27.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 01:07 pm
27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

पटना में स्कूलों के निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई, 63 प्राचार्यों से मांगा गया स्पष्टीकरण

Advertisement

जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से स्कूलों में चले निरीक्षण के दौरान बिना अनुमति के छुट्टी पर रहने वाले शिक्षकों का वेतन रोकने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही स्कूलों में चल रहे असैनिक कार्य में देर करने की वजह से जिले के 25 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों का भी वेतन रोक दिया गया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बिहार में शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलों के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति के साथ ही स्कूलों की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया जा रहा है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद एक जुलाई से स्कूलों का यह निरीक्षण किया जा रहा है. एक जुलाई से 18 जुलाई तक स्कूलों में चले निरीक्षण के दौरान बिना अनुमति के छुट्टी पर रहने वाले पटना जिले के कुल 304 शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से इन सभी शिक्षकों का वेतन रोकने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही स्कूलों में चल रहे असैनिक कार्य में देर करने की वजह से जिले के 25 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों का भी वेतन रोक दिया गया है.

63 प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा गया

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी श्याम नंदन ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के तहत जिले के स्कूलों में असैनिक कार्य निर्माण के लिए कुल 1142.70 लाख राशि निर्गत की गयी थी. इस राशि से स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए शौचालय निर्माण, प्रधानाध्यापक कक्ष सहित स्कूलों में अन्य असैनिक कार्य किया जाना है. निर्धारित तिथि के अनुसार 10 जुलाई तक निर्गत राशि का कम से कम 50 प्रतिशत राशि का व्यय किया जाना था. लेकिन जूनियर इंजीनियर के द्वारा की गयी जांच में 25 स्कूल प्रबंधकों द्वारा निर्माण कार्य शुरू ही नहीं किया गया था. इन सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा निर्माण कार्य शुरू नहीं किये जाने की वजह से 63 प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने जिल के सभी प्रधानाध्यपकों को निर्देश दिया है कि निर्धारित समय सीमा के अंदर निर्माण कार्य को पूरा किया जाये.

निरीक्षण के दौरान इतने शिक्षकों का रोका गया वेतन

1 जुलाई – 46 , 3 जुलाई – 25 , 4 जुलाई -18 , 5 जुलाई -11 , 6 जुलाई -14 , 7 जुलाई -11 , 8 जुलाई -10 , 10 जुलाई -18, 11 जुलाई -10, 12 जुलाई – 38, 13 जुलाई -45, 14 जुलाई -15, 15 जुलाई -14, 17 जुलाई -15, 18 जुलाई -14.

Also Read: पटना के डीएम ने धनरूआ के अंचलाधिकारी पर लगाया जुर्माना, सोनमई पंचायत के राजस्व कर्मचारी भी होंगे निलंबित

शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बावजूद शिक्षकों पर करवाई वैधानिक नहीं : बिहार माध्यमिक शिक्षक

शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर 11 जुलाई को बिहार विधान मंडल के समक्ष शिक्षकों के प्रदर्शन करने के मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से शिक्षकों के विरुद्ध लिखित और मौखिक आदेश दिये जा रहे हैं. इसे लेकर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह एवं महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा है कि 11 जुलाई को जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा हमें शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन की अनुमति प्राप्त थी. हमने उसका शत-प्रतिशत अनुपालन किया है. इसके बावजूद शिक्षा पदाधिकारियों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन से शिक्षकों पर विधि व्यवस्था बाधित करने की जवाबदेही बगैर किसी आधार और प्रमाण के सौंपी जा रही है जो अत्यंत खेदजनक है.

हकमारी के खिलाफ सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना शिक्षकों का अधिकार

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि उन्हें फिर से नियमावली का अवलोकन करना चाहिए. उसमें शिक्षकों को अधिकृत अवकाश लेकर अपनी सेवाशर्तों में सरकार द्वारा की जा रही हकमारी के खिलाफ सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने का अधिकार है. भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 में प्रदत्त किसी भी संघ-संगठन का यह मौलिक अधिकार है. इसके विरूद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई करना मौलिक अधिकार का हनन करने का अपराध है. यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है.

वेतन रोकने के आदेश को तात्कालिक प्रभाव से वापस लेना चाहिए : शत्रुघ्न प्रसाद सिंह

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि ऐसे आदेशों को विभागीय पदाधिकारियों को ससम्मान वापस कर लेना चाहिए. सरकार ने जब हमारे आंदोलन के कारण वार्ता करने की विधान मंडल में इच्छा जाहिर की है तो इसके प्रतिकूल विभाग का आचरण विधान मंडल की अवमानना मानी जायेगी. इसलिए इन तमाम अप्रमाणिक अवैधानिक एवं संविधान विरोधी लिखित तथा वेतन रोकने के मौखिक आदेश को भी तात्कालिक प्रभाव से वापस कर लेना चाहिए. जिलाधिकारी पटना और वरीय पुलिस पदाधिकारी तथा गर्दनीबाग थानाध्यक्ष ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की है कि शिक्षकों का प्रदर्शन पूर्णतः शांतिपूर्ण और अनुशासित था. इसके बावजूद मनमाने ढंग से शिक्षकों पर आरोप लगाने वाले पदाधिकारियों के लिखित स्पष्टीकरण से शिक्षकों में आक्रोश उत्पन्न हो रहा है. ऐसे में विद्यालयों में पठन-पाठन के माहौल को बिगाड़ने की जवाबदेही विभाग की ही होगी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें