29.1 C
Ranchi
Tuesday, February 11, 2025 | 02:39 pm
29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

अलीगढ़ के JN मेडिकल कॉलेज में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होगा फेफड़ों का इलाज, US में चल रही स्टडी

Advertisement

अलीगढ़ में जेएन मेडिकल कॉलेज के टीवी और चेस्ट विभाग के साथ रेडियो डायग्नोसिस विभाग अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर से फेफड़ों की बीमारी का इलाज करेगा. यूएस मायो क्लीनिकल कॉलेज के साथ एआई सॉफ्टवेयर पर अध्ययन और ट्रायल कर रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जेएन मेडिकल कॉलेज के टीवी और चेस्ट विभाग के साथ रेडियो डायग्नोसिस विभाग अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर से फेफड़ों की बीमारी का इलाज करेगा. यूएस की मेडिकल कॉलेज के साथ सॉफ्टवेयर पर काम चल रहा है. जिसके तहत 50 मरीजों पर ट्रायल बेस शामिल किया गया है. जेएन मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मोहम्मद शमीम और रेडियो डायग्नोस्टिक डिपार्टमेंट के चिकित्सकों की टीम यूएस मायो क्लीनिकल कॉलेज के साथ एआई सॉफ्टवेयर पर अध्ययन और ट्रायल कर रही है.

यूएस मायो क्लीनिकल कॉलेज के साथ चल रही है स्टडी

मेडिकल कॉलेज में 50 मरीजों का डाटा सॉफ्टवेयर में अपलोड किया है. जिसके आधार पर तुलनात्मक अध्ययन किया जा रहा है. ट्रायल बेस में अभी फेफड़ों से जुड़ी दो बीमारी ली गई है. जिसमें सीना सही ढंग से न फूलना (IPF) और लंग में हवा का सही से एक्सचेंज न हो पाना (NSIP) शामिल है. टीवी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मोहम्मद शमीम और उनकी चिकित्सकों की टीम का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर से उपचार करने से अमेरिका में बेहतर रिजल्ट आ रहे हैं.

सॉफ्टवेयर खरीद कर मरीजों का किया जाएगा उपचार

रेडियो डायग्नोसिस डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर सैफुल्लाह खालिद कहते हैं कि जेएन मेडिकल कॉलेज में एआई सॉफ्टवेयर से ट्रायल स्टडी की जा रही है. जिसमें बेहतर रिजल्ट आये, तो सॉफ्टवेयर खरीद कर मरीजों का उपचार किया जाएगा. अभी तक किसी मरीज के लंग्स में डायग्नोस के लिए सिटी स्कैन समेत अन्य जांच की सहायता ली जाती है. उसके बाद चिकित्सकों का पैनल रिपोर्ट देखता है. जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की टीम ने स्टडी व सॉफ्टवेयर की परख के लिए अभी 50 मरीजों का डाटा अपलोड किया है. देखा जाए तो स्टडी लगभग पूरी होने को है. स्टडी की रिपोर्ट सही आई तो सॉफ्टवेयर खरीद कर इलाज किया जाएगा.

Also Read: अलीगढ़ में बसपा नेता हाजी जहीर की मीट फैक्टरी पर आयकर विभाग का छापा, दुबई कनेक्शन की जांच, तीन लोग हिरासत में
यूं काम करता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट या फिर मनुष्य की तरह इंटेलिजेंट तरीके से सोचने वाला सॉफ्टवेयर बनाने का एक तरीका है. जो मानव मस्तिक जैसा सोचता है और समस्या को हल करते समय सिखाता है. कैसे निर्णय लेते हैं और कैसे काम करते हैं. यह एआई के जरिए जान सकते है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तीन प्रकार का होता है पहला WEAK AI, दूसरा STRONG AI और तीसरा SUPER AI है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जान मैंकार्थी है.

इनपुट- आलोक अलीगढ़

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें