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UP School Reopen: परिषदीय स्कूलों में पहले दिन कम रही बच्चों की उपस्थिति, बारिश के साथ सामने आई ये वजह

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यूपी के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षकों को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है. बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत करीब डेढ़ लाख से अधिक स्कूल सोमवार से स्कूल खुल गए. अब यहां पढ़ाने वाले प्रत्येक​ शिक्षक को 50-50 बच्चों का दाखिला कराने का लक्ष्य दिया गया है.

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Lucknow: प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद से संबद्ध सभी विद्यालय सोमवार से खुल गए. हालांकि राजधानी लखनऊ सहित कई जगह सुबह बारिश के कारण छात्र-छात्राएं कम संख्या में स्कूल पहुंचे. वहीं स्कूलों के मैदान में जलभराव के कारण भी छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. कई जगह शिक्षक भी समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाए.

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यूपी में गर्मी की छुट्टियों के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी, जूनियर स्कूलों के साथ मिशनरी स्कूल भी सोमवार से खुले. लखनऊ और आसपास के इलाकों में सुबह से ही बारिश का मौसम रहा. इसके बाद तेज बारिश होने की वजह से कई जगह बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच सके.

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परिषदीय स्कूलों में तो कई जगह मैदान में पानी भर गया और बच्चे भीगते हुए स्कूल पहुंचे. विद्यालयों से पानी की निकासी नहीं होने के कारण बच्चे मैदान में गतिविधियां नहीं कर सके. पहले दिन जितनी संख्या में बच्चों के पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी, उससे कहीं कम बच्चे स्कूल में नजर आए. अधिकांश कक्षाएं खाली दिखीं. बारिश के कारण कई जगह शिक्षक भी समय पर स्कूल नहीं पहुंच सके.

नया सत्र प्रारंभ होने के तीन महीने बाद भी कई जगह विद्यार्थी पुरानी पुस्तकों से ही पढ़ाई करते नजर आए. बेसिक शिक्षा विभाग विद्यालयों में सभी पुस्तकें नहीं पहुंचा पाया है. अब स्कूल खुलते ही बच्चों को इन्हें उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है.

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इससे पहले विद्यालयों में साफ-सफाई सहित सभी व्यवस्था दुरुस्त रखने का निर्देश दिया गया था, जिससे छात्र छात्राओं को स्कूल पहुंचने पर किसी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े. लखनऊ में बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने पहले दिन छात्रों को खुशनुमा माहौल देने के लिए नए पुराने छात्रों का स्वागत करने के निर्देश दिए थे. हालांकि संतोषजनक उपस्थिति के अभाव में इसे लेकर भी उत्साहजनक माहौल नजर नहीं आया.

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इस बीच तबादले के बाद तमाम शिक्षकों को कार्यमुक्त करने और पदभार ग्रहण का मामला अटका हुआ है, इस वजह से भी पठन-पाठन पर इसका असर नजर आ रहा है. असमंजस की स्थिति देखने को मिल रही है.

इस बीच वर्तमान शैक्षिक सत्र में प्रत्येक शिक्षक को 50-50 बच्चों का दाखिला कराने का लक्ष्य दिया गया है. महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने जिलों में जिलाधिकारी के नेतृत्व में 31 जुलाई तक विशेष नामांकन अभियान चलाने के लिए कहा है. प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले 1.50 लाख से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल सोमवार से खुल गए.

उन्होंने कहा कि उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक संयुक्त टीम बनाकर नामांकन के लिए घर-घर संपर्क करें. इसके साथ ही प्राइवेट स्कूल में कार्यरत शिक्षकों की कार्यशैली की तरह परिषदीय विद्यालय के शिक्षक भी परिश्रम से पढ़ाने का कार्य करें.

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