Mirzapur Haunted Place: आज के समय में लोग भूत-प्रेत जैसी बातों पर विश्वास नहीं करते हैं. लेकिन हम सब के बीच एक ऐसी शक्ति रहती है, जिसे देखा नहीं जा सकता, लेकिन महसूस जरुर किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश में कई ऐसी जगह है, जहां भूत-प्रेत से पीड़ित लोग आते हैं. इन्हीं जगहों में से एक है यूपी का मिर्जापुर जिला. यहां दूर-दूर से भूत-प्रेत के शिकार लोग आते हैं. आइए जानते हैं मिर्जापुर की भूतिया जगह के बारे में.
यूपी का मिर्जापुर जिला अपने आप में मशहूर है. मिर्जापुर से करीब 70 किलो मीटर दूर बरही गांव के अहरौरा बेचू वीर बाबा दरगाह है. जहां हर रोज भूतों का मेला लगता है. जी हां आपने सही सुना. इस जगह पर भूत-प्रेत के शिकार लोग आते हैं. इसमें सबसे ज्यादा बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ से लोग भूत प्रेत से मुक्ति पाने के लिए आते हैं. बेचू वीर बाबा के बारे में मान्यता है कि जो भी लोग बुरी आत्माओं से परेशान रहते हैं वह यहां आते हैं. बाबा के दर्शन मात्र से ही यहां भूत खेलन और हंसते लगे हैं. जिसके शरीर में भूत रहता है वह भाग जाता है.
![मिर्जापुर में लगता है भूतों का मेला, बिहार और झारखंड के लोग यहां आते हैं आत्माओं से मुक्ति पाने 1 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2023-04/cf3d87bf-02df-4533-a266-28bcc109188d/528d6736-c893-4162-b283-f4954f57ba69.jpg)
मिर्जापुर अहरौरा में बेचू वीर बाबा (Bechu beer Baba Ahraura) का दरगाह है. यह दरगाह यूपी के सबसे मशहूर दरगाहों में से एक है. बताया जाता है यहां 300 साल से भूतों का मेला लग रहा है. यहां दूर-दूर से लोग भूत-प्रेत जैसी बाधाओं से निजात पाने के लिए बेचू वीर बाबा दरगाह आते हैं.
![मिर्जापुर में लगता है भूतों का मेला, बिहार और झारखंड के लोग यहां आते हैं आत्माओं से मुक्ति पाने 2 Undefined](https://cdnimg.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2023-04/bab67e06-aab2-4e58-932b-c2eef0d819b4/ac32945f-fbed-4e00-8a52-b4bf7a015933.jpg)
मिर्जापुर जिला के बेचू वीर बाबा की कहानी बहुत ही ज्यादा मशहूर है. कहा जाता है बेचू वीर बाबा (Bechu beer Baba Dargah) भगवान शिव के भक्त थे. उन पर एक शेर ने हमला कर दिया. इस दौरान बेचू वीर बाबा घायल हो गए. घायल अवस्था में उन्होंने अपने इष्ट देव को याद किए. जहां आकाशवाणी हुई कि जिस शेर ने उनपर हमला किया था वह कोई साधारण शेर नहीं था. वह खुद भगवान शिव थे. इसके बाद वह अपने घर पहुंचे. और लोगों से कहा मेरे मरने के बाद मेरी समाधी स्थल बनाकर और जो जो भी मेरा पूजा करेगा सबका कल्याण होगा.