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Lucknow University: अब कागज रहित होगा पीएचडी, एक विदेशी परीक्षक भी रहेगा शामिल

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लखनऊ विश्वविद्यालय अब नया पीएचडी अध्यादेश लागू करने की तैयारी कर रहा है. इसका उद्देश्य अनुसंधान, उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के साथ ही वैश्विक मानकों को पूरा करना है. यह अध्यादेश पीएचडी जमा करने और मूल्यांकन प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाने का प्रयास होगा.

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Lucknow : लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने गुणवत्तापूर्ण शोध को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न शोध प्रचार योजनाओं की शुरूआत की हैं. इसी क्रम में अब विश्वविद्यालय नया पीएचडी अध्यादेश लागू करने की तैयारी कर रहा है. इसका उद्देश्य अनुसंधान, उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के साथ ही वैश्विक मानकों को पूरा करना है. यह अध्यादेश पीएचडी जमा करने और मूल्यांकन प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाने का प्रयास होगा. यह शोध प्रक्रिया छह माह में पूरा करने के साथ ही कागज रहित होगा.

अब पीएचडी थीसिस का मूल्यांकन करेगा विदेशी परीक्षक

इस अध्यादेश की मुख्य विशेषता पीएचडी थीसिस का मूल्यांकन करने के लिए भारत के एक परीक्षक और अनुसंधान पर्यवेक्षक के अलावा कम से कम एक विदेशी परीक्षक को शामिल करना है. यह कदम सुनिश्चित करेगा कि पीएचडी विद्यार्थियों का शोध उत्कृष्टता के वैश्विक मानकों का पालन करता है और विश्वविद्यालय में हुए शोध को विश्व पटल पर भी उपलब्ध कराएगा. थीसिस मूल्यांकन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विश्वविद्यालय एक समर्पित अनुसंधान पोर्टल विकसित करेगा.

यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर थीसिस जमा करने से लेकर मूल्यांकन और मौखिक परीक्षा तक की पूरी प्रक्रिया को अधिकतम छह महीने की अवधि के भीतर पूरा करने में सक्षम होगा. कागज रहित दृष्टिकोण अपनाकर नया अध्यादेश न केवल शोध छात्रों के समय और ऊर्जा को बचाएगा और साथ ही मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता को भी बढ़ाएगा.

शोध छात्रों को लंबी प्रक्रिया से मिलेगी निजात

पहले, छात्रों को अपनी थीसिस की कई प्रतियां जमा करने की आवश्यकता होती थी, जो पारंपरिक डाक सेवाओं के माध्यम से परीक्षकों को भेजी जाती थीं. मूल्यांकन रिपोर्टें भी इसी माध्यम से ही भेजी जाती हैं, जो कि एक लंबी प्रक्रिया है. इसमें एक वर्ष तक का समय लग सकता है. नए अध्यादेश का कार्यान्वयन पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा. इससे अनावश्यक देरी और कागजी कार्रवाई समाप्त हो जाएगी.

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि हमें नवाचार को अपनाने और शोध ग्रंथ मूल्यांकन में डिजिटल प्रणाली को अपनाने पर गर्व है. प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता को शामिल करके, हमारा लक्ष्य एक अग्रणी अनुसंधान संस्थान के रूप में अपनी स्थिति को और भी मजबूत करना है. नया पीएचडी अध्यादेश अनुसंधान में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के हमारे मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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