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बिहार: कुएं के अंदर की सफाई करने गया पुजारी हुआ बेहोश, डायल 112 पर भी नहीं मिली मदद, लोगों ने ऐसे बचायी जान

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बिहार के मुंगेर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के शिवगंज शिव मंदिर स्थित कुएं में गाद की सफाई करने उतरा पुजारी ऑक्सीजन की कमी के कारण अंदर ही फंस गये. इसके बाद गांव के युवाओं ने उन्हें कुएं से बाहर निकाला.

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बिहार के मुंगेर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के शिवगंज शिव मंदिर स्थित कुएं में गाद की सफाई करने उतरा पुजारी ऑक्सीजन की कमी के कारण अंदर ही फंस गये. कुछ ही मिनटों में मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लग गयी. प्रशासन से मदद मांगी गयी और डायल 112 पर कॉल किया गया. इसके बाद भी राहत टीम नहीं आयी. तब ग्रामीणों के अथक प्रयास व कुछ युवाओं के साहस से कुएं में फंसे पुजारी को निकाला गया. इसके बाद मुंगेर पुलिस की टीम राहत टीम के साथ पहुंची. इस बीच लगभग एक घंटे का समय बीत गया था. पुजारी का इलाज मुंगेर सदर अस्पताल के आइसीयू में चल रहा है. पुजारी की जान तो बच गयी, लेकिन इस पूरी घटना ने किसी भी आपात स्थिति में प्रशासनिक स्तर से राहत पहुंचाने की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी.

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गाद निकालने कुएं में उतरे थे पुजारी

गुरुवार की सुबह लगभग 9:30 बजे शिवगंज बूढानाथ महादेव मंदिर के 60 वर्षीय पुजारी नकुल चंद्र गोस्वामी उर्फ लाल बाबा कुएं में जमे गाद को निकालने के लिए सीढी लगा कर अंदर घुसे. लेकिन ऑक्सजन की कमी के कारण वह नीचे में फंस गया. हालांकि कुएं में पानी कम था लेकिन वह सांस नहीं ले पा रहे थे. सूचना पर ग्रामीणों की भीड़ वहां लग गयी. कुछ युवाओं ने कुएं के अंदर घूस कर उसे निकालने का प्रयास किया. लेकिन कुछ अंदर जाने पर ही दम फूलने के कारण युवा बाहर निकल आए. इस बीच प्रशासन से मदद मांगी गयी. लेकिन कोई प्रशासनिक मदद नहीं मिली. सीआईएसएफ के जवान गौतम कुमार एवं डोमन मंडल के प्रयास से पुजारी को लगभग एक घंटे बाद बाहर निकालने में कामयाबी मिली. पहले से मौजूद वहां ऑक्सीजन सिलिंडर व दवा के साथ मौजूद आयुष और ग्रामीण चिकित्सक ने प्राथमिकी उपचार किया और पुलिस प्रशासन के साथ आयी एंबुलेंस से उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया.

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प्रशासनिक व्यवस्था की खुली पोल, डॉयल 112 की निकली हवा

पुजारी की जिंदगी तो बच गयी, लेकिन इस आपात स्थिति के दौरान प्रशासनिक स्तर से राहत पहुंचाने की व्यवस्था की पोल खुल गयी. एक ग्रामीण ने सबसे पहले सुबह 9:46 बजे मुफस्सिल थाने को कॉल किया. कॉल रिसीव नहीं हुआ. इसके बाद सुबह 9:49 बजे पर डायल 112 पर कॉल कर मदद की गुहार लगायी गयी. इसके बाद सुबह 9:52 बजे पर एसपी को कॉल किया गया. सुबह 10:09 बजे अनुमंडल पदाधिकारी सदर को फोन किया गया, कई बार कॉल करने के बाद जब उन्होंने कॉल रिसीव किया, तो उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ से बात करते हैं. जब सुबह 10: 16 बजे तक राहत दल नहीं पहुंचा तो पुन : उक्त ग्रामीण ने सुबह 10: 16 बजे डायल 112 पर कॉल कर शिकायत की. इस दौरान एसपी लगातार फोन पर ग्रामीण के साथ बने रहे. इस दौरान युवाओं ने पुजारी को अपनी जान जोखिम में डाल सुबह 10:40 बजे कुएं से बाहर निकाल लिया. वहीं जब तक पुजारी कुएं में फंसे हुए थे, तबतक ग्रामीण कुएं में ऑक्सीजन बनाने के लिए उपाय करते रहे. सुबह लगभग 10:49 बजे प्रशिक्षु आइपीएस सह मुफस्सिल थानाध्यक्ष पुलिस बल व अग्निशमन दस्ता को साथ लेकर पहुंचे.

एपीएचसी में नहीं मिले चिकित्सक व ऑक्सीजन सिलिंडर

कुएं के अंदर पुजारी के फंसने के मामले ने स्वास्थ्य व्यवस्था की भी पोल खोल कर रख दी. जब कुएं में ऑक्सीजन बनाये रखने के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर की जरूरत पड़ी, तो स्थानीय युवा घटनास्थल से कुछ ही दूर पर स्थित एपीएससी शीतलपुर पहुंचे. लेकिन वहां ऑक्सीजन सिलेंडर ही नहीं मिला. पुजारी के निकलने पर इमरजेंसी सेवा दिलाने के लिए जब चिकित्सक की खोज की गयी तो चिकित्सक भी वहां मौजूद नहीं मिले. शीतलपुर निवासी भवेश कुमार उर्फ बंटी ने कोरोना काल में खुद के लिए खरीदे गये ऑक्सीजन सिलिंडर को दिया. जब कुएं से पुजारी को निकाला गया तो उसी से उनको ऑक्सीजन लगाया गया. डॉ मदन सिंह व अन्य ग्रामीण चिकित्सकों ने प्राथमिकी उपचार कर उनकी जान बचायी.

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