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मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू हो, सालखन मुर्मू ने द्रौपदी मुर्मू को भेजा पत्र

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मणिपुर में दो महिलाओं के साथ किए गए जघन्य अपराध को लेकर पूरे देश में आक्रोश है. झारखंड में भी इस घटना को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राष्ट्रपति को मांग पत्र भेजकर मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है.

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Jamshedpur News. मणिपुर में दो महिलाओं के साथ किए गए जघन्य अपराध को लेकर पूरे देश में आक्रोश है. यह घटना देश को शर्मशार कर रही है. मणिपुर और केंद्र सरकार के खिलाफ लोगों में विरोध व्याप्त है. झारखंड में भी इस घटना को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी कड़ी में जमशेदपुर में विरोध जारी है. आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी, बलात्कार और हत्या मामले को लेकर शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक मांग पत्र भेजा है.

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पत्र में क्या लिखा है?

पत्र में कहा है कि 4 मई 2023 का जो मणिपुर का वीडियो सामने आया है, वह दिल दहलाने वाला है. अबतक जारी हिंसा के लिए राज्य सरकार को दोषी मानना गलत नहीं होगा. इसलिए मणिपुर सरकार को अविलंब बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की जरूरत है. मणिपुर हिंसा के पीछे असली आदिवासियों के अस्तित्व, पहचान और हिस्सेदारी का मामला छिपा हुआ है. इसे को गंभीरता से समझने की जरूरत है. आदिवासी सेंगेल अभियान की मांग है किसी भी नयी जाति को एसटी का दर्जा देने की प्रक्रिया को अगले 30 वर्षों तक बंद रखी जाये. साथ ही किसी भी नयी जाति को एसटी में शामिल करने के पूर्व यह गारंटी देना जरूरी है कि पूर्व से शामिल असली एसटी का अस्तित्व, पहचान, हिस्सेदारी आदि अक्षुण्ण रखा जा सके.

एनएच डेमकाडीह में मणिपुर सरकार का फूंका पुतला

जमशेदपुर शहर के एनएच पलासबनी पंचायत के डेमकाडीह में आदिवासी सेंगेल अभियान की बैठक हुई. इसमें सेंगेल अभियान के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने मणिपुर सरकार का पुतला फूंका. कार्यकर्ताओं ने पुतला दहन कर मणिपुर में हुई घटना के प्रति अपना आक्रोश प्रकट किया. इस दौरान आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासियों पर हो रहे अन्याय व अत्याचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. मणिपुर सरकार को अविलंब बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू किया जाये. पूरे प्रकरण की सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज या सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में सीबीआई जांच हो. पुतला दहन में आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू समेत सोनाराम सोरेन, धनीराम मार्डी, लखन मुर्मू, फागू टुडू, रमेश सिंह सरदार, मंगल सोरेन, विमो मुर्मू, सुराई टुडू, सुखलाल टुडू, घनश्याम टुडू, पिथो मुर्मू व अन्य मौजूद थे.

करनडीह में केंद्र व मणिपुर सरकार का फूंका पुतला

जमशेदपुर के करनडीह चौक पर झारखंड मुक्ति मोर्चा जमशेदपुर प्रखंड अध्यक्ष बहादुर किस्कु के नेतृत्व में मणिपुर में हुई घटना का विरोध किया गया. कार्यकर्ताओं ने केंद्र व मणिपुर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया. बहादुर किस्कु ने कहा कि इस तरह की घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है. घटना के लिए जो भी जिम्मेदार हैं उनपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. पुतला दहन कार्यक्रम में पूर्व जिला सचिव लालटु महतो, जाकता सोरेन, मनोज नाहा, मासूम सिंह, कार्तिक गोप, बाल्ही मार्डी, अली अख्तर, निजाम खान, आहला हांसदा, गणेश महतो, मोहम्मद रहीम खान,बाबु सुल्तान, गोकुल मार्डी, संजय बारला, सुनाराम मुर्मू, सलाउद्दीन, महीन सरदार आदि मौजूद थे.

मणिपुर की घटना के विरोध में सोनारी में केंद्र सरकार का पुतला फूंका

इधर, शहर में महिला कांग्रेस ने मणिपुर की घटना के विरोध में शुक्रवार को सोनारी में केंद्र सरकार का पुतला दहन किया . प्रखंड अध्यक्ष रेखा कालिंदी की अध्यक्षता कार्यक्रम आयोजित हुआ. मौके पर जिलाध्यक्ष नलिनी सिन्हा, प्रदेश महासचिव पुनीता चौधरी, शबाना परवीन, चांदनी तिवारी, शुक्रमणि मछुआ, रोमनी कालिंदी, शाति मछुआ, उमा कालिंदी, कमला बेबी, मोना कर्मकार, रानी सिंह समेत कई अन्य उपस्थित थे.

मणिपुर घटना पर जतायी निंदा, कड़ी कार्रवाई की मांग

जबकि, शहर के बिरसानगर में आदिवासी महासभा और बिरसा सेवा दल की बैठक में मणिपुर की घटना की निंदा की गयी. वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी समुदाय खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं. घटनाओं के बिंदु पर आदिवासी समाज को चिंतन करना होगा. वक्ताओं ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. बैठक में आदिवासी महासभा के केंद्रीय महासचिव कृष्णा हांसदा, उपाध्यक्ष मार्शल देवगम, अमृत तिडू, ज्ञान सिंह बांदिया, बिरसा सेवा दल के प्रीतेश, एनोस सुरीन, दीपक लकडा, मंजूल देवगम, जेवियर कुजूर, सत्यनारायण मार्डी, नेहा हांसदा मौजूद थे.

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