17.1 C
Ranchi
Monday, February 24, 2025 | 12:12 am
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Barhiya Rasgulla: रसगुल्ले के शहर के नाम से जाना जाता है बिहार का यह शहर, कोलकाता को देता है सीधी टक्कर…

Advertisement

Barhiya Rasgulla रसगुल्ले हल्के होते हैं. क्योंकि रसगुल्ले में प्रयोग होने वाले छेना को भरपूर फेंटा जाता हैं. इसके कारण यह काफी हल्का और मुलायम हो जाता है. पतली चाशनी और बिना मैदा के इसे बनाया जाता है, जो इसे और लाजवाब बना देता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

गंगा नदी के तट पर बसे व मां जगदंबा के आशीर्वाद से आच्छादित लखीसराय जिले का बड़हिया दशकों से लोगों के जीवन में अपनी लजीज मिठाई की मिठास के लिए जाना जाता है.बड़हिया का नाम आते ही लोगों के मन रसगुल्ले की तस्वीर उभरने लगती है और मुंह में पानी आ जाता है.जैसे फलों का राजा आम है,वैसे ही रसगुल्ला को मिठाई का राजा भी कहा जाता है.वैसे तो रसगुल्ला के नाम से कोलकाता प्रसिद्ध है,लेकिन बड़हिया का रसगुल्ला भी अपने अलहदा स्वाद के मामले में उसे सीधी टक्कर देने की क्षमता रखता है.इसलिए इसे रसगुल्ले की नगरी भी कहा जाये तो अतिश्योक्ति नहीं होगी.यहां के रसगुल्ले की डिमांड बिहार के साथ-साथ निकटवर्ती राज्यों में भी भरपूर है.

रसगुल्ले की नगरी

इसलिए बिहार के लखीसराय जिले का यह छोटा कस्बा रसगुल्ले की नगरी के नाम से भी जाना जाता है.बड़हिया में अमूमन हर तरह के रसगुल्ले तैयार किये जाते हैं, लेकिन उन सभी में एटम बम नाम का रसगुल्ला काफी प्रसिद्ध है. इस रसगुल्ले का आकार ऐसा है कि कोई आम आदमी एक खाने के बाद दूसरा खाने के लिए साहस नहीं जुटा पाता है. स्वाद ऐसा खालिस कि और खाने का मन भी करे. खास बात यह कि आज भी यहां 130 से 200 रुपये किलो रसगुल्ला मिल रहा है. यहां के रसगुल्ले शुद्ध छेना,पतली चाशनी और बिना मैदे के तैयार किये जाते हैं. इसके अलावा अन्य प्रकार की भी मिठाइयां बनायी जाती हैं.जैसे- गुड़ की चाशनी से सराबोर रसगुल्ला,रसमलाई, काला जामुन, क्रीम चॉप मिठाई आदि.

रसगुल्ला बनाने की विधि

रसगुल्ले को तैयार करनेवाले कारीगर अनिल बताते है कि यहां दूध दियारा इलाके या आसपास के क्षेत्रों से लाया जाता है. वे लोग उसी से छेना निकालते हैं. यहां के रसगुल्ले हल्के होते हैं. इसके पीछे वजह यह है कि छेना को भरपूर फेंटा लगाते हैं. इसके कारण वह काफी हल्का और मुलायम हो जाता है. पतली चाशनी और बिना मैदा के इसे बनाया जाता है, जो इसे और लाजवाब बना देता है.

सस्ता है यहां का रसगुल्ला

बड़हिया में पिछले 28 वर्षों से मां शीतला मिष्ठान भंडार का संचालन कर रहे अमित कुमार ने बताया कि यहां भरपूर मात्रा में दूध की उपलब्धता है. डेयरी की जगह किसान खुद यहां दूध पहुंचा जाते हैं. इससे अच्छा दूध कम कीमत में मिल जाता है. इसके अलावा चाशनी का भी कम इस्तेमाल किया जाता है.

ढाई हजार लोगों को मिला है रोजगार

यहां रसगुल्ले की लगभग 50 से भी अधिक दुकानें हैं, जहां प्रत्येक दिन लगभग एक से दो क्विंटल मिठाई की बिक्री होती है. इसे बनाने के लिए कारीगर और मजदूर भी लगते हैं. यहां एक दुकान में लगभग 20 से 25 लोग काम करते हैं.इस हिसाब से देखें,तो लगभग दो से ढाई हजार लोगों का घर रसगुल्ले के व्यापार से चल रहा है. कई किसान भी अपने दूध की बिक्री स्थानीय बाजार में करके अपना रोजगार चला रहे हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें