21.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 11:39 am
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

जून में पहली बार लगातार 15 दिनों से हीटवेव की स्थिति, आखिर क्यों हो रहा मानसून के आने में देर, जानें कारण…

Advertisement

उत्तर बिहार में जून महीने में पहली बार लगातार 15 दिनों से हीटवेव की स्थिति बनी हुई है. लगातार हीटवेव के बने रहने का कारण, मॉनसून का तय समय पर नहीं आना है. खासकर उत्तर बिहार के जिलों में प्री-मॉनसून के तहत भी बारिश नहीं हुई. वहीं 12 जून को मॉनसून प्रवेश करने के बाद भी ठहर सा गया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बिहार: क्लाइमेट खतरनाक जोन में पहुंच गया है. उत्तर बिहार में जून महीने में पहली बार लगातार 15 दिनों से हीटवेव की स्थिति बनी हुई है. मॉनसून के समय अवधि में इतनी प्रचंड गर्मी लोगों ने पहले कभी नहीं झेले थे. आरएयू पूसा के कृषि व मौसम विभाग के वरीय वैज्ञानिक डॉ एके सत्तार खुद ये बातें कह रहे हैं. उन्होंने बताया कि लगातार हीटवेव के बने रहने का कारण, मॉनसून का तय समय पर नहीं आना है. खासकर उत्तर बिहार के जिलों में प्री-मॉनसून के तहत भी बारिश नहीं हुई. वहीं 12 जून को मॉनसून प्रवेश करने के बाद भी ठहर सा गया. इस मामले में उन्होंने बताया कि यहां का वातावरण भी मॉनसून को सपोर्ट नहीं कर रहा है. यही वजह है कि मॉनसून सिमट कर रहा गया है. दूसरी ओर वरीय वैज्ञानिक ने बताया कि चक्रवात बिपरजॉय के कारण भी मॉनसून प्रभावित हुआ है. इस तरह के खतरनाक हीटवेव से आम लोगों के साथ सबसे अधिक किसानों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. वरीय वैज्ञानिक ने बताया कि जो हालात बन रहे है, उसमें किसानों को मौसम आधारित खेती पर जोड़ देना होगा.

- Advertisement -

पेड़ लगाना और प्रदूषण पर नियंत्रण ही समाधान

चौतरफा कंक्रीट के जंगल और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के नाम पर पेड़ों को धड़ल्ले से काटा जा रहा है. यही वजह है कि वातावरण असंतुलित हो कर खतरनाक जोन में पहुंच गया है. इस पर नियंत्रण के लिए अलग-अलग कई बिंदुओं पर काम करने की जरूरत है. लेकिन शुरुआत पेड़ लगाने से करना होगा. साथ ही प्रदूषण पर नियंत्रण से ही समाधान संभव है. बताया गया कि पर्यावरण के असंतुलन के दो प्रमुख कारण हैं. एक है बढ़ती जनसंख्या और दूसरा बढ़ती मानवीय आवश्यकताएं. इन दोनों का असर प्राकृतिक संसाधनों पर पड़ता है, और उनकी वहनीय क्षमता लगातार कम हो रही है. पेड़ों के कटने, भूमि के खनन, जल के दुरुपयोग और वायु मंडल के प्रदूषण ने पर्यावरण को गभीर खतरा पैदा किया है.

Also Read: मुजफ्फरपुर मौसम: पारा 41.8 के पार, मॉनसून की बेरुखी से उबल रहे लोग, जिले में इस दिन दस्तक दे सकता है मानसून…
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में तेलंगाना नंबर 1 क्यों

सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट की ओर से किये गये सर्वे के बाद हाल में देश स्तर पर तेलंगाना को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नंबर-1 पर रखा गया है. यहां पर्यावरण पर लगातार काम हो रहा है. यहां से सीखने की जरूरत है. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना में पिछले नौ वर्षों में करीब 273 करोड़ पौधे लगाये थे. इससे वन क्षेत्र 2015-16 में 19,854 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 2023 में 26,969 वर्ग किलोमीटर हो गया. जो राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का 24.06 प्रतिशत है. इसके अलावा, राज्य का सौर ऊर्जा उत्पादन 2014 में 74 मेगावाट से बढ़कर 5,865 मेगावाट हो गया. जो स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति का संकेत देता है. सर्वे जलवायु और चरम मौसम, स्वास्थ्य, खाद्य और पोषण, प्रवासन और विस्थापन, कृषि, ऊर्जा, अपशिष्ट, पानी और जैव विविधता सहित पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं पर किया जाता है.

वायु प्रदूषण छीन रहा लोगों की जिंदगी

वायु प्रदूषण लोगों की जिंदगी औसतन 4 साल 11 महीने छीन रहा है. सेंटर फॉर साइंस की ओर से यह दावा किया गया है. इस पर हाल ही में एक रिपोर्ट भी जारी की गयी है. रिपोर्ट के अनुसार शहरी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों पर इसका असर है.

Also Read: Railways News: रेल नीर की सप्लाई ठप, महंगा पानी का बोतल खरीद रहे यात्री, जेब पर पर रहा असर…
प्रदूषण इस तरह कर रहा असर

  • 22 प्रतिशत लोगों का जीवन औसतन सात साल से ज्यादा कम हो जाता है.

  • 30 प्रतिशत लोगों का जीवन औसतन एक से तीन साल तक कम हो रहा है.

  • 25 प्रतिशत का जीवन औसतन तीन से पांच साल कम हो रहा है.

  • 21 प्रतिशत लोगों का जीवन पांच से सात साल कम हो रहा है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें