24.3 C
Ranchi
Tuesday, March 4, 2025 | 09:46 pm
24.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार के 65 ब्लड सेंटर पर स्वास्थ्य विभाग करेगा कार्रवाई, स्टेट प्रोग्राम ब्लड सेल बना रही लिस्ट

Advertisement

ब्लड कैंसर व थैलेसीमिया के मरीजों को सरकारी व प्राइवेट ब्लड सेंटरों से मुफ़्त खून देना है. लेकिन, शिकायत आयी है कि करीब 65 ब्लड सेंटर हैं, जो ऐसे मरीज को खून नहीं दे रहे हैं. इसके मद्देनजर संबंधित ब्लड सेंटरों की जांच करायी जा रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

पटना. खून की कमी के कारण पटना सहित पूरे बिहार में थैलेसीमिया व ब्लड कैंसर के मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है. मरीजों को समय पर खून नहीं मिलने से कई मरीज गंभीर हालत में पहुंच रहे हैं. ऐसे मरीजों की परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग के पास शिकायत की है, जिसके बाद राज्य स्वास्थ्य समिति के स्टेट प्रोग्राम ब्लड सेल की ओर से जांच करायी गयी. इसमें पता चला है कि पटना के अलावा अलग-अलग जिलों में संचालित करीब 65 ऐसे प्राइवेट ब्लड सेंटर है, जो आज तक ब्लड कैंसर व थैलेसीमिया के एक भी मरीज को खून नहीं दिया है. इसको देखते हुए सेल ने संबंधित ब्लड सेंटर को रडार पर लेते हुए लिस्ट बनाना शुरू कर दिया है.

नि:शुल्क ब्लड देने का नियम

बताया जा रहा है कि रडार पर लिये गये सभी ब्लड सेंटरों की जांच करायी जायेगी, अगर मामला सही पाया गया, तो नियमानुसार कार्रवाई भी होगी. मालूम हो कि ब्लड कैंसर और थैलेसीमिया के मरीजों को नि:शुल्क ब्लड देने का नियम है.

हर व्यक्ति को एक से दो यूनिट रक्त की आवश्यकता

जिले में करीब 500 से अधिक थैलेसीमिया के मरीज इलाज करा रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा पीड़ित बच्चे हैं. एक व्यक्ति को हर महीने एक यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है. कुछ ऐसे भी मरीज हैं, जिन्हें एक बार में दो यूनिट की जरूरत पड़ती है. खासकर बच्चों की संख्या इसमें अधिक होती है. कमोबेश यही स्थिति ब्लड कैंसर के मरीजों के साथ देखने को मिल रही है.

जानिए, क्या है थैलेसीमिया व ब्लड कैंसर

ब्लड कैंसर हमारे ब्लड सेल्स के फंक्शन और प्रोडक्शन की प्रकिया को प्रभावित करता है. ब्लड कैंसर के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं, जिन्हें ल्यूकीमिया, लिंफोमा और मल्टीपल माइलोमा कहते हैं. इसी तरह थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रोग है. माता अथवा पिता या दोनों के जीन में गड़बड़ी के कारण होता हैं. सामान्य रूप से शरीर में लाल रक्त कणों की उम्र करीब 120 दिनों की होती है, लेकिन थैलेसीमिया में इनकी उम्र सिमटकर सिर्फ 20 दिनों की हो जाती है. इसका सीधा प्रभाव शरीर में स्थित हीमोग्लोबीन पर पड़ता है. हीमोग्लोबीन की मात्रा कम हो जाने से शरीर दुर्बल हो जाता है और अशक्त होकर हमेशा किसी-न-किसी बीमारी से ग्रसित रहने लगता है.

क्या कहते हैं अधिकारी

स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर ब्लड सेल राज्य स्वास्थ्य समिति के डॉ एनके गुप्ता ने बताया कि ब्लड कैंसर व थैलेसीमिया के मरीजों को सरकारी व प्राइवेट ब्लड सेंटरों से नि:शुल्क खून देना है. लेकिन, शिकायत आयी है कि करीब 65 ब्लड सेंटर हैं, जो ऐसे मरीज को खून नहीं दे रहे हैं. इसके मद्देनजर संबंधित ब्लड सेंटरों की जांच करायी जा रही है. जांच में सही पाया गया, तो नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर