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चारधाम यात्रा के दौरान क्यों हो रही है मौत ? पहले दिन दो लोगों की गयी जान

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खबरों की मानें तो यात्रा मार्गों पर पचास ऐसे "चिकित्सा जांच बिंदु" स्थापित किये गये हैं. हालांकि किसी तीर्थयात्री को यहां नहीं रोका जा रहा है. जानें दो तीर्थयात्रियों की मौत की वजह

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चारधाम यात्रा शुरू होने के साथ ही दो तीर्थत्रियों की मौत की खबर आयी. जानकारी के अनुसार गंगोत्री और यमुनोत्री के खुलने के साथ चार धाम यात्रा शुरू होने के दिन शनिवार को यमुनोत्री में दिल का दौरा पड़ने से गुजरात के 62 वर्षीय शख्स की मौत हो गयी जबकि मध्य प्रदेश के 49 वर्षीय शख्स की मौत की खबर आयी. दोनों चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे थे.

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किनकी हुई मौत

बताया जा रहा है कि गुजरात के रहने वाले 62 वर्षीय कनक सिंह को जानकी चट्टी से यमुनोत्री मंदिर तक 6 किलोमीटर के ट्रेक मार्ग पर दिल का दौरा पड़ा. अधिकारियों ने इस संबंध में बताया कि सिंह को पहले से दिल की बीमारी थी और उनकी बाइपास सर्जरी भी हुई थी. वहीं, मध्य प्रदेश के 49 वर्षीय दिनेश पाटीदार को पहले से कोई बीमारी नहीं थी. स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, उन्हें दिल का दौरा पड़ा और शनिवार को अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गयी.

पिछले साल 300 की मौत

चार धाम तीर्थ यात्रा के पहले दिन हुई मौत ने चिंता बढ़ा दी है. साथ ही यात्रा के पहले ही दिन हुई मौतों ने तीर्थयात्रियों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. पिछले साल छह-मोंग-लंबी यात्रा के दौरान 300 से अधिक तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गयी थी. इनमें से अधिकांश की मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट थी. स्वास्थ्य विभाग ने इस साल सावधानी बरतने का दावा किया था जो खोखला साबित होता नजर आ रहा है.

“चिकित्सा जांच बिंदु” स्थापित किये गये

चार धाम यात्रा को लेकर एक स्क्रीनिंग मैक्निज्म बनायी गयी थी जिसमें 55 साल से अधिक आयु के तीर्थयात्रियों को अपने स्वास्थ्य का इतिहास बताना था. जैसे मधुमेह, बीपी आदि जैसी जीवन शैली की बीमारियों का विवरण तीर्थयात्रियों को देना था. खबरों की मानें तो यात्रा मार्गों पर पचास ऐसे “चिकित्सा जांच बिंदु” स्थापित किये गये हैं. हालांकि किसी तीर्थयात्री को यहां नहीं रोका जा रहा है.

अपने जोखिम पर जा रहे हैं यात्री!

स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि तीर्थयात्री जिनकी उम्र 55 से अधिक है और जिन्हें पहले से कोई बीमारी है, उन्हें “यात्रा से दूर रहने की सलाह दी गयी है, खासकर अगर उनमें पहले से मौजूद बीमारी के लक्षण दिखें. हालांकि, चेतावनी के बावजूद, अधिकांश तीर्थयात्री स्वास्थ्य पत्र पर साइन करके आगे बढ़ जा रहे हैं, यह घोषणा करते हुए कि वे अपने जोखिम पर जा रहे हैं.

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