15.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 10:11 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

ताज कॉरिडोर घोटाले में मायावती की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, CBI को मिली पहली अभियोजन स्वीकृति, 22 मई को सुनवाई

Advertisement

ताज कॉरिडोर घोटाले मामले की जांच कर रही सीबीआई को एनपीसीसी के तत्कालीन एजीएम महेंद्र शर्मा के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल गई है. इसे बेहद अहम माना जा रहा है. इसके बाद अब बसपा सुप्रीमो मायावती और उनकी सरकार में मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Lucknow: यूपी के बहुचर्चित ताज कॉरिडोर घोटाले मामले में बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इसके साथ ही एक वक्त में उनके बेहद करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर भी शिकंजा कस सकता है.

- Advertisement -

बेहद अहम मानी जा रही अभियोजन की स्वीकृति

मामले की जांच कर रही सीबीआई को नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी) के तत्कालीन एजीएम महेंद्र शर्मा के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल गई है. महेंद्र शर्मा रिटायर्ड हो चुके हैं, इस केस में यह पहली अभियोजन स्वीकृति है. अब 22 मई को विशेष जज (एंटी करप्शन) सीबीआई पश्चिम के कोर्ट में इसकी सुनवाई होगी. ताज कॉरिडोर घोटाले मामले में इस अभियोजन की स्वीकृति बेहद अहम मानी जा रही है.

कोर्ट के सामने रखी जाएगी पूरी जानकारी

अब इसके बाद सीबीआई कोर्ट के सामने अभियोजन स्वीकृति से जुड़े दस्तावेज, सुप्रीम कोर्ट में लंबित एसएलपी के वर्तमान स्टेटस की जानकारी देगी. इसके साथ ही आने वाले दिनों में बसपा सुप्रीमो मायावती और उनकी सरकार में मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर भी कानूनी शिकंजा कस सकता है. मायावती पहले भी कई बार इस मामले में सियासत होने का आरोप लगाती रही हैं. कांग्रेस से लेकर भाजपा सरकार उनके निशाने पर रही है.

एनपीसीसी को दिया गया था कॉरिडोर विकसित करने का जिम्मा

दरअसल इस मामले के पैरवी कर रहे अफसर अमित कुमार ने 28 नवंबर 2022 को नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड को पत्र भेजकर तत्कालीन एजीएम महेंद्र शर्मा के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी. मायावती सरकार में एनपीसीसी को ही कॉरिडोर विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई थी. इसलिए जांच को दिशा देने और तथ्य सामने लाने के लिए उसके अधिकारी पर मामला दर्ज करने की मांग की गई थी. इसकी मंजूरी मिलने के बाद अब केस से जुड़े एक अन्य अभियुक्त मेसर्स इश्वाकू इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एमडी कमल राधू पर भी मुकदमा चलने की बात कही जा रही है.

Also Read: UP Board 10th Result 2023: यूपी बोर्ड 10वीं में पिछली बार 88.82 प्रतिशत था रिजल्ट, इस बार टूटेगा रिकार्ड?
2002 में मायावती सरकार में हुई थी ताज कॉरिडोर प्रोजेक्ट की शुरुआत

दरअसल वर्ष 2002 में उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती की सरकार में ताजमहल के आसपास के इलाके को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की परियोजना की शुरुआत की गई थी. यह करीब 175 करोड़ रुपये का प्रॉजेक्ट था. हालांकि, इसके लिए केवल 17 करोड़ रुपये ही जारी किए गए. परियोजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद जांच के आदेश दिए गए. वहीं सीबीआई ने मामले की जांच के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती और सरकार से संबंधित अन्य आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया था.

तत्कालीन राज्यपाल के स्वीकृति नहीं देने के कारण लटका था मामला

खास बात है कि इस प्रकरण में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती, उनके करीबी और सरकार के मंत्री नसीमुद्दीन सिद्धीकी (वर्तमान में कांग्रेस नेता) के खिलाफ तत्कालीन राज्यपाल टीवी राजेश्वर ने वर्ष 2007 में अभियोजन स्वीकृति देने से इनकार कर दिया था. इसके चलते मामला लटक गया था. इसी तरह तत्कालीन प्रमुख सचिव, पर्यावरण आरके शर्मा और सचिव राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ भी अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण कोर्ट ने 9 मार्च 2009 को प्रोसिडिंग ड्रॉप कर दी थी.

हाई कोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट दायर की गई एसएलपी

इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की गई. हालांकि, उच्च न्यायालय ने भी निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया. इसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी, जहां एसएलपी अभी भी लंबित है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें