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देवघर के पंडे अगर ये सब सवाल करें तो घबराइए मत, बाबाधाम में है आपके पूरे पूर्वजों की वंशावली

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बाबाधाम के पंडों के पास आपके पूर्वजों का बहीखाता सालों से चली आ रही किताब में सुरक्षित है. आप रोमांचित हो जाते हैं जब वो आपके पूर्वजों तक का बहीखाता सामने रख देते हैं. इसका ये प्रमाण है कि आपके पूर्वज कब यहां आये थे और क्या-क्या दान किया.

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Deoghar News: द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक कामनालिंग बाबा बैद्यनाथ के दरबार में न केवल मनोकामनाएं पूरी होतीं हैं, बल्कि यहां आपके पूर्वजों की वंशावली का भी पता चल जाता है. बाबा बैद्यनाथ की पूजा करने देवघर पहुंचते ही मंदिर में मौजूद पंडा आपसे आपके मूल निवास, जाति, गौत्र से संबंधित सवाल पूछें तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है. इन जानकारियों को उपलब्ध कराते ही आपके क्षेत्र के पंडा आपको पूर्वजों की पूरी वंशावली का पता चल जायेगा. देवघर के पंडों के पास आपके परदादाओं तक का बहीखाता उपलब्ध है.

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देवघर के पंडे सभ्यता-संस्कृति का हैं अटूट हिस्सा

बाबाधाम के पंडों के पास आपके पूर्वजों का बहीखाता सालों से चली आ रही किताब में सुरक्षित है. आप रोमांचित हो जाते हैं जब वो आपके पूर्वजों तक का बहीखाता सामने रख देते हैं. इसका ये प्रमाण है कि आपके पूर्वज कब यहां आये थे और क्या-क्या दान किया. आज की पीढ़ी भले ही इन बातों पर विश्वास नहीं करे मगर, यह सच है. यहां के पंडे सभ्यता-संस्कृति का अटूट हिस्सा हैं. यजमानों पर ही इनका घर-परिवार चलता है.

पहले बाबा मंदिर के अलावा नहीं था कोई साधन

बाबा बैद्यनाथ धाम के पुरोहित बताते हैं कि, सैंकड़ों साल पहले यहां बाबा मंदिर के अलावा कोई अन्य साधन नहीं था. जिन यजमान की वे पूजा कराते थे, उनका नाम अपने खाते में दर्ज कर उनका हस्ताक्षर करवाते थे. इस तरह यजमान और पुरोहित का रिश्ता प्रगाढ़ तो हुआ ही, पूर्वजों का भी नाम संरक्षित होता चला गया. यहां के पंडों के खाते में देश के प्रधानमंत्री से लेकर आम आदमी तक के पूर्वजों के नामों की जानकारी मिल जायेगी. यही कारण है कि, कांवरिये बाबा धाम आने के बाद सीधे वे अपने पंडे के घर जाकर रुकते हैं और अपना सारा सामान किसी लॉकर रूम से अधिक अपने पुश्तैनी पुरोहित के घर को समझते हैं, समृद्ध होने के बाद भी किसी होटल-लॉज से अधिक आरामदेह जगह पुरोहित का घर ही लगता है.

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