झारखंड समेत पूरे देश में गर्मियों के मौसम में कई नदियां पूरी रह सूख जाती हैं. नदियां जल का स्रोत ही नहीं, जीवनदायिनी भी हैं. इसलिए इनको सूखने से बचाना बेहद जरूरी है. अगर नदियों का संरक्षण नहीं हुआ, तो वे सूख जायेंगी और नदियां सूख गयीं, तो सभ्यता मर जायेगी. दुनिया के जिन देशों में नदियां सूखी हैं, वहां की सभ्यता सूख गयीं हैं. ऐसे देशों के लोगों को अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित देश क्लाइमेट रिफ्यूजी यानी जलवायु परिवर्तन शरणार्थी कहते हैं. अभी भारत के लोगों की बहुत इज्जत है, क्योंकि वे कामधेनु गाय की तरह हैं. उनके लिए बड़ा बाजार हैं. लेकिन, हमारे यहां भी बड़ी संख्या में नदियां सूख रहीं हैं. इनको बचाने के गंभीर प्रयास नहीं हुए, तो आने वाले दिनों में हम भी क्लाइमेंट रिफ्यूजी बन जायेंगे. ये बातें जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने रांची में प्रभात खबर की ओर से आयोजित ‘प्रभात संवाद’ कार्यक्रम में कहीं. आप भी सुनिए, उनका पूरा वीडियो.
BREAKING NEWS
Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.
Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.
Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement
VIDEO: …तो क्या हम भी बन जायेंगे क्लाइमेट रिफ्यूजी?
Advertisement
नदियों का संरक्षण नहीं हुआ, तो वे सूख जायेंगी और नदियां सूख गयीं, तो सभ्यता मर जायेगी. दुनिया के जिन देशों में नदियां सूखी हैं, वहां की सभ्यता सूख गयीं हैं. ऐसे देशों के लोगों को अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित देश क्लाइमेट रिफ्यूजी यानी जलवायु परिवर्तन शरणार्थी कहते हैं.
ऑडियो सुनें
ट्रेंडिंग टॉपिक्स
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Word Of The Day
Sample word
Sample pronunciation
Sample definition