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बिहार में पैक्स बेचेंगी बीमा पॉलिसी, ट्रेन व प्लेन टिकट और बनायेंगी आधार-पैन; जानिए और क्या सुविधाएं मिलेंगी

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पैक्स तीन स्तरीय अल्पकालिक सहकारी ऋण ढांचा (एसटीसीसी) के सबसे निचले स्तर पर है. यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण है. राज्य सहकारी बैंक (एससीबी) और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) को पहले ही नाबार्ड ने स्वचालित बना दिया है.

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प्राथमिक कृषि साख समितियां (पैक्स), अब कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा दी जाने वाली सारी सेवाएं आमलोगों को उपलब्ध करायेंगी, यानी पैक्स अब बीमा पॉलिसी और ट्रेन-प्लेन की टिकट बेचेंगी. वहीं, आधार और पैनकार्ड भी बनायेंगी. इसके लिए सहकारिता मंत्रालय, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी के बीच हुआ समझौता हुआ है. समझौते के अनुसार पैक्स अब सीएससी के रूप में काम कर सकेंगी. इसके साथ ही आने वाले दिनों में राज्य के करीब आठ हजार पैक्स अपने सदस्यों समेत ग्रामीण आबादी को सीएससी पर मिलने वाली सेवाएं उपलब्ध करवायेंगी. इसके लिए पैक्स का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है.

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2500 पैक्स का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा

बिहार में पहले चरण में 2500 पैक्स का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार ने फंड की भी व्यवस्था की है. पैक्स के कंप्यूटरीकरण के लिए केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना के तहत विकसित किये जा रहे राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके पैक्स सीएससी के रूप में काम कर सकेंगी.

पैक्स एसटीसीसी के सबसे निचले स्तर पर

पैक्स तीन स्तरीय अल्पकालिक सहकारी ऋण ढांचा (एसटीसीसी) के सबसे निचले स्तर पर है. यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण है. राज्य सहकारी बैंक (एससीबी) और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) को पहले ही नाबार्ड ने स्वचालित बना दिया है. पैक्स भी कॉमन बैंकिंग सॉफ्टवेयर (सीबीएस) प्लेटफाॅर्म पर होंगी. रोजाना के कार्यों में एक सामान्य लेखा प्रणाली लागू की जायेगी. पैक्स के मैन्युअल होने से इनमें अक्षमता और विश्वास की कमी है. यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटलीकरण में सुधार के अलावा बैंकिंग गतिविधियों के साथ-साथ गैर-बैंकिंग गतिविधियों के आउटलेट के रूप में पैक्स की पहुंच में सुधार करने में मदद करेगी.

पैक्स एक ही प्लेटफाॅर्म से इन सुविधाओं को दिलाने में करेंगी मदद

अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक ऋण, उर्वरक और कीटनाशक वितरण, बीज वितरण, मत्स्यपालन, डेयरी, मुर्गीपालन गतिविधियां, कृषि मशीनरी , कृषि उपकरण, कस्टम हायरिंग सेंटर, फूलों की खेती, मधुमक्खीपालन, मछली – झींगा खेती, चिकन, भेड़, बकरी, सुअरपालन, रेशम उत्पादन, दुग्ध उत्पादन, खाद्यान्न की खरीद, संग्रह, ग्रेडिंग, सफाई – पैकेजिंग से संबंधित गतिविधियां, कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन, कृषि उत्पाद प्रसंस्करण, भंडारण सुविधा (वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज), सामुदायिक केंद्र, अस्पताल, शिक्षा, उचित मूल्य की दुकानें, पेट्रो पदार्थों की डीलरशिप, बैंक मित्र , व्यावसायिक पत्राचार, बीमा सुविधा, कॉमन सर्विस सेंटर – डेटा सेंटर लॉकर सुविधा आदि.

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