28.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 03:09 pm
28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

आनंद मोहन की रिहाई का बिहार में चुनावों पर क्या असर पड़ेगा? जानिए सियासी इतिहास और आगे की संभावना

Advertisement

Anand Mohan News: बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन को रिहा कर दिया गया और अब वो बिहार की सियासत के हॉट केक बन गए हैं. आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सूबे की सियासत क्यों गर्म है और आनंद मोहन आगामी चुनावों में क्या असर दिखा सकते हैं जानिए सियासी सफर के बारे में..

Audio Book

ऑडियो सुनें

Anand Mohan News: गोपालगंज के तात्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड को लेकर बीते 16 साल से मंडल कारा सहरसा में उम्र कैद की सजा काट रहे बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन को गुरुवार सुबह रिहा कर दिए गए. जेल नियामावली में संशोधन किया गया और इसका लाभ देते हुए पूर्व सांसद आनंद मोहन को रिहा कर दिया गया. वहीं आनंद मोहन को लेकर अभी सूबे की सियासत गरमायी हुई है. इसके पीछे की वजह जानने के लिए आनंद मोहन का सियासी सफर जानना जरूरी है.

अगड़ी जाति के बड़े नेता रहे आनंद मोहन

आनंद मोहन बिहार में अगड़ी जाति के बड़े नेता के रूप में जाने जाते रहे. विशेषकर राजपूत बिरादरी में उनकी काफी लोकप्रियता है. जेल से रिहा होने के बाद इस वर्ग में उनके लिए समर्थन और खुशी सोशल मीडिया पर भी देखी जा रही है. बता दें कि आनंद मोहन को लेकर सियासी गरमी यूं ही नहीं है. रिहाई के पहले भी सभी दलों के नेता एकमत दिखे थे. वहीं सियासी वजह ही है कि आनंद मोहन की रिहाई पर खुलकर कोई दल विरोध नहीं जता सके.

Also Read: आनंद मोहन के लिए उमड़ी भीड़ काले शीशे वाली गाड़ी को देखकर क्यों हुई हैरान, मंच पर क्या हुआ? जानिए
बिहार में राजपूत वोटरों की तादाद..

बिहार में राजपूत वोटर्स की आबादी छह से सात प्रतिशत है. सूबे में 30 से 35 विधानसभा सीटों और छह से सात लोकसभा सीटों पर राजपूत वोटर्स निर्णायक स्थिति में हैं. लेकिन पहले के परिदृश्य से वर्तमान का दौर बदल चुका है. इसलिए पहले की तुलना अब के दौर में करना गलत होगा. पहले आनंद मोहन लालू यादव के कड़े विरोधी रहे. अब राजद की टिकट पर उनके पुत्र विधायक हैं व पत्नी चुनाव लड़ चुकी हैं. हालाकि आनंद मोहन सियासत में इस कदर अपनी पकड़ रखते हैं कि अभी आनंद मोहन का अगला कदम क्या होगा इसी पर आमलोगों व समर्थकों की नजर भी टिकी है.

कांग्रेस के कद्दावर नेता लहटन प्रसाद चौधरी को हराया

स्वतंत्रता सेनानियों से भरे परिवार में पंचगछिया में जन्मे आनंद मोहन के दादा रामबहादुर सिंह एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे. 17 साल की उम्र में सक्रिय राजनीति में आनंद मोहन कूदे थे. जेपी आंदोलन में दो साल की सजा काटकर चर्चित युवा नेता बन गए. 1990 में सहरसा के महिषी विधानसभा सीट से कांग्रेस के कद्दावर नेता लहटन प्रसाद चौधरी को जनता दल के टिकट पर हरा दिया.बिहार के मुख्यमंत्री तब लालू यादव थे और आनंद मेाहन उनके बड़े विरोधी बने.

तब लालू यादव के घोर विरोधी रहे

बिहार में जब नब्बे के दशक में जातिवाद चरम पर था और अपनी-अपनी जाति को लेकर नेता खुलकर बोलते थे तब लालू यादव के घोर विरोधी बने आनंद मोहन ने बिहार पीपल्स पार्टी की स्थापना की. उस समय के दौर में वे निर्विरोध अगड़ी जाति के नेता बन गये.

जेल में रहकर लोकसभा चुनाव जीते

अगड़ी जातियों में आनंद मोहन की धमक का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 1996 में जेल में रहते हुए ही आनंद मोहन ने शिवहर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. दो साल बाद जब 1998 में फिर से चुनाव हआ. लगातार दूसरी बार आनंद मोहन शिवहर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गये. एक बाहुबली के रूप में उन्हें जाना गया. आनंद मोहन पर हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती, दबंगई समेत दर्जनों मामले दर्ज हुए.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें