, लोहिया ऑटो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आयुष लोहिया ने कहा कि हम कहना चाहते हैं कि हमें सब्सिडी लौटाने के बारे में सरकार के किसी विभाग से कोई सूचना या नोटिस नहीं मिला है. इस मामले में ओकिनावा ऑटोटेक और रिवोल्ट मोटर्स ने टिप्पणी करने से मना कर दिया.

क्या फेम-2 स्कीम

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और बिक्री को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार की ओर से वर्ष 2019 में फेम-2 स्कीम की शुरुआत की गई थी. सरकार की इस स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद करने पर ग्राहकों को सब्सिडी दी जाती है. शुरुआत में इस स्कीम को 31 मार्च 2022 लागू किया गया था, लेकिन बाद में सरकार ने इस स्कीम की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 31 मार्च 2024 कर गया है.

फेम-2 स्कीम के फायदे

सरकार की फेम-2 स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स पर 50 फीसदी से अधिक प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है. यह प्रोत्साहन राशि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के निर्माण पर भी दी जाती है. सरकार दो पहिया वाहनों के लिए नए प्रोत्साहनों के रूप में 15 हजार रुपये प्रति kWh या वाहन के बैटरी क्षमता लागत का 40 फीसदी तक रकम सब्सिडी के तौर पर प्रदान करती है. फेम-2 स्कीम के तहत न केवल केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकारों की ओर से भी लाभ प्रदान किया जा रहा है.

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क्या है सरकार लक्ष्य

केंद्र सरकार ने 2030 तक सभी यात्री वाहनों में से 30 फीसदी को इलेक्ट्रिक वाहन बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 2030 तक सभी दोपहिया वाहनों में से 80 फीसदी को इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक बनाने का महत्वाकांक्षी योजना शामिल है. कम कार्बन उत्सर्जन और जीवाश्म ईंधन पर कम निर्भरता के साथ भविष्य का एहसास करने के लिए विनिर्माण से लेकर चार्जिंग बुनियादी ढांचे तक सभी मोर्चों पर प्रयास किए जा रहे हैं. उपलब्ध इलेक्ट्रिक स्कूटरों का एक बड़ा वर्ग फेम-2 स्कीम की सब्सिडी से बाहर रखा गया है.

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