28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Sawan 2023: शिव ने पिता की बचाई जान तो बिच्छू बम बनकर देवघर निकल पड़ा बेटा, जानें सफर के पीछे की कहानी

Advertisement

Bihar News: खबर बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज से है. दरअसल, बाबा बैद्यनाथ के कई भक्त है. कई रूप व कई रंग में भक्त बाबाधाम की ओर जा रहे है. इसी कड़ी में निहाल सिंह बिच्छू बम बनकर देवघर के लिए निकल पड़े है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Bihar News: खबर बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज से है. दरअसल, बाबा बैद्यनाथ के कई भक्त है. कई रूप व कई रंग में भक्त बाबाधाम की ओर जा रहे है. श्रावणी मेला के दौरान बाबा के भक्तो के कई रूप मिल रहे है. बाबा का एक भक्त बिच्छू बम बन चल रहा है. सहरसा जिला के निहाल बम सावन के पहले दिन से जल भर कर यात्रा शुरू किये है.यह छह दिन में अब तक एक किमी चले है. निहाल मूल रूप से समस्तीपुर जिला के आवापुर कुंडल गांव के रहने वाले हैं.

- Advertisement -

निहाल सिंह के पिता लीवर की बीमारी से थे ग्रसित

हाथ के बल बाबाधाम जा रहे निहाल ने बताया कि पिता की जिंदगी बाबा ने बचायी तो मैं बाबा का हो गया. उन्होने बताया कि बाबा से प्रेरणा मिली और मैं चल पड़ा. वह बताते है कि पिता एलआईसी अभिकर्ता सुधीर कुमार सिंह लीवर की बीमारी से ग्रसित हो गये थे. घर की हालत ठीक नहीं थी. बचने की उम्मीद नहीं थी. बाबा से गुहार किया. बाबा ने उन्हें पुनर्जन्म दिया. इसके बाद उनकी जिंदगी बच गयी. छह साल पूर्व पहली बार दंड प्रणाम देते हुए बाबाधाम गया था. इसमें एक माह 11 दिन का समय लगा था. फिर, तीन बार एक ही स्थान पर दंड प्रणाम करते हुए गया. पांच बार एक ही स्थान पर दंड प्रणाम करते हुए बाबाधाम गया. वहीं, अब बाबा की प्रेरणा से हाथ के बल चल कर बिच्छू आकार लिये बाबाधाम तक जा रहे है. उन्होने कहा कि हाथ के बल चलते हुए बिच्छू की आकृति धारण कर चल रहे है.

Also Read: बिहार: मानसून के बाद गंगा का बढ़ा जलस्तर, राघोपुर दियारा के लोग जान जोखिम में डालने को मजबूर, जानें पूरा मामला
‘बाबा का श्रृंगार है बिच्छू ‘

निहाल का कहना है कि बाबा अपने कानों में कुंडल के तौर पर बिच्छू पहनते हैं. बाबा का वह श्रृंगार है. इसलिए, बाबा से प्रेम और समर्पण लिए हुए बिच्छू के आकृति लिये बनकर चल रहे हैं. बाबा ने प्रेरणा दी है. बाबा ही शक्ति दे रहे हैं. पिता की जिंदगी बचाने वाले बाबा से बढ़कर मेरे लिए कोई नहीं है. निहाल सिंह हाथ के बल चलते हुए बिच्छू के आकार लिए बाबा धाम को निकल पड़े हैं. कठिन साधना के साथ हाथ के बल चलने को लेकर बताया कि बाबा ही शक्ति देते है.

निहाल सिंह के पिता गौरवान्वित

आज के युग में मां- पिता के लिए सब कुछ न्यौछावर करने वाले बेटा पाने वाले पिता सुधीर कुमार सिंह गौरवान्वित है. 28 वर्षीय निहाल सिंह ने मिसाल कायम कर दिया है. निहाल ने बताया कि मेरे लिए पिताजी सब कुछ है. पिताजी ठीक रहेंगे तो मैं खुश रहूंगा. पिता के लिए परमपिता से जुड़ गया हूं. उन्होंने कहा कि आज के युग में संतान के लिए मां-पिता से बढ़ कर कुछ नही होना चाहिए.

बाबा से मुझे काफी लगाव- निहाल सिंह

उन्होंने कहा कि मैं स्वयं नहीं चल पाता. बाबा ही मुझे चलाते हैं. मेरी क्षमता कहां है. बाबा से मुझे काफी लगाव है. बाबा मुझे प्रेरणा देते हैं. शक्ति देते हैं और आनंद मिल जाता है. निहाल ने आगे कहा कि छह माह में पहुंचने की संभावना है. लेकिन, बाबा जब तक ले जाय. बाबा पर पूरी तरह समर्पित हो गया हूं. एक अजब आनंद और अनुभूति मिलती है. उन्होंने कहा कि आगे डमरु बनकर जाने का आदेश मिला है. बाबा से जुड़ जाने के बाद आनंद ही आनंद है. सेवक के रूप में बेगूसराय जिला के विमल कुमार पोद्दार चल रहे हैं. विमल ने बताया कि रास्ते में ही उनसे मुलाकात हुई थी. उसके बाद मैं भी इनका सेवक के रूप में चल रहा हूं.

रिपोर्ट- शुभंकर, सुलतानगंज

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें