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Union Budget 2023: यशवंत सिन्हा ने तोड़ी थी 53 साल पुरानी परंपरा, पहली बार सुबह में पेश किया था बजट

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एक फरवरी, 2023 को आम बजट पेश होना है. सबकी निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर टिकी है. बजट को लेकर कई यादें झारखंड से भी जुड़ी हैं. हजारीबाग के पूर्व सांसद यशवंत सिन्हा वित्त मंत्री रहते हुए पहली बार बजट पेश करने के समय में परिवर्तन करते हुए 1999 में सुबह में बजट पेश किया था.

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Union Budget 2023: वित्तीय वर्ष 2023-24 का आम बजट एक फरवरी, 2023 को पेश होगा. बजट को लेकर कई यादें झारखंड से भी जुड़ी है. हजारीबाग के सांसद रहे पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने 53 साल पुरानी शाम के वक्त बजट पेश करने की परंपरा को तोड़ा था. उन्होंने शाम पांच बजे की बजाए सुबह बजट पेश करने की शुरुआत की थी. वहीं, कई प्रमुख सुधारों का श्रेय भी इनको जाता है. हालांकि, वित्त मंत्री रहने के दौरान अपने नीतिगत फैसले के कारण उन्हें काफी आलोचना भी सहनी पड़ी थी.

यशवंत सिन्हा ने 53 साल पुरानी परंपरा को तोड़ा

ब्रिटिश जमाने से चली आ रही शाम के समय बजट पेश करने की परंपरा को वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने 1999 में इसे बदल दिया. उन्होंने 53 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए शाम की बजाए सुबह 11 बजे बजट पेश करने की शुरुआत की. बता दें कि इससे पूर्व भारतीय संसद की सुविधा की बजाए ब्रिटिश संसद की सुविधानुसार (1130 एएम, जीएमटी) में बजट पेश की जाती थी.

कई प्रमुख सुधारों का श्रेय

वित्त मंत्री रहते यशवंत ने कई प्रमुख सुधारों को आगे बढ़ाया. इसके तहत वास्तविक ब्याज दरों में कमी, ऋण भुगतान पर कर में छूट, टेलीकॉम सेक्टर को स्वतंत्र करना, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लिए धन मुहैया करवाने में मदद और पेट्रोलियम उद्योग को नियंत्रण मुक्त करने समेत कई अन्य सुधार किये.

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दो टर्म रहे चुके हैं वित्त मंत्री

अधिकारी से नेता बने यशवंत सिन्हा चंद्रशेखर मंत्रिमंडल में 10 नवंबर, 1990 से पांच जून, 1991 तक वित्त मंत्री के रूप में कार्य किये. उनके पहले कार्यकाल में देश में भुगतान का संतुलन काफी बिगड़ गया था. वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में पांच दिसंबर, 1998 से एक जुलाई, 2002 तक वित्त मंत्री रहे.

वित्त मंत्री रहते यशवंत सिन्हा से जुड़े बजट की खास बातें

वित्त मंत्री रहते हुए यशवंत सिन्हा ने टैक्स में रियायत समेत कई एक्ट लाए. इसके तहत हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए टैक्स में रियायत के अलावा फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट, सर्व शिक्षा अभियान की घोषणा, सॉफ्टवेयर निर्यात से होने वाली आमदनी को टैक्स फ्री करना आदि मुख्य है.

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