18.1 C
Ranchi
Saturday, February 22, 2025 | 11:36 pm
18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बंगाल सरकार का आरोप, मिड डे मील योजना को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट ‘एकतरफा’

Advertisement

समिति ने कहा कि पश्चिम बंगाल में स्थानीय प्रशासन ने पिछले साल अप्रैल से सितंबर तक 100 करोड़ रुपये से अधिक लागत में लगभग 16 करोड़ मध्याह्न भोजन थालियां परोसने की जानकारी दी थी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की समिति की उस रिपोर्ट को “एकतरफा” बताते हुए बुधवार को खारिज कर दिया, जिसमें “विभिन्न स्तरों पर परोसे जाने वाले भोजन के संबंध में प्रस्तुत सूचना में गंभीर विसंगतियां” पाये जाने की बात कही गयी है. राज्य सरकार का कहना है कि इस रिपोर्ट में राज्य के विचारों को जगह नहीं दी गयी है और इसमें दिये गये आंकड़ों के “सत्यापन की जरूरत” है. शिक्षा मंत्रालय (एमओई) ने अनियमितताओं की शिकायतों के बाद पश्चिम बंगाल में केंद्र प्रायोजित योजना ‘पीएम पोषण’ के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए जनवरी में ‘संयुक्त समीक्षा मिशन’ (जेआरएम) का गठन किया था.

समिति ने कहा कि पश्चिम बंगाल में स्थानीय प्रशासन ने पिछले साल अप्रैल से सितंबर तक 100 करोड़ रुपये से अधिक लागत में लगभग 16 करोड़ मध्याह्न भोजन थालियां परोसने की जानकारी दी थी. समिति ने अग्नि पीड़ितों को मुआवजे का भुगतान करने के लिए मध्यान भोजन योजना के लिए आवंटित धन के उपयोग, खाद्यान्नों के दोषपूर्ण आवंटन, चावल, दाल और सब्जियां “निर्धारित मात्रा” से 70 प्रतिशत तक कम बार पकाने और खराब हो चुकी वस्तुओं के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाए.

रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा कि संयुक्त समीक्षा मिशन (जेआरएम) ने राज्य की मध्याह्न भोजन योजना के परियोजना निदेशक के हस्ताक्षर के बिना रिपोर्ट प्रस्तुत की, जो राज्य सरकार के प्रतिनिधि हैं. श्री बसु ने एक बयान में कहा, “इसलिए, अगर रिपोर्ट को उनके विचारों या सुझावों के लिए उनके साथ साझा नहीं किया गया है, तो संयुक्त समीक्षा समिति में ””संयुक्त”” का क्या मतलब रह गया है? इसलिए यह स्पष्ट है कि राज्य के विचारों को शामिल नहीं किया गया है.

Also Read: पंचायत चुनाव के पहले योजनाओं की समीक्षा करेंगी सीएम ममता बनर्जी, 26 अप्रैल को करेंगी प्रशासनिक बैठक

जेआरएम के अध्यक्ष को हम पहले ही विरोधस्वरूप पत्र लिख चुके हैं, जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.” श्री बसु ने सवाल किया कि अगर राज्य सरकार के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है तो यह ””लुका-छिपी”” क्यों? उन्होंने कहा कि मीडिया में जो आंकड़े सामने आये हैं, उन्हें सत्यापित करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, “यह देखना होगा कि क्या जेआरएम रिपोर्ट में वास्तविक तथ्य दर्शाए गये हैं और क्या विसंगतियों के संबंध में राज्य सरकार के विचारों को शामिल किया गया है?”

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें