20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

जामिया हिंसा केस में शारजील इमाम सहित 9 आरोपियों को दिल्ली HC से झटका, ट्रायल कोर्ट के आदेश को पलटा

Advertisement

जामिया हिंसा डिस्चार्ज केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को आंशिक रूप से पलट दिया है. इस मामले में अब शामिल सफूरा जरगर, शारजील इमाम सहित 11 आरोपियों में से 9 पर दंगा, गैरकानूनी विधानसभा, लोक सेवकों को बाधित करने और अन्य धाराओं से संबंधित धाराओं के तहत आरोप का सामना करना पड़ेगा.

Audio Book

ऑडियो सुनें

जामिया हिंसा डिस्चार्ज केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को आंशिक रूप से पलट दिया है. इस मामले में अब शामिल सफूरा जरगर, शारजील इमाम सहित 11 आरोपियों में से 9 पर दंगा, गैरकानूनी विधानसभा, लोक सेवकों को बाधित करने और अन्य धाराओं से संबंधित धाराओं के तहत आरोप का सामना करना पड़ेगा. जाहिर है दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2019 के इस केस में शरजील इमाम, आसिफ इकबाल तन्हा एवं 7 अन्य को बरी किए जाने के आदेश को रद्द कर दिया है.

- Advertisement -

दिल्ली हाईकोर्ट ने आंशिक रूप से रद्द किया मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने आसिफ इकबाल तन्हा और सफूरा जरगर सहित 11 लोगों को बरी करने के सुनवाई अदालत के आदेश को मंगलवार को आंशिक रूप से रद्द कर दिया तथा उनके खिलाफ नए आरोप तय करने का आदेश दिया है. उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया इमाम, तन्हा और जरगर सहित 11 आरोपियों में से नौ के खिलाफ दंगा करने एवं अवैध रूप से इकट्ठा होने का आरोप बनता है.

कोर्ट ने कही यह बात: दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार से इनकार नहीं है, लेकिन यह अदालत अपने कर्तव्य को लेकर जागरूक है और इस मुद्दे में इस तरह से फैसला करने की कोशिश की है. शांतिपूर्ण तरीके से एकत्र होने का अधिकार शर्तों के अधीन है. किसी को भी हिंसक गतिविधि में शामिल होने और हिंसापूर्ण भाषणों के लिए संरक्षण नहीं मिल सकता है.

क्या है पूरा मामला: बता दें, यह मामला दिसंबर 2019 का है. दरअसल जामिया नगर इलाके में संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे लोगों और दिल्ली पुलिस के बीच झड़प हुई थी. इस दौरान हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया गया था. इससे पहले सुनवाई अदालत ने चार फरवरी के अपने आदेश में सभी 11 आरोपियों को बरी कर दिया था. कोर्ट ने उन्हें पुलिस का बनाया आरोपी करार दिया था.

भाषा इनपुट के साथ

Also Read: उत्तर कोरिया: 2 लाख लोग घरों में कैद, पूरा शहर सील, कारण जानकर चौंक जाएंगे आप

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें