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Jharkhand: संजय तिवारी की फर्जी कोविड रिपोर्ट तैयार करने वाले गिरफ्तार, पुलिस को मिली कई अहम जानकारी

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प्रिय रंजन ने पूछताछ में बताया है कि वह संजय तिवारी को नहीं जानता था. लेकिन, अमरदीप के कहने पर ही उसने संजय तिवारी की फर्जी कोविड रिपोर्ट तैयार की थी. इसके लिए उसने 7000 रुपये लिये थे.

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मिड डे मिल घोटाले के आरोपी और इडी की नजर में फरार चल रहे संजय तिवारी की फर्जी कोविड रिपोर्ट तैयार करने के आरोप में बरियातू पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपियों के नाम प्रिय रंजन और अमरदीप हैं. दोनों रिश्ते में भाई हैं और वर्तमान में लोअर बाजार थाना क्षेत्र के पत्थलकुदवा में रहते हैं. दोनों की गिरफ्तारी रिम्स से की गयी है. अमरदीप, संजय तिवारी का स्टाफ है और उसके घर में देखरेख का काम करता था.

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जबकि, प्रियरंजन रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत डाटा ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था. प्रिय रंजन ने पूछताछ में बताया है कि वह संजय तिवारी को नहीं जानता था. लेकिन, अमरदीप के कहने पर ही उसने संजय तिवारी की फर्जी कोविड रिपोर्ट तैयार की थी. इसके लिए उसने 7000 रुपये लिये थे. पुलिस ने अमरदीप से यह भी पूछा का कि संजय तिवारी फरार होने के बाद कहां छिपा हुआ है? हालांकि, उसने संजय तिवारी के बारे किसी प्रकार की जानकारी होने से इनकार किया है.

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इधर, प्रिय रंजन ने पुलिस को बताया है कि उसने एतवा टोप्पो के डाटा को आइसीएमआर के पोर्टल पर अपलोड कर उसे ही डाउनलोड कर रिपोर्ट बनायी थी. रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव होने की बनायी गयी थी, ताकि संजय तिवारी को फायदा पहुंचाया जा सके. उल्लेखनीय है कि इसी फर्जी रिपोर्ट को संजय तिवारी ने कोर्ट में भी प्रस्तुत किया था. मामला संज्ञान में आने के बाद 31 मार्च को रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक की शिकायत पर बरियातू थाना में केस दर्ज किया गया था. अनुसंधान में आये तथ्यों के आधार पर पुलिस ने छापेमारी शुरू की. इस बीच पुलिस को जानकारी मिली कि प्रिय रंजन ने मिलने के लिए अमरदीप भी रिम्स पहुंचा है. इसके बाद पुलिस ने छापेमारी करके कार्रवाई की.

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