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बिहार सरकार अस्थायी और नियोजित महिला कर्मचारियों से भी देगी विशेष अवकाश! सुशील मोदी ने कही बड़ी बात..

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बिहार विधानसभा में पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि संविदा पर नियुक्त डेढ़ लाख महिला कर्मचारियों और 60 हजार से ज्यादा आशा को माहवारी के दौरान मिलने वाले दो दिन के विशेष अवकाश को बंद करने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है.

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बिहार विधानसभा में पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि संविदा पर नियुक्त डेढ़ लाख महिला कर्मचारियों और 60 हजार से ज्यादा आशा को माहवारी के दौरान मिलने वाले दो दिन के विशेष अवकाश को बंद करने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए. श्री मोदी ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां महिला कर्मचारियों की पीड़ा को ध्यान में रख कर उन्हें हर महीने दो दिन का विशेष अवकाश देने की व्यवस्था की गयी थी. लालू-राबड़ी सरकार की इस नेक पहल को एनडीए सरकार ने भी जारी रखा, जबकि महागठबंधन बनने के मात्र छह माह बाद दो लाख से ज्यादा अस्थायी और नियोजित महिला कर्मचारियों को विशेष अवकाश की राहत से वंचित किया जा रहा है.

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सुशील मोदी ने कहा कि 10 मार्च, 2023 को सामान्य प्रशासन की ओर से जारी आदेश विशेष अवकाश की सुविधा को केवल स्थायी महिला कर्मचारियों तक सीमित करता है. उन्होंने कहा कि माहवारी के दिनों की परेशानी जब हर महिला समान रूप से झेलती है, तब महिला-महिला में स्थायी और अस्थायी नौकरी के आधार पर भेद करना उचित नहीं है. सामान्य प्रशासन सीधे मुख्यमंत्री के अधीन है, इसलिए उन्हें अपने विभाग के महिला विरोधी आदेश को तुरंत निरस्त कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार की एनडीए सरकार ने महिलाओं को पंचायत चुनाव में 50 फीसदी और सरकारी नौकरी में 35 फीसदी आरक्षण देकर महिलाओं का सशक्तीकरण किया, जबकि महागठबंधन सरकार का विशेष अवकाश रद्द करने वाला आदेश उन्हें पीड़ित और निराश करने वाला है.

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गौरतलब है कि कई कर्मचारी संघों के द्वारा लंबे समय से अस्थायी और नियोजित महिला कर्मचारियों से भी विशेष अवकाश देने की मांग की जा रही थी. हालांकि, अभी इस बारे में सरकार के द्वारा अपना रूख साफ नहीं किया गया है.

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